भारत में वैसे तो अनेक समस्याएं विद्यमान हैं जिसके कारण देश की प्रगति धीमी है। उनमें प्रमुख है बेरोजगारी, गरीबी, अशिक्षा, आदि लेकिन उन सबमें वर्तमान में सबसे ज्यादा यदि कोई देश के विकास को बाधित कर रहा है तो वह है भ्रष्टाचार की समस्या। आज इससे सारा देश संत्रस्त है। लोकतंत्र की जड़ो को खोखला करने का कार्य काफी समय से इसके द्वारा हो रहा है। और इस समस्या की हद यह है कि इसके लिए भारत के एक पूर्व प्रधानमंत्री तक को कहना पड़ गया था कि रूपये में मात्र बीस पैसे ही दिल्ली से आम जनता तक पंहुच पाता है।
वास्तव में यह स्थिति सिर्फ एक दिन में ही नहीं बनी है। भारत को जैसे ही अंग्रेजी दासता से मुक्ति मिलने वाली थी उसे खुली हवां में सांस लेने का मौका मिलने वाला था उसी समय सत्तालोलुप नेताओं ने देश का विभाजन कर दिया और उसी समय स्पष्ट हो गया था कि कुछ विशिष्ट वर्ग अपनी राजनैतिक भूख को शांत करने के लिए देश हित को ताक मे रखने के लिए तैयार हो गये हैं। खैर बीती ताहि बिसार दे। उस समय की बात को छोड वर्तमान स्थिति में दृष्टि डालें तो काफी भयावह मंजर सामने आता है। भ्रष्टाचार ने पूरे राष्ट्र को अपने आगोश में ले लिया है। वास्तव में भ्रष्टाचार के लिए आज सारा तंत्र जिम्मेदार है। एक आम आदमी भी किसी शासकीय कार्यालय में अपना कार्य शीध्र करवाने के लिए सामने वाले को बंद लिफाफा सहज में थमाने को तैयार है। 100 में से 80 आदमी आज इसी तरह कार्य करवाने के फिराक में है। और जब एक बार किसी को अवैध ढंग से ऐसी रकम मिलने लग जाये तो निश्चित ही उसकी तृष्णा और बढेगी और उसी का परिणाम आज सारा भारत देख रहा है।
भ्रष्टाचार में सिर्फ शासकीय कार्यालयों में लेने देनेवाले घूस को ही शामिल नहीं किया जा सकता बल्कि इसके अंदर वह सारा आचरण शामिल होता है जो एक सभ्य समाज के सिर को नीचा करने में मजबूर कर देता है। भ्रष्टाचार के इस तंत्र में आज सर्वाधिक प्रभाव राजनेताओं का ही दिखाई देता है इसका प्रत्यक्ष प्रमाण तो तब देखने को मिला जब नागरिकों द्वारा चुने हुए सांसदों के द्वारा संसद भवन में प्रश्न तक पूछने के लिए पैसे लेने का प्रमाण कुछ टीवी चैनलों द्वारा प्रदर्शित किया गया।
कभी कफन घोटाला, कभी चारा – भूसा घोटाला, कभी दवा घोटाला, कभी ताबूत घोटाला तो कभी खाद घोटाला आखिर ये सब क्या इंगित करता है। ये सारे भ्रष्टाचार के एक उदाहरण मात्र हैं।
बात करें भारत को भ्रष्टाचार से बचाने के लिए तो जिन लोगों को आगे आकर भ्रष्टाचार को समाप्त करने का प्रयास कर समाज को दिशा निर्देश देना चाहिए वे स्वयं ही भ्रष्ट आचरण में आकंठ डूबे दिखाई देते है।
वास्तव में देश से यदि भ्रष्टाचार मिटाना है तो ने सिर्फ साफ स्वच्छ छवि के नेताओं का चयन करना होगा बल्कि लोकतंत्र के नागरिको को भी सामने आना होगा। उन्हें प्राणपण से यह प्रयत्न करना होगा कि उन्हें भ्रष्ट लोगों को समाज से न सिर्फ बहिष्कृत करना होगा बल्कि उच्चस्तर पर भी भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों का बायकॉट करना होगा। अपनी आम जरूरतों को पूरा करने एवं शीर्ध्रता से निपटाने के लिए बंद लिफाफे की प्रवृत्ति से बचना होगा। कुल मिला जब तब लोकतंत्र में आम नागरिक एवं उनके नेतृत्व दोनों ही मिलकर यह नहीं चाहेंगे तब तक भ्रष्टाचार के जिन्न से बच पाना असंभव ही है।
