व्यंग्य राहुल बाबा का गीता ज्ञान June 11, 2017 | Leave a Comment मेरी राय है कि इसके बाद वे रामायण, महाभारत, वेद, पुराण और स्मृतियों का भी अध्ययन करें। अच्छा हो वे श्री गुरुग्रंथ साहब, बाइबल, कुरान, त्रिपिटक और जैनागम ग्रंथ भी पढ़ें। इससे उन्हें भारत में प्रचलित विभिन्न धर्म, पंथ, सम्प्रदाय और मजहबों के बारे में पता लगेगा। इस जन्म की तो मैं नहीं जानता, पर शायद इससे उनका अगला जन्म सुधर जाए। Read more » Featured Rahul Gandhi reading Gita and Upanishaad राहुल बाबा का गीता ज्ञान
व्यंग्य साहित्य चोरी और डकैती का लाइसेंस May 24, 2017 | Leave a Comment सच कहूं, मैं कपिल सिब्बल से बहुत प्रभावित हूं। यद्यपि मेरी उनसे आज तक भेंट नहीं हुई। भगवान न करे कभी हो। चूंकि वकील, डॉक्टर और थाने के चक्कर में एक बार फंसे, तो जिंदगी भले ही छूट जाए, पर ये पिंड नहीं छोड़ते। हमारे प्रिय शर्मा जी ने जवानी में डेढ़ साल कानून की […] Read more » कपिल सिब्बल
राजनीति विपक्षी एकता की (अ)संभावनाएं May 4, 2017 | Leave a Comment विपक्षी एकता की खिचड़ी पकाने के प्रयास फिर से हो रहे हैं। 1947 के बाद केन्द्र और राज्यों में प्रायः कांग्रेस का ही वर्चस्व रहता था। विपक्ष के नाम पर कुछ जनसंघी, तो कुछ वामपंथी ही सदनों में होते थे। 1967 में डा. राममनोहर लोहिया और दीनदयाल उपाध्याय के प्रयास से पहली बार यह खिचड़ी […] Read more » Featured मुस्लिम तुष्टीकरण
व्यंग्य नेता वही जो वोट दिलाये March 19, 2017 | Leave a Comment होली आते ही मौसम सुहावना हो जाता है। हर तरफ बसंती उल्लास। नाचते-गाते लोग। मस्ती करते पशु और चहचहाते पक्षी। स्वच्छ धरती और मुक्त आकाश। डालियों पर हंसते फूल और कलियां। शीतल और गुनगुनी हवा में अठखेलियां करती गेहूं की बालियां। ऐसा लगता है मानो अल्हड़ नवयौवनाएं एक दूसरे के गले में हाथ डाले पनघट […] Read more » नेता वही जो वोट दिलाये
व्यंग्य साहित्य वाद, विवाद और विकासवाद February 10, 2017 | Leave a Comment सिरदर्द के अनेक कारण होते हैं। कुछ आतंरिक होते हैं, तो कुछ बाहरी। पर मेरे सिरदर्द का एक कारण हमारे पड़ोस में रहने वाला एक चंचल और बुद्धिमान बालक चिंटू भी है। उसके मेरे घर आने का मतलब ही सिरदर्द है। कल शाम को मैं टी.वी. पर समाचार सुन रहा था कि वह आ धमका। […] Read more » Featured पूंजीवाद वाद विकासवाद विवाद विवाद और विकासवाद समाजवाद
व्यंग्य साहित्य आलू और पनीर (सेल्वम्) February 7, 2017 | Leave a Comment दुनिया की हर भाषा में लोकजीवन में प्रचलित प्रतीकों और मुहावरों का बड़ा महत्व है। फल-सब्जी, पशु-पक्षी और व्यवहार या परम्पराओं से जुड़ी बातें साहित्य की हर विधा को समृद्ध करती दिखती हैं। अब आप आलू को ही लें। यह हर सब्जी में फिट हो जाता है। इससे नमकीन और मीठे, दोनों तरह के व्यंजन […] Read more » Featured आलू और पनीर (सेल्वम्)
