लेख साहित्य अयोध्या की दीवाली और टीपू सुल्तान की जयन्ती October 28, 2017 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री दीवाली की शुरुआत आज से लगभग पौने दो लाख साल पहले त्रेता युग में अयोध्या से हुई थी । उस दिन श्री राम चन्द्र चौदह साल का वनवास काट कर , श्री लंका के रावण को पराजित कर अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण सहित अपने शहर अयोध्या वापिस आए थे […] Read more » Featured अयोध्या अयोध्या की दीवाली टीपू सुल्तान टीपू सुल्तान की जयन्ती दीवाली
लेख साहित्य प्लेग रोगी के जीवन की रक्षा के लिए अपना जीवन दांव पर लगाने वाले महात्मा प. रूलिया राम जी October 26, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य पंडित रूलिया राम जी एक ऐसे महात्मा वा महापुरुष हुवे हैं जिन्होंने एक प्लेग के लोगी की जान बचाने के लिए अपने जीवन को संकट में डाला था। इतिहास में शायद ऐसा दूसरा उदाहरण नहीं मिलता। आज इनके जीवन की कुछ प्रेरक घटनाएं प्रस्तुत कर उन्हें श्रद्धांजली दे रहे हैं। […] Read more » रूलिया राम जी
लेख साहित्य टीपू सुल्तान — इंसान या हैवान October 26, 2017 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment पता नहीं कर्नाटक के कांग्रेसी मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को शान्त कर्नाटक में अशान्ति उत्पन्न करने और अलगाववाद को हवा देने में कौन सा आनन्द आता है। कभी वे हिन्दी के विरोध में वक्तव्य देते हैं तो कभी कर्नाटक के लिए जम्मू कश्मीर की तर्ज़ पर अलग झंडे की मांग करते हैं। आजकल उन्हें टीपू सुल्तान को […] Read more » Featured The Tyrant of Mysore Tipu Sultan Tipu Sultan : The Tyrant of Mysore टीपू सुल्तान
लेख हिंदी दिवस आर्यसमाज विश्व की प्रथम धार्मिक सामाजिक संस्था जिसने हिन्दी को धर्मभाषा के रूप में अपनाकर वेदों का प्रचार किया September 15, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment आज हिन्दी दिवस पर- मनमोहन कुमार आर्य आर्य समाज की स्थापना गुजरात में जन्में स्वामी दयानन्द सरस्वती जी ने 10 अप्रैल, सन् 1875 को मुम्बई नगरी में की थी। आर्यसमाज क्या है? यह एक धार्मिक एवं सामाजिक संस्था है जिसका उद्देश्य धर्म, समाज व राजनीति के क्षेत्र से असत्य को दूर करना व उसके स्थान […] Read more » धर्मभाषा हिन्दी
लेख हिंदी दिवस शैक्षिक परिदृष्य में विस्थापित होती हिन्दी September 13, 2017 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on शैक्षिक परिदृष्य में विस्थापित होती हिन्दी प्रमोद भार्गव वर्तमान वैष्विक परिदृष्य में हिन्दी अनेक विरोधाभासी स्थितियों से जूझ रही है। एक तरफ उसने अपनी ग्राह्यता तथा तकनीकी श्रेष्ठता सिद्ध करके वैष्विक विस्तार पाया है और वह दुनिया भर में सबसे ज्यादा लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा बन गई है। इसीलिए यह जनसंपर्क और बाजार की उपयोगी भाषा बनी हुई है। […] Read more » Featured शैक्षिक परिदृष्य में विस्थापित होती हिन्दी
लेख हिंदी दिवस हिंदी का राजनैतिक व मानसिक विरोध ? September 13, 2017 by मृत्युंजय दीक्षित | 1 Comment on हिंदी का राजनैतिक व मानसिक विरोध ? मृत्युंजय दीक्षित हिंदी भारत की सबसे अधिक प्राचीन,सरल, लचीली ,लोकप्रिय व सीखने में आसान भाषा है। हिंदी का इतिहास भी बहुत ही प्राचीन है। हिंदी देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। इसलिये यह भाषा देवनागरी लिपि भी कही जाती है। देवनागरी में 11 स्वर और 33 व्यंजन भी होते हंै। हिंदी भाषा का अब […] Read more » Featured हिंदी हिंदी को राष्ट्रभाषा