-सूरज तिवारी ‘मलय’
भारत में से भ्रष्टाचार को समूल उत्खात करने के लिए बाबु तंत्र की शुद्धिकरण सबसे प्राथमिक आवश्यकता है
गुड डे
मेरे हिसाब से भ्रस्ताचारियो से पहले आतंकियों जो जिहादी नक्सली है जिन्हें सर्कार बिरियानी खिला रही है समजौता वार्ता कर रही है पहले उन्हें नास्ता करो
मै एक स्कूल स्टुडेंट हूँ , BHRASTACHAR जंगली घास के सामान हमारे देश को क्गोखला कर रहा है , इसे खतम करने के लिए हम सभी को एक साथ होकर LADANA होगा
सत्यमेव जयते
I AM A STUDENT I KNOW THAT VERY
मे आपका सहयोग चाहता हू |अभी मेरी आदत लेख लिखने कि नहीं है ,इसलिए विस्तार से लिखना मुसकिल हो रहा है |मे चाहता हू कि फ़ोन पर विस्तार से अपनी बात कह सकू |
मेरे पास एक आईडिया है जिससे देश कि बिगड़ी दशा को चुटकियो मे सुधारा जा सकता है |जिससे जो शुभ परिणाम मिलेगे वो इतने ज्यादा अच्छे होगे कि ऐसा लगेगा कि प्रथ्वी पर चमत्कार हो गया हो |
मेरे प्लान के अनुसार देश कि करेंसी को बंद कर बैंक द्वारा १००% लेनदेन होना चाहिए |
इस विषय पर मेने विस्तार से प्लान कर लिया है | किसी भी प्रकार कि रूकावट नही होगी |
कृपया आप अपना फ़ोन न . बतलाये ?
मेरा पता निम्न है
मदन गोपाल ब्रिजपुरिया
करेली म . प्र .
phone no. 07793 270468
mob no. 09300858200
I want anti cruption team
corppuption ek esa adhikaar hai jisme ekadhikaar to prapt hai. lekin paardarsita bilkul nahi . vaastab mai bhirasta chaar ka ajgar aaj desh ko nigal raha hai , har vibaag mai uper se neche tak karmchari adhikari sar se lekar pair tak bhirastachaar ki gangotri mai gote laga rahe hai
.ghus lene bale se adhik doshi ghus dene bala hai .ghus
magne bale ko bhikhari kaha jaay to kam nahi . corppution per lagaam kasne ke liye har yuva ko aage ana hoga tabhi is per bijay pai ja sakti hai. or iski suruaat aaj hi se karni hogi,
I’ve kept the name of my concept “BRIJ-ECONOMICS”. The main aim of
this concept is to change the mode of the currency. It is very easy
that a poor man, uneducated, people living in rural area would not
have to learn any account number and password. I’ve kept the people
of country in two different columns.1st is uneducated, poor & the
people living in rural areas. These are the people whose life statues
are not making any account. These people can use the currency of Rs.10
in the form of coins.
All the left over people of the country, whose living statues are to
open the account and do the transaction by bank (ATM).
A system (our concept “BRIJ-ECONOMICS”) will work by both category
people by the transaction.
I’ve made a letter in 2006 for president of India & for explaining
him. I’ve written the project in Hindi because of some problem it is
not prepared fully. I’m sending you a copy of project. Please read it
and contact to me for doing it complete. Please support to me.