राजनीति कार्यकर्ता या नेता February 6, 2017 | Leave a Comment पिछले कई दिन से शर्मा जी से भेंट नहीं हुई। पता लगा कि वे चुनाव में व्यस्त हैं। असल में 40 साल की समाजसेवा के बावजूद उनकी ओर किसी का ध्यान नहीं गया। उनकी बड़ी इच्छा थी कि वे भी चुनाव लड़ें। चुनाव की चर्चा चलते हुए छह महीने हो गये; पर किसी दल ने […] Read more » Featured कार्यकर्ता या नेता
आलोचना राजनीति विचार और व्यवहार के बीच झूलती भारतीय राजनीति January 29, 2017 | 1 Comment on विचार और व्यवहार के बीच झूलती भारतीय राजनीति भारतीय राजनीति और राजनेता अजीब असमंजस में हैं। विचार पर दृढ़ रहें या व्यावहारिक बनें। पांच राज्यों के चुनाव के बीच यह यक्षप्रश्न एक बार फिर सिर उठाकर खड़ा हो गया है। आजादी से पहले भारत में कांग्रेस ही एकमेव दल था। उसका मुख्य लक्ष्य आजादी प्राप्त करना था। इसलिए विभिन्न विचारों वाले नेता वहां […] Read more » dynasty politics in political parties dynasty principle in political parties Featured pariwarwad in BJP परिवारवाद भा.ज.पा. में परिवारवाद भारतीय राजनीति राजनेता विचार और व्यवहार
राजनीति आरक्षण का भूत January 26, 2017 | Leave a Comment जहां तक आरक्षण के बारे में संघ का दृष्टिकोण है, तो इस बारे में तो संघ के किसी अधिकृत व्यक्ति की बात ही माननी होगी। संघ के सहसरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होस्बले का बयान इस बारे में आया भी है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जब तक जाति, जन्म और क्षेत्रगत असमानताएं हैं, तब तक आरक्षण जरूरी है; लेकिन इस बयान के बावजूद वे विघ्नसंतोषी लोग शांत नहीं हुए हैं, चूंकि उनका उद्देश्य समानता लाना नहीं, बल्कि चुनाव में भा.ज.पा. को हराना है। Read more » reservation during election आरक्षण आरक्षण का भूत
विविधा खादी को खुला बाजार दें January 19, 2017 | Leave a Comment इस वर्ष खादी विकास एवं ग्रामोद्योग आयोग ने अपने वार्षिक कैलेंडर एवं डायरी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चरखा चलाते हुए चित्र छापा है। इस पर कई लोग जल-भुन गये। कुछ कांग्रेसी, गांधीवादियों तथा भाजपाइयों ने अपने टेढ़े बयानों से इस विवाद की आग में घी डाल दिया। इन दिनों मीडिया वाले पांच राज्यों के […] Read more » Featured khadi खादी गांधी गांधी और मोदी मोदी
कहानी साहित्य प्यार की गरमी January 16, 2017 | Leave a Comment मोहन उनकी इरादे समझ गया। वह बोलना तो नहीं चाहता था, पर आज उससे रहा नहीं गया, ‘‘हां, ठीक कहते हो। तुम्हारे स्वेटर और कोट इतने गरम हो भी नहीं सकते। चूंकि उनमें पैसों की गरमी है और मेरे स्वेटर में दीदी के प्यार की गरमी। सब लड़कों का मुंह बंद हो गया। Read more » warmth of love प्यार की गरमी
कहानी साहित्य लघुकथा : बचपन की पूंजी January 12, 2017 | Leave a Comment घर में सब लोग साथ बैठकर खाना खा रहे थे। चार साल के बच्चे से लेकर 70 साल के बुजुर्ग सब वहां थे। मां सेब काट कर सबको दे रही थीं। जब उन्होंने चार साल के चुन्नू को भी एक फांक दी, तो वह मचलता हुआ बोला, ‘‘मैं दो सेब लूंगा।’’ मां ने चाकू […] Read more » बचपन की पूंजी