जनसाधारण को समर्पित है भाजपा का संकल्प पत्र

-डॉ. सौरभ मालवीय
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने व्यक्तित्व एवं कृत्तिव से भारतीय राजनीति में अपनी एक ऐसी पहचान स्थापित की है जिसका कोई अन्य उदाहरण दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होंने भाजपा को निरंतर दस वर्ष केंद्र की सत्ता में बनाए रखा। भाजपा की प्राय: सभी पुरानी घोषणाओं विशेषकर अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने, नागरिक संशोधन अधिनियम, तीन तलाक, लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई सीटों पर आरक्षण देने आदि को पूर्ण करके यह सिद्ध कर दिया है कि भाजपा की कथनी एवं करनी में कोई अंतर नहीं है। इसीलिए भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 के घोषणा पत्र को ‘भाजपा का संकल्प मोदी की गारंटी 2024’ नाम से जारी किया है। इस संकल्प पत्र की एक विशेष बात यह भी है कि इसमें भाजपा ने जनता से कोई लुभावना वादा नहीं किया है। भाजपा का संपूर्ण ध्यान जनता को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने एवं विकास पर है। इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार एवं विकास पर विशेष बल दिया गया है। वास्तव में यह संकल्प पत्र युवाओं, महिलाओं, किसानों एवं निर्धन वर्ग पर केंद्रित है।
भाजपा द्वारा इस संकल्प पत्र में जनता को मोदी की गारंटी दी गई है। गरीब परिवारों की सेवा- मोदी की गारंटी, मध्यम-वर्ग परिवारों का विश्वास, नारी शक्ति का सशक्तिकरण, युवाओं को अवसर, वरिष्ठ नागरिकों को वरीयता, किसानों का सम्मान, मत्स्य पालक परिवारजनों की समृद्धि, श्रमिकों का सम्मान, एमएसएमई, छोटे व्यापारियों और विश्वकर्माओं का सशक्तिकरण, सबका साथ सबका विकास, विश्व बंधु भारत, सुरक्षित भारत, समृद्ध भारत, ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा भारत, विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर, ईज ऑफ लिविंग, विरासत भी विकास भी, सुशासन, स्वस्थ भारत, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, खेल के विकास, सभी क्षेत्रों के समग्र विकास, तकनीक एवं नवाचार तथा पर्यावरण अनुकूल भारत- मोदी की गारंटी सम्मिलित है।
इसमें दो मत नहीं है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र ने भाजपा की वे पुरानी घोषणाओं को पूर्ण किया, जिन्हें पूर्व की सरकारों ने विवादास्पद बना रखा था। वे सरकारें इन विषयों को स्पर्श भी नहीं कर पा रही थीं। उन्हें लगता था कि ऐसा करने से उनका ‘वोट बैंक’ उनसे छिन जाएगा। शाहबानो प्रकरण में कांग्रेस पीड़ित वृद्ध महिला का साथ देने की बजाय उसके पति के साथ खड़ी हो गई। यद्यपि उसने अपनी वृद्ध पत्नी पर अत्याचार करते हुए उसे तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया था। कट्टरपंथियों के दबाव में कांग्रेस झुक गई। परिणामस्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने संसद में विधेयक पास करवाकर शाहबानो जैसी महिलाओं के लिए समस्याएं खड़ी कर थीं। किन्तु यह श्री नरेंद्र मोदी का दृढ़ संकल्प ही था कि उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के अभिशाप से छुटकारा दिलाने के लिए कानून बनाया। उन्होंने ऐसे अनेक कड़े निर्णय लिए। वे किसी भी दबाव के आगे नहीं झुके. इसमें तनिक भी संदेह नहीं है कि श्री नरेंद्र मोदी जैसा मजबूत प्रधनामंत्री ही देश को आगे लेकर जा सकता है।
अभी देश में ‘समान नागरिक संहिता’ लागू करने का प्रकरण लंबित है। इस संकल्प पत्र के सुशासन की मोदी की गारंटी के द्वितीय बिंदु में कहा गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 में समान नागरिक संहिता राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों के रूप में दर्ज की गई है। भाजपा का मानना है कि जब तक भारत में समान नागरिक संहिता को अपनाया नहीं जाता, तब तक महिलाओं को समान अधिकार नहीं मिल सकता। भाजपा सर्वश्रेष्ठ परंपराओं से प्रेरित समान नागरिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें उन परंपराओं को आधुनिक समय की जरूरतों के मुताबिक ढाला जाए।
इसमें तनिक भी संदेह नहीं है कि यदि भाजपा को तृतीय बार केंद्र में सत्ता में आने का अवसर मिल जाता है तो वह अपने इन वादों को भी पूर्ण करेगी।
भाजपा ने कहा है कि हमारा सुशासन का मूल मंत्र है। हमने पिछले दशक में अपनी नीतियों, तकनीकी के उपयोग और सरल प्रक्रियाओं के माध्यम से देश में सुशासन के नए आयाम कायम किए हैं। हम नागरिक और सरकार के बीच संबंध को निरंतर बेहतर बनाने के लिए संस्थागत सुधार करते रहेंगे और तकनीकी के सही उपयोग से सभी प्रक्रियाओं को सरल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे।
इस संकल्प पत्र में मोदी के दस वर्ष के शासनकाल में हुए कार्यों का आंकड़ों के साथ उल्लेख किया गया है। यद्यपि कोई भी सरकार अपनी पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियों का उल्लेख करती है, परंतु भाजपा ने दस वर्षों के कार्यों का उल्लेख किया है। भाजपा अपने चुनाव प्रचार में दस वर्ष की उपलब्धियों के आधार पर ही जनता से समर्थन मांग रही है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पिछले दस साल में हमने समय के हर पल को जनकल्याण के लिए समर्पित करने का प्रयास किया है। पिछले एक दशक में देश आमूलचूल बदलावों का साक्षी बना है। एक तरफ देश तेजी से प्रगति के पथ पर बढ़ा है तो वहीं देशवासियों के मन में भी एक सकारात्मक बदलाव हुआ है। बड़े लक्ष्य तय करके उसे हासिल करने की धारणा मजबूत हुई है। उन्होंने दावा किया कि पिछले दस साल में हम ‘फ्रेजाइल-5’ अर्थव्यवस्था से ‘टॉप-5 अर्थव्यवस्था’ बन चुके हैं। देश के अर्थतंत्र में हुए इस बदलाव का सबसे बड़ा लाभ उन देशवासियों को मिला है, जो वाकई जरूरतमंद हैं। इस बदलाव का सबसे बड़ा लाभ समाज के गरीब, वंचित और मध्यम वर्ग को मिला है। सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास केवल हमारा नारा ही नहीं, बल्कि हमारी प्रतिबद्धता है।
उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। दशकों से बुनियादी जरूरतों की पूर्ति से वंचित रहे इन 25 करोड़ लोगों का जीवन स्तर बहुत बेहतर हुआ है। यह गरीबों के खिलाफ हमारी लड़ाई की जीत है। आज ऐसे लोगों तक न सिर्फ आवास, गैस कनेक्शन, शौचालय की सुविधाएं पहुंच रही हैं, बल्कि उससे कहीं आगे नए दौर के ऑप्टिक फाइबर कनेक्शन, डिजिटल समाधान और ड्रोन तकनीक इत्यादि भी इनके अपने हाथों में है।
देश में पिछले 10 साल में हुए सामाजिक-आर्थिक बदलावों का लाभ हमारी महिला, किसान, मछुआरा समाज, रेहड़ी-पटरी वेंडर्स, छोटे कारोबारियों तथा एससी, एसटी और ओबीसी को मिला है। तकनीक के माध्यम से ये वर्ग लाभान्वित भी हो रहे हैं और सशक्त भी। जनधन-आधार-मोबाईल ट्रिनिटी के कारण इनका लाभांश सीधे इन्हें बिना किसी बिचौलिए के मिलना संभव हुआ है।