I think that I can tell my talk by the phone not as much as by writing
it.So, please contact to me by giving your valuable time. My contact
number are as follows
Mob no. 09300858200
Phone no. 07793270468
Yours truly,
Madan gopal brijpuria
आदरणीय जी
नमस्कार
देश कि हालत को देखते हुए , ईश्वर के आशीर्बाद से मेरे पास आईडिया है ,
यदि आपका सहयोग मिल जाये तो
मे 100 % दावे से कहता हू कि देश से भ्रष्टाचार ,आतंक बाद ,नकली नोटों
का चलना ,बेईमानी सभी बुराई मित जाएगी | बो भी जरा से प्रयास से |
कृपया विस्तार से जानने के लिए
फ़ोन पर १० मिनिट का समय दे |
आपका
मदन गोपाल ब्रिजपुरिया
kareli
Narsinghpur M.P.
phone no. 07793 270468
Mob. No. 09300858200
jitne log kisi bhi prakar se comment kar rahe hai unko hi ek jagag ektra karke shuruaat kare …….but bahut jaruri hai ki we sabhi kewal bhartiye hon aur ho sake to kewal manava matra……..agar wo pandit, rajput muslim, shudra, bihari bengali, hariyanvi aadi hai to wo is yagya se bahar hi rahe…..9718833440
mai to kahta hu ki sab bharaschariyo ko India Gate par Phansi dai do & aur jo Neta Bharastachai pai jate hai unhe Pakistan Bhej do…….
माननीय अटल जी की लाइन आज सही साबित हो रही है की “ना दीन ना ईमान -नेता बेईमान -फिर भी मेरा भारत महान ” आज़ादी के ६४ वें वर्ष में भी हम देश को शोषण से नहीं बचा सके आज भ्रष्टाचार चरम पर है ,अब समय आ गया है की देश के हर नागरिक को अब बुलंदी के साथ आगे आकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई वो भी समग्र क्रांती के रूप में लड़नी होगी -विजय सोनी अधिवक्ता दुर्ग
आपकी ईमानदारी के कारण देश को लाखों रूपये की हानि हो रही है| इसलिए रिश्वत देकर अपना काम करवा दो| रिश्वत देने से आपका काम भी जल्दी हो जाएगा और देश के लाखों रूपये भी बच जायेगें|
आप रिश्वत नहीं दोगो तो सरकारी बाबू आपके पक्ष के दस्तावेजों में हेराफेरी कर दे देगा| कई आदेश तो ऐसे होते है| जो लिख दिया वह सोने की लेकीर हो जाता है| आपके पास अपील के शिवा कोई सारा नहीं रहेगा| अपील में भी कुछ नहीं होगा| वह बाबू अपील अधिकारी को भी कह देगा| श्रीमान् ऐसा मैने इसलिए किया है कि इसने मुझे रिश्वत नहीं दी थी| अब अपील अधिकारी भी आपकी कोई बात नहीं सुनेगा| या फिर अब अपील अधिकारी को उससे भी बडी रकम में रिश्वत दो वरना वह भी बाबू की तरह कर देगा| फिर उसकी भी अपील करो| अब आप अपील-अपील करते रहो| इन भ्रष्ट अधिकारियों का कुछ नहीं बिगडता है| समय व पैसा आपका जाता रहेगा| जब एक दिन हिसाब लगाओंगे तब पता लगेंगा कि बाबू ने सो 50 हजरा रूपये मांगे थे लेकिन अपील अपील में मेरे तो 70-80 हजार तो खर्च हो गया है और 20 साल हो गये| फिर हल कुछ नहीं|
यह तो आपके खर्च का हिसाब है| क्या आपको पता है आपके द्वारा की गई अपील की कार्यावाही पर देश का कितना रूपया बर्बाद हुआ है| इसका बोझ देश की गरीब जनता पर है जिसके जिम्मेदार सिर्फ आप है| अगर आप रिश्वत दे देते तो आपको अपील नहीं करनी पडती| दुसरी आपके रिश्वत नहीं देने से न्यायालय में कई कैस हो सकते है|
मेरा निजी अनुभाव है| रिश्वत देकर अपना काम करावा दो, नहीं मेरी तरह भटते रहो|
pahle hum khud ko badle,uske bad bhrastachariyo ka nakab utarkar unhe unhi ke pariwar wa samaj ke samne unhe nanga kare aisa karne se aise netao&adhikario&karmchario jo janta ke naukar hokar malik ban bathe hai aaj wah apni jimmadario ko bhulkar bhrastachar ko apne pariwar ke liya pariwar ke tarah pal rahe hai,shayad unhe yah ahsas nahi ki yahi bhrastachar bahut jald unhi ke pariwar ko niglne wala hai.vandematram
