जन-जागरण धर्म-अध्यात्म आत्मिक सुख एवं शुद्धि का पर्व है पर्युषण August 17, 2020 / August 17, 2020 by ललित गर्ग | Leave a Comment पर्युषण पर्व- 15-22 अगस्त 2020 पर विशेष-ललित गर्ग- पर्युषण जैन समाज का एक ऐसा महान् पर्व है, जो प्रति वर्ष सारी दुनिया में जैन धर्म के सभी पंथों एवं परम्पराओं में आत्मशुद्धि एवं आपसी प्रेम-मैत्री जैसे विशिष्ट आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिये मनाया जाता है। यह एक सार्वभौम पर्व है, मानव मात्र का पर्व है। पूरे विश्व […] Read more » Paryushan is a festival of spiritual happiness and purification
धर्म-अध्यात्म अपनी जीवन यात्रा को इसके लक्ष्य पर पहुंचाने का प्रयत्न करना चाहिये August 16, 2020 / August 16, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य वा इसकी आत्मा एक यात्री के समान हैं जो किसी लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए अपने वर्तमान जन्म व जीवन में यहां तक पहुंची हैं। मनुष्यों की अनेक श्रेणियां होती हैं। कुछ ज्ञानी व बुद्धिमान होते हैं। वह अपने सब काम सोच विचार कर तथा विद्वानों की सम्मति सहित ऋषियों […] Read more »
धर्म-अध्यात्म संसार में ईश्वर एक ही है और वह सबसे महान और महानतम है August 16, 2020 / August 16, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हमारा यह संसार मनुष्यों वा जीवात्माओं के सुख के लिये बनाया गया है। बनाने वाली सत्ता को हम ईश्वर के नाम से जानते हैं। ईश्वर ने इस संसार को बनाया भी है और वही इसको व्यवस्थित रूप से चला भी रहा है। सूर्य समय पर उदय होता है। सूर्य अपनी धूरी […] Read more » There is only one God in the world and He is the greatest and greatest ईश्वर ईश्वर एक ही है
धर्म-अध्यात्म मनुष्य जीवन का कल्याण वेदज्ञान के धारण व आचरण से ही संभव August 14, 2020 / August 14, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य परमात्मा ने हमें मनुष्य जीवन दिया है। हमारा सौभाग्य है कि हम भारत में जन्में हैं जो सृष्टि के आरम्भ से वेद, ऋषियों व देवों की भूमि रही है। मानव सभ्यता का आरम्भ इस देवभूमि आर्यावर्त वा भारत से ही हुआ था। मनुष्य जीवन की उन्नति व कल्याण के लिए परमात्मा […] Read more » वेदज्ञान वेदज्ञान के धारण व आचरण
धर्म-अध्यात्म क्या हमारा अगला जन्म मनुष्य योनि में होगा? August 12, 2020 / August 12, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य संसार में हम चेतन जीवात्माओं के अनेक योनियों में जन्मों को देखते हैं। मनुष्य जन्म में उत्पन्न दो जीवात्माओं की भी सुख व दुःख की अवस्थायें समान नहीं होती। मनुष्य योनि तथा पशु–पक्षी की सहस्रों जाति प्रजातियों में जीवात्मायें एक समान हैं जिनके सुख दुःख अलग–अलग हैं। इसका कोई तो कारण […] Read more » अगला जन्म मनुष्य योनि में
धर्म-अध्यात्म हमारी यह सृष्टि सर्वव्यापक और सर्वशक्तिमान ईश्वर से बनी है August 12, 2020 / August 12, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हम इस संसार के पृथिवी नाम के एक ग्रह पर जन्में हैं, यहीं पले व बढ़े हैं तथा इसी में हमारी जीवन लीला समाप्त होनी है। हमारी यह सृष्टि आदि काल में, जिसे काल गणना के आधार पर 1 अरब 96 करोड़ 08 लाख 53 हजार 120 वर्ष पुराना माना जाता […] Read more » ईश्वर सर्वव्यापक और सर्वशक्तिमान ईश्वर
