भाजपा सोच बदले सत्ता खुद बदल जायेगी!

शादाब जफर‘शादाब’

बसपा से निकाले गये दागी विधायक बाबू सिंह कुशवाहा का आखिरकार वो ही हाल हुआ जो होना था यानी बेचारे घर के रहे न घाट के। बसपा ने जो दाग दिया दिया लेकिन भाजपा ने तो इस काबिल भी नही छोडा कि कुशवाहा किसी ओर पार्टी में जा सके। कुछ भी हो नितिन गडकरी, विनय कटियार, मुख्तार अब्बास नकवी और सूर्य प्रताप शाही को अपनी औकात मालुम हो गई। बाबूसिंह कुशवाहा को भाजपा में लेने के लिये जितनी जल्दी भाजपा के इन बडबोले नेताओ ने दिखाई वो वास्तव में भाजपा के लिये आत्मघाती कदम कहा जा सकता है। जिस भ्रष्टचार को मिटाने के लिये भाजपा कांग्रेस पर आरोप पर आरोप लगा रही हो संसद ठप कर दी गई हो उसी भ्रष्टाचार के आरोपो में बसपा से निकाले गये राज्य के एक मंत्री को पार्टी में लेने के लिये अपने वरिष्ठ नेताओ को अपने पक्ष में न लेना और उन को नजर अंदाज करके बाबू सिंह कुशवाहा जैसे भ्रष्ट नेता को पार्टी की सदस्यता दिला देना भाजपा के मजबूत किले में दरारो का होना और इस की अपने ही लोगो द्वारा नींव को कमजोर करना दर्शा रहा है। यदि भाजपा में बसपा के दागी बाबू सिंह कुशवाहा की एंट्री पर आडवाणी, सुषमा, अरूण जेटली विरोध न करते और गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ ये न कहते की अगर भ्रष्टाचारी लोग पार्टी में रहेगे तो वो पार्टी में नही रहेगे, वो भाजपा से इस्तीफा दे देगे यदि जरूरी हुआ तो वो राजनीति भी छोड देगे, वो इस मुद्दे पर किसी भी हद तक जा सकते है। तो शायद इतनी जल्दी कुशवाहा की सदस्यता स्थगित नही होती और न ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित बाबूसिंह कुशवाहा के प्रेम में और वोट बैंक में दिवाने हुए जा रहे लोगो को जोर का झटका इतनी जल्दी इतनी जोर से ही लगता। लाल कृष्ण आड़वाणी जी की हैसियत आज भाजपा में किस मुकाम पर आ पहुंची है इस का आंकलन इन लोगो को जरूर कर लेना चाहिये। अटल विहारी वाजपेयी आज उम्र के जिस पड़ाव पर पहुँच चुके है पार्टी को उन से अब ज्यादा उम्मीद नही है क्यो कि वो पार्टी प्रचार के लिये कही आ जा नही सकते होशो हवास ऐसे नही रह गये की अटल जी मंच पर ही कुछ बोल दे लेकिन इस सब के बावजूद अटल जी की खिदमात को भाजपा कभी नही भूला सकती। अटल जी का किरदार आज भी पार्टी में भाजपा और मुस्लिमो के बीच एक सेतू का काम करता है।

