धर्म-अध्यात्म

बाबरी मस्जिद मामले में देवराहा बाबा को षड्यंत्रकारी कहना, अध्यात्म को कलंकित करना है

Saint Shri Devraha Babaपरमपूज्य ब्रह्मलीन योगीराज श्री देवराहा बाबाजी महाराज के परमशिष्य व बिहार राज्य के भोजपुर जिला स्थित देवराहाधाम सिअरूआं, जगदीशपुर के प्रख्यात संत त्रिकालदर्शी परमसिद्ध योगीराज व अध्यात्म गुरू श्री देवराहाशिवनाथदास जी महाराज ने लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट, बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए घोषित षडयंत्रकारी में ब्रह्मलीन देवराहा बाबा के नाम को झूठे आरोपों में शामिल करने पर अपनी गहरी नाराजगी जतायी।

श्री देवराहाशिवनाथ बाबा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करवाकर कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस का मामला 6 दिसम्बर 1992 का है, जबकि मेरे गुरूदेव श्री देवराहा बाबा ने 19 जून 1990 को ही वृन्दावन में महाप्रयाण कर गए। आगे श्री देवराहाशिवनाथदासजी महाराज ने कहा कि मैं उस स्थान से हूं, जिस स्थान पर 1827 ई. के पहले गदर का स्वतंत्रता के लिए बिगुल फूंका गया था, जिसे देश ही नहीं, वरन् पूरा विश्व ही जानता है।

Saint Shri Shivnath Dasउन्होंने स्पष्टत: चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मेरे गुरूदेव श्री देवराहाबाबा को इस कदर बदनाम करने पर अध्यात्म का इसे अपहरण समझा जाएगा और इससे राष्ट्रीय स्तर पर धर्मनिष्ठ पुरूषों का अनशन जारी होगा, जिसे कोई भी राजनीतिक पार्टियां शांत नहीं करा पायेगा। देवराहा बाबा जैसे सूर्य समान योगी के ऊपर बाबरी मस्जिद का झूठा बयान नहीं लादा जा सकता। उन्हें इसमें फंसाकर उनके श्रद्धालु भक्तों की भावना को आहत किया जा रहा है। ऐसे तो देवराहा बाबा के पास जो भी जाता था, चाहे वह इंदिरा गांधी, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, पं. जवाहरलाल नेहरू, अटलबिहारी वाजपेयी व अन्य सम्प्रदायों के गुरूओं तथा साधारण भक्तों, सभी को वे एक समान जानते थे और आर्शीवादित भी करते। आर्शीवाद देने हेतु कहीं नहीं जाया करते थे, वरन् उनके पास आर्शीवाद लेने हेतु सभी लोग जाया करते। उनके नजर में चींटी से हाथी तक सभी एक समान थे। इसमें देवराहा बाबा का क्या दोष? अब लोग कहे कि गंगा मेरे पास आकर आशीर्वादित करती है तो यह उसकी मूर्खता ही कही जाएगी। उसी प्रकार लिब्राहन आयोग द्वारा देवराहा बाबा को षड्यंत्रकारी कहना उसकी मूर्खता है और हास्यास्पद भी। देवराहा बाबा में दोष देखना भारतीय अध्यात्म को कलंकित करना है। यदि कोई इनके आशीर्वाद को राजनीति से जोड़ने की कोशिश करेगा, तो उसकी गलती को वृहद् भक्त-समुदाय कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रांति का बिगुल फूंक दिया जायेगा।