उन्होंने युवाओं का उल्लेख करते हुए कहा है कि देश के विकास में हमारी युवाशक्ति की भूमिका बहुत बड़ी है। भारत के युवा ने न सिर्फ बड़े सपने देखने की हिम्मत की है, बल्कि अन्तरिक्ष, खेल और स्टार्ट-अप जैसे विभिन्न क्षेत्रों में बड़े सपने साकार करने के लिए भी उत्कृष्ट कार्य किया है। पिछले दस वर्षों में चाहे शिक्षा हो, रोजगार हो या उद्यमिता हो, हमारे युवाओं के लिए करोड़ों नए अवसर पैदा हुए हैं।
वर्ष 2014 में जब केंद्र में भाजपा की सरकार बनी थी, उसी समय भाजपा ने 2047 को अपना लक्ष्य बना लिया था। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 2014 में हमें आपका आशीर्वाद और मिला समर्थन मिला तो हम इन बड़े बदलावों को कर पाए। 2019 में पहली बार से बड़ा जनादेश मिला तो विकास की गति और तेजी से आगे बढ़ी। बड़े-बड़े निर्णय लिए गये। आपका आशीर्वाद लेकर अगले पांच साल हम 24 घंटे 2047 के लिए संघर्ष करेंगे, ये मोदी की गारंटी है।
वास्तव में भाजपा का यह संकल्प पत्र जन साधारण से जुड़ा हुआ है. इसलिए इसमें कही गई बातें लोगों को प्रभावित अवश्य करेंगी.

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डॉ. सौरभ मालवीय
उत्तरप्रदेश के देवरिया जनपद के पटनेजी गाँव में जन्मे डाॅ.सौरभ मालवीय बचपन से ही सामाजिक परिवर्तन और राष्ट्र-निर्माण की तीव्र आकांक्षा के चलते सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए है। जगतगुरु शंकराचार्य एवं डाॅ. हेडगेवार की सांस्कृतिक चेतना और आचार्य चाणक्य की राजनीतिक दृष्टि से प्रभावित डाॅ. मालवीय का सुस्पष्ट वैचारिक धरातल है। ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और मीडिया’ विषय पर आपने शोध किया है। आप का देश भर की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं एवं अंतर्जाल पर समसामयिक मुद्दों पर निरंतर लेखन जारी है। उत्कृष्ट कार्याें के लिए उन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जा चुका है, जिनमें मोतीबीए नया मीडिया सम्मान, विष्णु प्रभाकर पत्रकारिता सम्मान और प्रवक्ता डाॅट काॅम सम्मान आदि सम्मिलित हैं। संप्रति- माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। मोबाइल-09907890614 ई-मेल- malviya.sourabh@gmail.com वेबसाइट-www.sourabhmalviya.com

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