ये अटल जी का ही किरदार था की भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस को पछाड़ कर केंद्र की सत्ता में आई और अटल जी ने दो बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। आज मुस्लिम भाजपा से नाराज नही है भाजपा के कुछ ऐसे बडबोले लोगो से नाराज है जो जब जब बोलते है मुस्लिमो के विरोध में बोलते है, में कहना और पूछना चाहता हॅू कि भाजपा क्या क्षेत्रीय पार्टी है, क्या भाजपा केवल हिंदुओ की पार्टी है, नही फिर इस के कुछ कार्यकर्ता इस प्रकार की सोच क्यो रखते है। आज देश के सब से बडा प्रदेश, उत्तर प्रदेश में विधान सभा की सही स्थति नही पता चल पा रही कि आखिर ऊॅट किस करवट बैठेगा। पर अगर ये ही हालात रहे तो प्रदेश की तरक्की पर इस का असर जरूर पडेगा सरकार तो जरूर बनेगी और अगर केंद्र की तरह उत्तर प्रदेश की सरकार भी अपाहिज बनी, यानी दो तीन पार्टियो के सहारे से काम चला और जुगाड कर के सरकार बनाई गई तो निसंदेह प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पडेगा क्यो की ऐसी बनने वाली सरकारो के साथ हमेशा ऐसा ही होता है। मंत्री और विधायको का सौदा होगा, जनता का पैसा, योजनाए, भ्रष्टाचार की भेट चढ जायेगी। ऐसे में भाजपा को आनी साख बचानी और बनानी चाहिये। प्रदेश का मुस्लिम भाजपा को बुरा नही मानता इस बात को भाजपा के जिम्मेदार लोगो को मजबूती और पक्के यकीन के साथ खुद भी मानना चाहिये और इस बात का मुस्लिमो को भी यकीन दिलाना चाहिये की भाजपा किसी विशेष वर्ग की विशेष विचारधारा की पार्टी नही है बल्कि भाजपा पूरे हिंदुस्तान के लोगो के हितो की रक्षा करने वाली एक एक भारतीय की अपनी पार्टी है। भाजपा का अपने एजेंडे से राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को ठीक उसी प्रकार अब निकाल देना चाहिये जिस प्रकार देश के हिंदू मुसलमानो ने इसे निकाल दिया। आज कहा है बाबरी मस्जिद कहा है राम मंदिर।

मुम्बई पर आतंकवादी हमला हुआ पूरा देश, देश के साथ था। भ्रष्टाचार की बात अन्ना ने छेड़ी देश अन्ना के साथ था। कारगिल की जंग पाकिस्तान ने छेडी हिंदू मुस्लिम नौजवानो ने अपनी शहादत देकर दिखा दिया हम सब एक है। आखिर भाजपा मंदिर मस्जिद वाली अपनी छवि से बाहर क्यो आना नही चाहती, क्यो बाहर नही निकलना चाहती भाजपा हिंदुत्व की विचारधारा से। आज इस वक्त देश और देश के हालात जिस मुकाम पर आ पहुंचे है वहा बात न मंदिर की होनी चाहिये, न मस्जिद की ,न हिंदू की होनी चाहिये, न मुसलमान की,, बात सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तान की होनी चाहिये, इसकी तरक्की की होनी चाहिये ,कौमी एकता की होनी चाहिये ,ऐसे विचारो की होनी चाहिये जिस से हमारे पडोसी देशो को सबक मिले। आखिर हम अपने ही भाईयो का हक मार मारकर विदेशो में पैसा क्यो जमा कर रहे है इस पर भी हमे सोचना चाहिये। देश के हालात व उत्तर प्रदेश के हालात आज भाजपा के साथ है, उत्तर प्रदेश की सत्ता भविष्य में भाजपा के बहुत नजदीक है, अब भाजपा को अपने राजनीतिक कौशल का परिचय देना है और इस के साथ ही कौमी एकता का परिचय भी देना होगा। भाजपा को केवल अपनी सोच बदलनी है केद्र और उत्तर प्रदेश की सत्ता अपने आप बदल जायेगी।

6 COMMENTS

  1. यकीनन भाजपा में बहुत सारी संभावनाएं हैं. उसे कुछ बाते कोंग्रेस से तो कुछ बाते कम्यूनिस्टो से सीखनी चाहिए. चाहे भाजपा कोंग्रेस या एनी डालो से हजार गुना बेहतर बन जाए तो भी अपनी थू-थू ही करायेगी. क्योंकि मीडिया उसके पीछे सुपारी लेकर पडी है. लिहाजा सबसे पहले मीडिया को अपने हक़ में मैनेज करने का तरीका जरूर सीख लेना चाहिए.

