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परिचर्चा : कांग्रेस का ‘प्रवक्‍ता’ और ‘लेखक’ पर हमला

logoआप जानते होंगे कि मध्‍य प्रदेश कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के जनसंचार विभागाध्‍यक्ष प्रा. संजय द्विवेदी का प्रधानमंत्री की साख को ठेस पहुंचाने वाला आलेख भाजपा से जुड़े व्यक्ति की वेबसाइट प्रवक्‍ता डॉट कॉम पर प्रकाशित हो रहा है और पूरे देश में एक योजना के तहत भाजपा मुख्यालय से ऐसा किया जा रहा है। सो, कांग्रेस पार्टी इस संबंध में संजय द्विवेदी की शिकायत मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, म.प्र. को दस्तावेजों के साथ कर रही है। इसके साथ कांग्रेस ने चुनाव आयोग के जरिए मध्‍य प्रदेश शासन से यह मांग की है कि प्राध्‍यापक द्विवेदी के विरूद्ध तत्काल कार्रवाई की जाए।

Press Release

हम कांग्रेस पार्टी द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से नकारते हैं और इसे अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता पर सीधे हमला मानते हैं। हमारे देश में लोकतंत्र है। असहमति और विरोध के लिए स्‍पेस; यह लोकतंत्र की ताकत है। कांग्रेस देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। उसमें आलोचना बर्दाश्‍त करने का माद्दा होना चाहिए। आपातकाल के दौरान कांग्रेस ने इसी तरह क़लम पर प्रहार किया था लेकिन बाद में उसे मुंहतोड़ जवाब भी मिला था। लेकिन लगता है कांग्रेस ने अतीत से कोई सबक नहीं लिया है।

प्रवक्‍ता डॉट कॉम अभिव्‍यक्ति का खुला मंच है, जहां सभी प्रकार के विचारों का स्‍वागत है। हमारे देश में प्रेस की स्वतंत्रता संविधान के अंतर्गत दी गई वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में अंतर्निहित है। सोशल मीडिया और वेबसाइट्स लोगों की आवाज बनकर उभर रहा है, आम आदमी से लेकर बुद्धिजीवी तक अपने विचार व्‍यक्‍त कर रहे हैं, ऐसे में कांग्रेस द्वारा नया मीडिया पर हमला बोलना चिंताजनक है।

प्रा. संजय द्विवेदी गत दो दशकों से स्‍वदेश, हरिभूमि, दैनिक भास्‍कर, दैनिक जागरण जैसे अनेक प्रतिष्ठित समाचार-पत्रों में निर्भीकतापूर्ण और सचाई के साथ अग्रलेख लिखते रहे हैं। ‘प्रवक्‍ता’ पर ही उनके डेढ़ सौ से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं और आप पाएंगे कि बड़ी बेबाकी से उन्‍होंने सभी दलों के नेताओं की अच्‍छी पहल की प्रशंसा की है तो गलत प्रवृत्तियों की सख्‍त आलोचना भी की है।

प्रा. संजय द्विवेदी जी के निम्‍न लेख को कांग्रेस ने अनर्गल, बेबुनियाद, असत्य और प्रधानमंत्री की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी करार दिया है। सम्‍मानित लेखकों और सुधी पाठकों से आग्रह है कि वे स्‍वयं इस पूरे प्रकरण पर विचार करें और प्रवक्‍ता पर प्रकाशनार्थ अपने लेख/टिप्‍पणी हमें भेजें।

prawakta@gmail.com