दोहे

भारत दुर्दशा की ताजा तस्वीर [दोहे]

rupeeयु पी वेस्ट में इन दिनों ,चल रहा जंगल राज।

मानों अब परलोक से ,निकल पड़े यमराज।।

दो वाहन टकराए क्या , झगड़ पडीं दो कौम।

मजहब की तकरार में , धुन्धलाया है व्योम।।

मँहगाई की मार या , भ्रष्टाचार का शूल ।

कोल आवंटन फायलें ,कहाँ पर खातीं धूल ।।

मुद्रा का अवमूल्यन ,या घटता निर्यात ।

सब पर पर्दा पड़ गया , हो गई बीती बात।।

बात-बात में चल रही , गोली और तलवार।

नौ जवानों का लहू , यम को रहा पुकार।।

भोग वासना में धंसे ,रंग- रंगीले संत।

मानव मूल्यों का किया , धर्मान्धता ने अंत।।

भरे -पड़े सरकार में ,अर्थ विषेशग्य तमाम।

मनमोहन के राज में ,रुपया गिरा धडाम। ।

सोना या पेट्रोलियम , कंप्यूटर उत्पाद।

सब कुछ डालर में मिले ,देश हुआ बर्बाद।।

श्रीराम तिवारी