जन-जागरण धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार लेख आत्मा को दीप्त करता महापर्व-पर्युषण August 11, 2020 / August 11, 2020 by आचार्य डाॅ. लोकेशमुनि | Leave a Comment पर्युषण महापर्व 15 अगस्त- 22 अगस्त, 2020 पर विशेष – आचार्य डाॅ.लोकेशमुनि-जैन संस्कृति में जितने भी पर्व व त्योहारों मनाये जाते हैं लगभग सभी में तप एवं साधना का विशेष महत्व है। जैनों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पर्व है पयुर्षण पर्व । यह पर्व ग्रंथियों को खोलने की सीख देता है और आत्मशुद्धि का वातावरण निर्मित करता […] Read more » Mahaparava-Paryushan पर्युषण महापर्व
धर्म-अध्यात्म समाज ऋषि दयानन्द का गृहाश्रम पर पठनीय महत्वपूर्ण उपदेश August 10, 2020 / August 10, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द का सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ विश्व प्रसिद्ध ग्रन्थ है। इसके चैथे अध्याय में समावर्तन, विवाह तथा गृहाश्रम पर उपदेश प्रस्तुत किये गये हैं। जैसा उपदेश ऋषि दयानन्द जी ने सत्यार्थप्रकाश में प्रस्तुत किया है वैसा उनके समय व पूर्वकाल में अन्यत्र प्राप्त होना दुर्लभ था। इसका दिग्दर्शन कराने के लिये हम […] Read more » Important sermons read by sage Dayanand on home ऋषि दयानन्द सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ
धर्म-अध्यात्म हमारा यह संसार तीन अनादि व नित्य सत्ताओं की देन है August 8, 2020 / August 8, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हमारा यह जगत सूर्य, चन्द्र, पृथिवी सहित अनेकों ग्रह व उपग्रहों से युक्त है। इस समस्त सृष्टि में हमारे सौर्य मण्डल के समान अनेक व अनन्त सौर्य मण्डल हैं। इतने विशाल जगत् को देखकर जिज्ञासा होती है कि यह संसार किससे, क्यों, कैसे व कब अस्तित्व में आया और इसका भविष्य […] Read more » संसार
धर्म-अध्यात्म मृतक श्राद्ध का विचार वैदिक सिद्धान्त पुनर्जन्म के विरुद्ध है August 7, 2020 / August 7, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य महाभारत युद्ध के बाद वेदों का अध्ययन–अध्यापन अवरुद्ध होने के कारण देश में अनेकानेक अन्धविश्वास एवं कुरीतियां उत्पन्न र्हुइं। सृष्टि के आरम्भ ईश्वर से प्राप्त वैदिक सत्य सिद्धान्तों को विस्मृत कर दिया गया तथा अज्ञानतापूर्ण नई नई परम्पराओं का आरम्भ हुआ। ऐसी ही एक परम्परा मृतक श्राद्ध की है। मृतक श्राद्ध […] Read more » मृतक श्राद्ध
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द द्वारा हिन्दी अपनाने से इसका देश देशान्तर में प्रचार हुआ August 6, 2020 / August 6, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यआज हम जिस हिन्दी भाषा का प्रयोग करते हैं उसका उद्भव एवं विकास विगत लगभग दो सौ वर्षों में उत्तरोत्तर हुआ दृष्टिगोचर होता है। ऋषि दयानन्द (1825-1883) के काल में हिन्दी की उन्नति हो रही थी। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जी को हिन्दी की उन्नति करने वाले पुरुषों में प्रमुख स्थान प्राप्त है। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र […] Read more » ऋषि दयानन्द द्वारा हिन्दी अपनाने से इसका देश देशान्तर में प्रचार हुआ
धर्म-अध्यात्म मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन, आदर्शों एवं पावन स्मृति को सादर नमन August 5, 2020 / August 5, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम वैदिक धर्म एवं संस्कृति के आदर्श हैं। उनका जीवन एवं कार्य वैदिक धर्म की मर्यादाओं के अनुरूप हैं एवं संसार के सभी लोगों के लिए अनुकरणीय हैं। भगवान राम ने अपने आदर्श जीवन एवं व्यवहार से संसार के लोगों को धर्म एवं मर्यादाओं का पालन करने का […] Read more » मर्यादा पुरुषोत्तम राम