लेख पर्यटकों को आकर्षित करता अद्भुत बिहार September 12, 2017 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment बिहार की धरती पुराविदों एवं ऐतिहासिक अन्वेषकों के विशिष्ट आकर्षक का केन्द्र है। मनोज कुमार पटना- अपनी गौरवशाली ऐतिहासिक पृष्टभूमि,पुरातात्विक अवशेष,सांस्कृतिक विरासत,प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक साहिष्गुता के बल पर बिहार देश-दुनिया के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में पूरी तरह सक्षम है। बिहार की धरती पुराविदों एवं ऐतिहासिक अन्वेषकों के विशिष्ट आकर्षक का केन्द्र […] Read more » Bihar Tourists destination Featured ककोलत जलप्रपात कुंडलपुर बिहार राजगीर
लेख शख्सियत हिंदी साहित्य में नारी चेतना महादेवी वर्मा September 11, 2017 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment 11 सितम्बर पुण्य तिथि पर विशेषः- मृत्युंजय दीक्षित हिंदी साहितय जगत की महान लेखिका महादेवी वर्मा का साहित्य जगत में उसी प्रकार से नाम है जैसे कि मुंशी प्रेमचंद व अन्य साहित्यकारों का। महादेवी वर्मा ने केवल साहित्य ही नहीं अपितु काव्य समालोचना संस्मरण संपादन तथा निबंध लेखन के क्षेत्र मं प्रचुरकार्य कया है अपित […] Read more » death anniversary of Mahadevi verma Featured Mahadevi verma महादेवी वर्मा
लेख साहित्य पित्तरों अर्थात पूर्वजों के प्रति सच्ची श्रद्धा का प्रतीक श्राद्ध September 10, 2017 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध” भारतीय परम्परा में प्रत्येक शुभ कार्य के प्रारम्भ करने के पूर्व परमात्मा, माता-पिता, पूर्वजों को नमस्कार अथवा प्रणाम करने की परिपाटी है। यह एक प्रकार से जगतपालक ईश्वर व अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा , कृतज्ञता प्रकट करना है कि ईश्वर की असीम अनुकम्पा से हम अपने इन्हीं पूर्वजों की वंश परम्परा के […] Read more » Featured पित्तरों पूर्वजों के प्रति सच्ची श्रद्धा श्रद्धा का प्रतीक श्राद्ध श्राद्ध
लेख साहित्य कोई पूछे तो सही, अशोक अब तक वाजपेयी क्यों हैं September 6, 2017 / September 6, 2017 by अलकनंदा सिंह | Leave a Comment रामकुमार वर्मा ने अपने महाकाव्य ”एकलव्य” में लिखा है, ”तुम नहीं वत्स, यह समय ही शूद्र है”। हमेशा से ही ”शूद्र” शब्द को दलितों का प्रतीक माना जाता रहा जबकि ”शूद्र” कोई जाति नहीं एक उपमा है जो निम्नतर होते विचारों, मूल्यों, भावनाओं, विवेक और संकल्पों को हमारे सामने ठीक उसी तरह लाती है जिस […] Read more » Featured Jawad Habib जावेद हबीब सलून में हिन्दू देवी देवताओं को मैनीक्योर-पैडीक्योर
कला-संस्कृति लेख साहित्य परसाई के बहाने August 22, 2017 by आरिफा एविस | Leave a Comment आरिफा एविस हिंदी साहित्य के मशहूर व्यंग्यकार और लेखक हरिशंकर परसाई से आज कौन परिचित नहीं है और जो परिचित नहीं है उन्हें परिचित होने की जरूरत है. मध्य प्रदेश के होशंगाबाद के जमानी गाँव में 22 अगस्त 1924 में पैदा हुए परसाई ने लोगों के दिलों पर जो अपनी अमिट छाप छोड़ी है. उसका […] Read more » Featured poet Hari Shankar Parsai मशहूर व्यंग्यकार और लेखक हरिशंकर परसाई हरिशंकर परसाई
लेख साहित्य साहब हमें बुलेट ट्रेन नहीं चाहिए। August 21, 2017 / August 21, 2017 by रवि श्रीवास्तव | 1 Comment on साहब हमें बुलेट ट्रेन नहीं चाहिए। साहब हमें बुलेट ट्रेन नहीं चाहिए। हम गरीबों के लिए यही ट्रेन सही से चलवा दीजिए साहब। हमारे लिए यही एक सहारा है। वैसे भी हम गरीब लोगों के पास इतना पैसा नहीं है कि बुलेट ट्रेन में बैठ सकें। साहब यही ट्रेन हमारे लिए उचित है। बस सुरक्षा व्यवस्था सही करा दीजिए। आज कल […] Read more » Bullet train sahab we dont want bullet train train accident train accidents in India बुलेट ट्रेन