रूठना मत कभी,हमे मनाना नहीं आता

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रूठना मत कभी,हमे मनाना नही आता |
दूर नही जाना,हमे बुलाना नहीं आता ||
 
तुम भूल जाओ हमे,ये तुम्हारी मर्जी |
हम क्या करे,हमे भुलाना नहीं आता ||

स्वपन देखती हो सोकर,कभी जाग कर देखो |
मोहब्बत का ख़्वाब,हमे दिखाना नहो आता ||

मालूम चला,तुमने रात जाग कर काट दी |
रात में जागना मत,हमे सुलाना नहीं आता ||

सोते हुये को जगा सकते,जागो को नहीं |
जो जाग कर सोये है,उन्हें जगाना नहीं आता ||

बहल जाते है कभी कभी झूठे ख्वाब देकर |
रस्तोगी को सच्चा प्यार उसे बहलाना नहीं आता || 

आर के रस्तोगी 
गुरुग्राम मो 9971006425
 

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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