ईट का ज़बाब,पत्थर से देना जानते है

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ईट का ज़बाब,पत्थर से देना जानते है,
चीन तेरे घर में,घुस कर मारना जानते है।
मत दिखा अपनी हैंकड़ी,चीन अब तू हमें,
तेरी हैकडी भी हम निकालना जानते हैं।।
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शौर्य देख चीन दांतो तले,उंगलियां चबा बैठा,
पाक भी डरकर,चीन की गोद में जा बैठा।
सुन कर गर्जना,छप्पन इंची सीने वाले की,

चीन सारी गलवान घाटी खाली कर बैठा।।

चीन ज्यादा मत अकड़,तुझे नक्शे से हटा देंगे,
तेरी औकात जितनी है,उसे भी हम बता देंगे।
समझ रक्खा होगा,ये बासठ का भारत होगा।
ये बीस का भारत है,तुझे ये भी हम जता
देंगे।।


आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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