समाज

देश सेवा मॆं हमारी भागीदारी

15 Augustस्वतंत्रता दिवस नज़दीक आते ही भव्य तैयारियाँ शुरु हो जाती है। आजादी के इस पर्व पर झंडा फहरा कर,शहीदों की मज़ारों पर फ़ूल चढा कर हम अपने देश प्रेम का प्रर्द्शन करते है। प्रश्न उठता है- आप देश के लिये क्या कर रहे है? एक बधांबधाया जवाब सामने आता है- हम तो आम आदमी है ये काम तो नेता या सेना के लोगों का है वही देश सेवा कर सकते है। देश सेवा के लिये भावना का होना जरुरी है नेता बनकर या सीमा पर गोलियां दाग कर ही आप देश सेवा कर पायेगे ऐसा बिल्कुल नहीं है।

जिस प्रकार बूद-बूदं से सागर भरता है, उसी प्रकार आपका छोटे से छोटा योगदान भी देश की प्रगति को बढ़ाता है। अत: जीवन में बडी उपलबिब्ध का इन्तजार मत कीजिए आज से ही देश सेवा की राह में अपनी भागीदारी शुरु कर दीजिये। आज भारत की सबसे बडी समस्या है बढती जनसंख्या और जागरुकता का अभाव। आप देखेंगे देश की बाकी सभी समस्यायें इस बट वृक्ष की शाखायें जैसी नजर आयेगी। बिड्म्बना ही है कि आज किसी भी राजनीतिक पार्टी के एजेन्डॆ में इस ज्वलन्त समस्या का कोइ खास जिक्र नहीं हैं। आप इस समस्या से जुडकर देश सेवा का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। भ्रूण हत्या, पुत्र मोह और परिवार नियोजन के प्रचार में अपना योगदान दें। परिवार में बेटा और बेटी का समान्य शिक्षा का प्रबंध करें और हो सके तो किसी असहाय के बच्चे की शिक्षा का व्यय उठा कर देश सेवा में भागीदारी निभायें।

इसके अतिरिक्त अन्याय के विरोध में हिचकिचायें नहीं। अपने आसपास संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरन्त पुलिस को दें।मतदान के समय जागरुक बनकर वोट का प्रयोग ईमानदार नेता को चुनने में करें। अपनी थोडी सी सुविधा के लिये रिश्वत डोनेशन या [उपहार के रुप में लेने या देंने वाली]रिश्वत से बचें।भिक्षा वृति की अवेहलना करें एसे लोंगों को मेहनत की महत्ता बतायें। हो सके तो कुछ काम दिलवायें।अपने पडोस में हो रहे बहु या बेटी पर अत्याचार की जानकारी को चुपचाप सुनते ना रहे पुलिस को जरुर सूचित करे आपको कुछ परेशानियों का सामना भी करना पड. सकता है पर इन्सानी फर्ज निभाने का आत्मसुख भी रहेगा ।

आप देश की सेवा कहीं भी किसी भी समय कर सकते है बस में; घर में, ट्रेन में या दफ्तर में। यथासंभव अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरुक रहें। कुछ मामूली बातों का भी आप ध्यान रख सकतें है। बिजली की बचत, बिजली की चोरी, पानी की बर्बादी, सरकारी पैसे का दुरपयोग, सार्वजनिक स्थानों को नुकसान पहुचाने जैसे मुद्दों पर लोगों का ध्यान नहीं है । कुछ लोग घरों में गीले कपडे और फर्श सुखाने में पंखा का प्रयोग करते है, पानी चलाकर भूल जातें है सैकडॊं लीटर पानी गटर में बह जाता है। जिस पर भारी सरकारी खर्च हुआ था। घर धोकर पानी सड़क पर बहा दिया जमा पानी से सड़्कों को नुकसान होता है सरकारी धन की बर्बादी जो कदाचित जनता का ही पैसा होता है पर लोग समझते नहीं है।

ये मामूली सी लगने वाली बातें देश की सम्मपत्ति,बिजली,पानी आदि की बचत में भारी योगदान कर सकती हैं। अत: किसी विशेष अवसर,पद या उम्र की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है।आप आज से ही देश सेवा में जुट जाइये ।एक जागरुक नागरिक बनकर जब हम और आप देश सेवा की राह पर निकलेगें तो देश का भला जरुर होगा ।आप का मामूली सा योगदान गागर में सागर का काम करेगा ।

-पुनीता सिंह