terrorism is biting india terribly,we can never think of competing with nations like usa ,uk germany if we do not crub corruption
भ्रष्टाचार घटानेके लिए नरेंद्र मोदी ने अनेक अनूठे उपाय योजे हैं, उनमेंसे एक नीचे दे रहा हूं।
—–> “स्वागत” वह अनूठी पहल है, जो गुजरात के नागरिकों एवं मुख्यमंत्री के बीच सीधे संवाद की सुविधा प्रदान करती है।( और भ्रष्टाचार घटाती है)
गान्धीनगर में, प्रत्येक माह का चौथा गुरुवार स्वागत दिन होता है जिसमें प्रशासन का उच्चतम कार्यालय, आम जनता की शिकायतों के बारे में सुनता है और उनपर कार्यवाही करता है। सत्र के समयमें –
* शिकायतें लॉगइन की जाती है, और सम्बद्ध अधिकारियों को ऑनलाइन प्रेषित कर उपलब्ध कराई जाती है, जिन्हें 3 से 4 घंटों में उत्तर तैयार करना होता है।
* इसके बाद सम्बद्ध विभागों को दोपहर के तीन बजे से पहले उत्तरों के साथ तैयार रहना पडता है, जब मुख्यमंत्री, सम्बन्धित ज़िलों के साथ विडियो कॉन्फ्रेंस करते हैं।
* अर्ज़ियां एक के बाद एक प्रस्तुत की जाती है, एवं, मुख्यमंत्री प्रत्येक शिकायत का विस्तार से परीक्षण करते हैं।
* विभाग द्वारा भेजी गई जानकारी का पुनरावलोकन भी शिकायतकर्ता तथा जिलाधीश/ज़िला विकास अधिकारी/पुलिस अधीक्षक एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारियों की उपस्थिति में किया जाता है।
* उचित एवं मान्य हल उसी दिन प्रदान किए जाने का प्रयास किया जाता है तथा आजतक कोई भी शिकायतकर्ता कभी भी उसकी शिकायत के प्रति ठोस जवाब के बिना नही लौटा है।
सारे शासकीय अधिकारी इसके कारण, भ्रष्टाचार रहित हुए हैं, और उनकी कार्यक्षमता (efficiency) बढी हुयी है। पर मोदी, Economics के Ph D नहीं।
भ्रष्ट्राचार वास्तव में आज हमारे देश का सबसे बड़ा दुश्मन है. भ्रष्ट्राचार तो सरकारी नौकरी का एक अनिवार्य कार्य बन गया है या कह सकते है यह एक सामाजिक टैक्स है जिसे सब ख़ुशी ख़ुशी लेते देते है. सालो की गुलामी ने हमारे स्वाभिमान, आत्म सामान के गुणों को ख़त्म कर दिया है. सच में से बदबू आती प्रतीत होती है. सच हम स्वाकीर नहीं कर सकते है.
सिर्फ नेताओं के बदलने से भ्रष्ट्राचार नहीं हटेगा हमें पूरा तंत्र, व्यवस्था बदलनी होगी तो की अंग्रजो की ओढनी है. शुरुआत हमें हमारे घर से करनी होगी. हमारे संस्कार, आदर्श कितने प्रबल है तो ही हम हमारे बच्चो को गर्व से नातिकता का पाठ पढ़ा सकते है.
suraj ekdam sahi hai ki hamare bharat mein hone walle iss corruption ko rokna chahiye
per koi kahaan jaane ye sab even jab sare kam passon mein jo hoten hain
jis tarah ye sahi hai ki ganga gangotri se nikalti hai usi tarah ye bhi sach hai ki bhrashtachar ki ganga rajneet ke gangotra se hi nikalti aur khad pani pati hai.jab khuleam sakdo ke tadad me karodpati bagar pan card ke sansad me hai,aur jinka kuch samai me hi dhan kai guna ho raha hai aur unase koi puchane wala bhi nahi hai,to fir am janata se is tarah ki umid nahi ki ja sakati.pichali loksabha ke parmadu mude per sare desh ne dekha ki kis tarah hamare adarsh pradhanmantri karodo ki keemat oar viswas mat le kar ghamnd se sonia gandhi ke sath vijai muskan bikher rahe the,to amlog kya soch rahe hoge,yahi ki hamare adarsh aur maha imandar pradhanmantri bhi apna kam nikalne ke liye note kharch karane me koi birai nahi hai.