शस्त्र द्वारा रक्षित देश में शास्त्रों का सद्चिंतन संभव है

( शस्त्रेण रक्षिते देशे शास्त्रचिन्ता प्रवर्तते )
—विनय कुमार विनायक
शस्त्र द्वारा रक्षित राष्ट्रों में ही
शास्त्रों का सद्चिंतन संभव होता
शस्त्र जिस देश में झुक जाएगा
वहां अराजकता का कलरव होता!

जहां ढोंगी पोंगापंथी कठमुल्ला गाल बजाएगा
शस्त्र जहां अहिंसा परमोधर्म का गीत सुनाएगा
अर्जुन गीता ज्ञान शर संधान से मुकर जाएगा
समझ लीजिए वहां शीघ्र ही दुर्दिन आ जाएगा!

कोरा किताबी ज्ञान जहां लोग बड़बड़ाने लगेगा
बात बात में ईश्वर खुदा रब याद आने लगेगा
जहां तर्क वितर्क व नास्ति भाव मिट जाएगा
समझना चाहिए उस राष्ट्र में गृहयुद्ध छिड़ेगा!

लोग रोटी नहीं चोटी दाढ़ी टोपी के लिए लड़ेगा
जहां शास्त्रों के शास्त्रार्थ में तर्क गायब होगा
वहां देशधर्म त्यागकर राष्ट्र को ठेंगा दिखाएगा!
—विनय कुमार विनायक

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

17,835 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress