राजनीति

केन्द्र सरकार का हिन्दुओं के प्रति घोर अन्याय

पाकिस्तान बनने के पश्चात भी भारत में हिन्दुओं की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है-

1. हिन्दुओं की जनसंख्या का प्रतिशत कम करने के लिए मुसलमानों को चार-चार शादीयां और अधिक बच्चे, जबकि माननीय उच्चतम न्यायालय कई बार देश के सभी नागरिकों के लिये Common Civil Code (समान नागरिक संहिता) बनाने का आदेश दे चुका है।

2. शिक्षा संस्थाओं में हिन्दुओं को धार्मिक शिक्षा देने पर पाबंदी किन्तु गैर हिन्दुओं को स्वतंत्रता, जिसकी व्यवस्था भारत के संविधान की धारा 28, 29 और 30 में ही कर दी गई और इतना ही नहीं सोनिया गांधी की यूपीए सरकार तो इस्लामी शिक्षा को अत्याधिक प्रसारित करने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी जैसे कट्टर इस्लामी शिक्षा संस्थान के भारत के अनेक भागों में चालू कर रही है जैसे केरल में मल्लापुरम, पश्चिम बंगाल में मुर्शीदाबाद, बिहार में किशनगंज, मध्य प्रदेश में भोपाल आदि जिसके परिणामस्वरूप इस्लामी आतंकवाद की ही बढ़ोतरी होगी। ये सब हिन्दू करदाताओं की गाढ़ी कमाई के पैसे से हो रहा है। गैर हिन्दू अर्थात् ईसाई, मुसलमानों आदि की शिक्षा संस्थाओं में अध्यापकों की नियुक्ति एवं विद्यार्थी के प्रवेश आदि विषयों में उनके विशेष अधिकार और स्वायत्तता दिये जाने पर भी इसके अतिरिक्त इस्लामी कट्टरवाद के कारखाने इस्लामी मदरसों को अत्याधिक धन का आवंटन भारत सरकार द्वारा किया जाता है।

3. गैर हिन्दुओं के लिए अल्पसंख्यक आयोग (Minority Commission), जो अनेक संवेदनशील मामलों पर हिन्दू विरोधी और अल्पसंख्यकों के प्रति पक्षपात करता हुआ अनेक प्रकार से काम करता है।

4. भारत में हिन्दुओं को नकारते हुए गैरहिन्दुओं (मुसलमान, ईसाई आदि) की आर्थिक शक्ति को अधिक बढ़ाने के लिए सरकारी खजाने से मुफ्त सब्सीडी और बहुत कम ब्याज दर 3 प्रतिशत पर ऋण दिया जाता है। इस प्रकार गैरहिन्दुओं के मुकाबले में हिन्दू उद्यमी उद्योग और व्यवसाय में पिछड़ जाते है। गैरहिन्दुओं की आर्थिक सहायता और उन्नति के लिए National Minorities Development & Finance Corporation (NMDFC) का निमार्ण किया गया।

5. संप्रग सरकार द्वारा केवल गैरहिन्दुओं के हित साधने के लिए एक अलग अल्पसंख्यक मंत्रालय (Ministry of Minority Affairs) भी बना दिया गया है, जिसने अनेक प्रकार से मात्र गैर हिन्दुओं को आर्थिक सहायता देने की योजना बनाई है। परन्तु पता नहीं हिन्दुओं ने क्या पाप किया है जो उन्हें इन सभी योजनाओं से वंचित रखा जाता है।

6. दक्षिण भारत के सभी विशाल हिन्दू मंदिरों का प्रबन्धन सरकार द्वारा अपने हाथों में लिया जा चुका है और इन मंदिरों की आय का लगभग आधा धन ईसाई और मुस्लिम संस्थाओं में बांटा जा रहा है, जोकि हिन्दू धर्म के प्रसार में लगाये जाने की बजाय हिन्दू धर्म के विरूध्द ही काम आ रहा है।

7. भारत सरकार द्वारा मुसलमानों को हज यात्रा के लिये करोड़ों रूपये सरकारी कोष से दिये जाते है जबकि संसार का अन्य कोई भी देश यहां तक की सऊदी अरब या पाकिस्तान भी हज यात्रा के लिये धन नहीं देता भारत में यह हिन्दू करदाता पर एक प्रकार से दंड ही है।

8. अल्पसंख्यक मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री की 15 सूत्री योजनाओं द्वारा गैर हिन्दू अर्थात् ईसाई, मुसलमान आदि के बच्चों को लाखों छात्रवृत्तियां दी जाती हैं, किन्तु हिन्दू बच्चों द्वारा उनसे अधिक अंक लाने पर भी उन्हें इनसे वंचित रखा जाता है, इस प्रकार के भेदभाव से बच्चों की मनोदशा पर कितना घातक प्रभाव पड़ता होगा इसकी तो मात्र कल्पना ही की जा सकती है।

9. यह सब इसीलिए हो रहा है कि हिन्दू अपने ऊपर हो रहे अन्याय और अत्याचार के विरूध्द आवाज नहीं उठाते। जबकि भारत सरकार को जो टैक्स प्राप्त होता है उसमें से 95 प्रतिशत टैक्स तो हिन्दुओं द्वारा ही दिया जाता है। फिर भी श्रीमती सोनिया गांधी की अध्यक्षता में चलने वाली संप्रग सरकार (UPA) हिन्दुओं को ही कमजोर करने पर तुली हुई है।

यदि हिन्दुओं के प्रति हो रहा अन्याय बंद नहीं किया गया तो हिन्दू ऐसे नेताओं को वोट देना बंद कर देगें।

प्रो. जयदेव आर्य

डॉ. कैलाश चन्द्र