तर्ज: ब्रज रसिया
दोहा : मैया को समझाए रहे, प्यारे नन्द कुमार ।
राधा संग ब्याह की, कर रहे प्रभु गुहार।।
मु: मेरे मन को गई लुभाये (चुराए) – २
राधिका बरसाने वारी ——————_२
अ १: जब मैं गैया चराने जाऊं, मार्ग में ही जाये ठाड़ी पाऊं ।
मि: नैनन के तीर गई चलाय -२
(नैनों से गयी बतराये) -2
राधिका बरसाने वारी ——————_२
अ २ :होली कौ मोये दे गई न्योता।
सब गवैयों संग में न्योता।।
मि : पतौ घर क़ो गई बताय।।
राधिका बरसाने वारी ——————_२
अ ३ : सीधी सड़क गई बरने कूँ।
पूछ लीजियौ चाहे जा कूँ।।
मि: अपनौ महल गई समझाय ।।
(वृसभान महल पै जइयो आय ||)
राधिका बरसाने वारी ——————_२
अ ४ : बरसाने से मैया चर्चा चलाय दे ।
वृष्भान लाली से मेरो ब्याह कराय दे।।
मि: मेरे मन में गयी समाय
राधिका बरसाने वारी ——————_२
अ ५: तू मैया मन में क्यों घबराती ।
नन्दो बल्लो भी बनेंगे बाराती ।।
मि : रहे राकेश भजन सुनाय |
राधिका बरसाने वारी ——————_२
नन्दो भैया हाथरसी