  2. भाजपा (एवं भाजपा का रिमोट संघ) कौमी एकता की बात करे ये तो अप्रत्याशित कल्पना है! मैं तो केवल इतना ही कहना चाहता हूँ कि भाजपा यदि केवल दो फीसदी हिन्दुओं के स्वार्थी धार्मिक प्रावधानों को भुलाकर सम्पूर्ण दबे कुचले हिन्दुओं की सच्ची चिंता करे और दबे कुचलों को बर्बाद करने तथा आपस में लड़ाने की कुनीति को छोड़कर यथार्थ में लोक कल्याण की बात करने लगे! भ्रष्टाचार के आरोपी यदियुरप्पा तथा निशंक जैसों को बाहर का रास्ता दिखा दे! तो भाजपा अनन्त काल तक इस देश पर शाशन कर सकती है! लेकिन कड़वा सच तो यह है कि भाजपा आम हिन्दू या आम भारतीय के लिए सत्ता में नहीं आना चाहती, बल्कि वह तो कट्टरता के पुजारियों, मंदिर-मस्जिद के नाम पर उपद्रव फ़ैलाने वालों, अल्प संख्यको का कत्लेआम करने और कराने वालों को बढ़ावा देने वालों, दबे कुचले वर्गों के संवैधानिक हकों को छीनने और देश को लूटने वालों को संरक्षण देने के लिए सत्ता में आना चाह्ती है! देश का प्रधानमंत्री आडवानी और नरेन्द्र मोदी जैसों को बनाना चाहती है! जिनके नाम से ही आम, निरीह और कमजोर लोगों के मन में खौफ पैदा होता है! ऐसे में भाजपा को सत्ता में लाने का जोखिम उठाने से पूर्व बहु संख्यक मतदाता को बार-बार सोचना होगा! फिर भी मैं कहना चाहता हूँ कि अभी भी समय है कि भाजपा अपना सच्चा राष्ट्र धर्म निभाए! केवल कथित साधु-संतों के भरोसे सत्ता हासिल या संचालित नहीं की जा सकती!
    डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’
    संपादक प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित हिन्दी पाक्षिक)

  3. भाजपा आर अस अस से जुडी है संघ अपनी सोच बदल नहीं सकता सो भाजपा भी नहीं बदल सकती.

  4. शादाब जफर‘शादाब’ जी इस विद्वता पूर्ण और संतुलित लेख के लिए बधाई.ऐसे तो आपका पूरा लेख आम आदमी की सोच को दर्शाता है,पर अंत में जब लिखते हैंकि
    “आज इस वक्त देश और देश के हालात जिस मुकाम पर आ पहुंचे है वहा बात न मंदिर की होनी चाहिये, न मस्जिद की ,न हिंदू की होनी चाहिये, न मुसलमान की,,बात सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तान की होनी चाहिये, इसकी तरक्की की होनी चाहिये ,कौमी एकता की होनी चाहिये ,ऐसे विचारो की होनी चाहिये जिस से हमारे पडोसी देशो को सबक मिले। आखिर हम अपने ही भाईयो का हक मार मारकर विदेशो में पैसा क्यो जमा कर रहे है इस पर भी हमे सोचना चाहिये।”तो पढ़ कर हृदय गद गद हो जाता है और लगता है कोई भी दल इस भावना से क्यों नहीं काम करता कि हम सब भारतीय हैं और केवल भारतीय. जाति, धर्म और मजहब का व्यक्तिगत जीवन में अपना महत्त्व हो सकता है,पर राष्ट्र हित इन सबसे ऊपर है,जब तक इस विचार धारा को आगे नहीं बढाया जाएगा तब तक इस देश की एकता खतरे में रहेगी और इसका भविष्य अंधकारमय ही रहेगा.

  5. SARKARI VYAPAR BHRASHTACHAR
    Posted on January 10, 2012 at 1:37 pm
    ||ॐ साईं ॐ || सबका मालिक एक है ,इसीलिए प्रकृति के नियम कानून एक है .

    कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है …..किन्तु नागरिको के लिए नियम कानून अनेक है ,,,,क्यों ?…………………………………………………देश में आतंकी वादी मजा के कर रहे है और हिन्दू सजा भोग रहे है ……अब फैसला यु.पी.,उत्तराखंड,मणिपुर,और गोवा के साथ पुरे देश की जनता को करना है…..इस बार कांग्रेस की सारे देश में जमानत जप्त होना चाहिए ….क्योकि की भ्रष्टाचारियो को इससे बड़ी सजा कोई सजा नहीं हो सकती है ………………………………………………….सरकारी व्यापार भ्रष्टाचार

  6. इस लेख पर मुझे मेरे कुछ साहित्यिक मित्रो के फोन आ रहे है कि मैने आज भाजपा की खुलकर तारीफ क्यो कर दी। में उन सब मित्रो को बताना चाहता हॅू कि में एक पत्रकार हूॅ और भाई किसी भी राजनीतिक पार्टी या राजनेता से कोई बेर नही। में हमेषा वो ही लिखता हॅू जो मुझे सच्चा और सही लगता है भाजपा यकीनन अगर अपनी सोच बदल ले तो हिंदुस्तान की राजनीति में भुचाल आ जायें ये मेरा वादा है।

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