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बेटी का सम्मान करें हम, जग का कल्याण करें हम: मृदुला सिन्हा

-ललित कुमार-

Mridula_Sinhaबेटी का सम्मान करें हम, जग का कल्याण करें हम यह कहना है हिन्दी की सुप्रसिद्ध साहित्यकार और चिंतक, गोवा की राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा का, सोमवार को विश्व भारती शान्तिनिकेतन भाषा भवन की ओर से आयोजित संगोष्टी “भारतीय जीवन – मूल्य एवं नारी की भूमिका” विषय पर बोलते हुए मृदुला सिन्हा ने उक्त बातें कहीं, इस मौके पर उन्होंने भारतीय नारी के रूप को चरितार्थ करते हुए कहा कि प्रकृति ने स्त्री और पुरुष को बराबरी का हिस्सा दिया है| सीता और सावित्री नारियों के लिए आदर्श हैं महिलाओं में आज की आवश्यकता उन गुणों को धारण करके आगे बढ़ने की है जिनके लिए सीता और सावित्री आदर्श हैं | आज के समय में हर पिता अपनी बेटी को शीलवंती बनाना चाहता है जो महिलाएं घर का काम काज करती हैं वह पुरुषों को अपनी मुट्ठी में रखती हैं | महिला ही सब गुणों का भंडार है उसे पारिवार चलाने के लिए सब कुछ चाहिए, नारी के लिए सबसे बड़ा रिश्ता माँ का होता है और उसमे त्याग की भावना कूट-कूटकर भरी होती है, वह बच्चे को जन्म देने से लेकर पालन पोषण तक की जिम्मेदारी को वह भली भांति समझती है जिससे उसे परमानन्द की प्राप्ति होती है | समानता के नाम पर जो स्त्री को बांधकर रखता है वह समाज के लिए सही नहीं होता | हमें आने वाली पीढ़ियों को परिवार चलने की सीख देनी चाहिए संवेदना हर व्यक्ति में होती है पर स्त्रियों में कहीं ज्यादा होती है|

इस मौके पर विनय भवन की अध्यक्ष प्रो. सबुजकलि सेन ने भी महाभारत और रामायण का उदाहरण देते हुए महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला | वर्तमान समय में महिलाओं में अलग अलग तरह के परिवर्तन देखने को मिल रहे है | आज महिला पाताल से आकाश तक अपनी भूमिका दर्ज करा रही है | कार्यक्रम का संचालन डॉ सुभाष चन्द्र राय ने किया| इस मौके पर भाषा भवन के अध्यक्ष प्रो.रामेश्वर मिश्र, प्रो.सुशांतदत्त गुप्त (कुलपति), प्रो.शकुंतला मिश्र (हिंदी भवन अध्यक्ष) सहित अन्य विश्वभारती शान्तिनिकेतन के गणमान्य लोग उपस्थित थे |