राजनीति

भाजपाई अश्वमेध का घोड़ा- कर्नाटक में क़ैद…

श्रीराम तिवारी

माननीय राज्यपाल {कर्णाटक}हंसराज भारद्वाज देश के उन बचे-खुचे कांग्रेसियों में से हैं जो न केवल विधि विशेषग्य अपितु केंद्र राज्य संबंधों के प्रखर अध्येता भी रहे हैं ; उन्होंने जब कर्णाटक के वर्तमान मुख्यमंत्री श्री येदुरप्पा के खिलाफ आपराधिक मुकद्दमें की अनुमति दी तो कर्णाटक में गुंडों ने आसमान सर पर उठा लिया.

उम्मीद की जा सकती थी कि- जिस तरह विगत ६-७ साल पहले मध्यप्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल भाई महावीर जी ने जब ठीक इसी तरह का निर्णय तब तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ दिया तो मध्यप्रदेश में पत्ता भी नहीं खड़का . कोई सड़क पर नहीं आया ,किसी ने बस या रेल नहीं रोकी और न किसी ने उन्हें जलाया, कर्णाटक में भी यदि भाजपा कानून-सम्मत प्रजातान्त्रिक तौर तरीके से पेश आती तो भारतीय à ��ोकतंत्र को दक्षिण भारत में एक राष्ट्रीय पार्टी के होने से और ज्यादा बल मिलता किन्तु यह उसका नौसीखियापन ही माना जायेगा कि जैसे-तैसे आजादी के ६४ साल बाद दक्षिण के ४-५ राज्यों में से एक प्रमुख राज्य कर्णाटक में अवसर तो मिला किन्तु अपने भृष्ट और दबंगी आचरण ने सब कुछ तार-तार करके रख दिया है .येदुरप्पा सरकार ने पहले तो अपनी ही पार्टी भाजपा के आलाकमान को कई बार लज्जित किया और अब राज्यप ाल के सम्मानित पद समेत कर्णाटक की आम जनता को एड्डियों-रेड्डीयों के पैरों तले कुचलने को को आतुर हो रही है .

किसी भी सरकार का पहला कर्तव्य यह होता है कि- जान-माल की हिफाजत करना; क़ानून पर अमल करना, किन्तु जिस तीव्रता से कर्नाटक सरकार ने केंद्र और राज्यपाल पर आक्रामक तेवर दिखाए, देश भर में दुष्प्रचार किया और भाजपा कार्यकर्ताओं ने कर्णाटक में बसें जलाकार ,रेलें रोककर दुकाने लूटकर कोहराम मचाया वह शासन नहीं -अराजकता है .आप सत्ता में हैं और देश के खिलाफ काम करेंगे ,जनता को परेशान करेंगे औ�¤ ° भू-माफियाओं की चाकरी करेंगे तो यह अपराध की कोटि में आता है और देश को मौजूदा दौर के अनेकानेक संकटों में इजाफा करेंगे तो आपको सत्ता से हटाना भी जनता को आता है .

जब स्वयम येदुरप्पा जी अपने सगे सम्बन्धियों को दी गई जमीने वापिस लौटाने और भू-माफिया से किनारा करने का वादा कर चुके थे तो पूरे कर्णाटक में सिर्फ इस वजह से की राज्यपाल ने मुकद्दमें की अनुमति क्यों दी ?

पूरे राज्य में अव्यवस्था फैलाना कौनसी राष्ट्रभक्ति है ? पहले भी लालूप्रसाद यादव , ए आर अंतुले ,जयललिता ,और अन्य के खिलाफ भी ऐसे ही मामले पेश हुए हैं फिर इस रेड्डी आतंक से चारित्रिक स्खलन क्यों? यदि हंसराज भारद्वाज ने अनुमति देकर कोई अनीति की है तो यह किसने कहा की आप मौखिक और संवैधानिक विरोध नहीं करें ? आप यदि देशभक्ति से सराबोर हैं तो क़ानून के अस्त्र में यकीन क्यों नहीं करते ? मानव -अधिकार कार्यकर्ता विनायक सेन को सजा होने पर जब इन पंक्तियों के लेखक समेत अनेक प्रजतान्त्र-वादियों ने अपना आक्रोश वेब मीडिया और अन्य माध्यमों से देश और दुनिया के समक्ष रखा तो देश की दक्षिण पंथी कतारों को यह नितांत अहिंसक और बौद्धिक प्रतिवाद भी नाकाबिले बर्दाश्त था. अब आपके सामने एक साफ़ सुथरी अवस्था में क़ानून सम्मत रास्ता है तो आप उसी राह में स्वयम रोड़े अटका रहे हैं ,बसें जला à ��हे हैं ,अंट-शंट बयानवाजी कर रहे हैं.

हाल ही में कर्नाटक के स्थानीय निकाय के चुनावों में भाजपा को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा ; कर्णाटक भाजपा अब पूरी तरह से एड्डी -रेड्डी के हाथों में जा चुकी है .अब भाजपाई अश्वमेध का घोडा आंध्र ,तमिलनाडु ,या केरल की ओर बढ़ने के बजाय खनन+भू-माफियों की नांद का गन्दा पानी पीकर मरणासन्न हो चला है .भाजपा की सरकार ने चंद-स्वार्थियों की खातिर जनता के प्रति तमाम जिम्मेदारियों को जमींद ोज कर दिया है.गडकरी जी, आडवानी जी ,सुषमा जी और अनंत जी सब पर येदुरप्पा अकेले ही भारी हैं ;येदुरप्पा पर रेड्डी बंधू भारी हैं …इन बंधुओं की महिमा न्यारी है .वे धन बल से भाजपा हाईकमान को अपने कब्जे में ले चुके हैं .

भाजपा का शीर्षस्थ नेतृत्व और संघ-परिवार सोचतें हैं कि वे जोड़ रहे हैं हकीकत ये है कि सब मिलकर अंदर से फाड़ रहे हैं .भाजपा चाहती तो है की अमर-अकबर-अन्थोनी सबका प्यार उसे मिले पर सत्ता में आने पर उसकी कारगुजारी अवाम के खिलाफ हुआ करती है .उसके नेतृत्व में नासमझी और कच्चापन साफ़ झलकता है

भाजपा का पूरा चाल -चेहरा -और चरित्र बदल चुका है ,विचारों कि जगह गुंडा-गिरदी ने ले ली है .नेता और कार्यकर्त्ता विवेकहीन ही नहीं अपितु बातचीत कि बजाय हाथा-पाई पर उतारू होने लगे हैं ..उसका आचरण और रुझान लोकतंत्र .के खिलाफ और फासीवाद कि ओर धीरे -धीरे बढ़ रहा है ..देश कि जनता को आने वाले दिनों में भी महंगाई बढाने वाली भ्रष्ट कांग्रेस के हाथों लुटते रहने की नियति सी वन चुकी है .विपक्ष सभी जगह खंड-खंड हो रहा है .भाजपा बंगलौर से आगे बढ़ने के बजाय भू-माफियाओं, खनन-माफियाओं की देहरी पर सूर्यास्त का इन्तजार कर रही है ….