कविता

आओ शहीदों को दीप जलाए

आओ शहीदों को दीप जलाए
जो अपने घर लौट कर न आए।
केवल तिरंगे को ओढ कर आए,
उन सबका हम सम्मान बढ़ाए ।।

जो सीमा की कर रहे थे रखवाली
मना नहीं पाए घर पर दीपावली ।
आओ हम सबको शीश झुकाए,
श्रद्धा से उनको हम दीप जलाए।।

जिनके घर पर शोक है पसरा,
मन में उनके दुख है बस रहा।
उन सबके घर पर हम जाए,
सांतवना के दीप हम जलाए।।

जिनके घर निराशा बस रही है,
आशा की किरण न दिख रही हैं।
उन घरों में हम सब लोग जाए,
आशा का वहां एक दीप जलाए।।

प्रधान मंत्री सीमा पर है जाते,
दिवाली जवानों के संग है मनाते।
उन्हेंअपने हाथो से मिठाई खिलाते
हम भी उनके घर पर सब जाए,
उनके साथ ही दिवाली मनाएं।।

इंडिया गेट पर जो ज्योति जलती,
जो हमेशा निरन्तर जलती रहती।
उस अमर ज्योति पर हम जाए,
उनके सम्मान में वहां दीप जलाए

कोरोना काल में दिवाली कैसे मनाए
केवल दो गज की दूरी हम बनाए,
और मुंह पर अपने मास्क लगाए।
तब कहीं सब शुभ दिवाली मनाएं

आर के रस्तोगी