भारत दुर्दशा की ताजा तस्वीर [दोहे]

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rupeeयु पी वेस्ट में इन दिनों ,चल रहा जंगल राज।

मानों अब परलोक से ,निकल पड़े यमराज।।

दो वाहन टकराए क्या , झगड़ पडीं दो कौम।

मजहब की तकरार में , धुन्धलाया है व्योम।।

मँहगाई की मार या , भ्रष्टाचार का शूल ।

कोल आवंटन फायलें ,कहाँ पर खातीं धूल ।।

मुद्रा का अवमूल्यन ,या घटता निर्यात ।

सब पर पर्दा पड़ गया , हो गई बीती बात।।

बात-बात में चल रही , गोली और तलवार।

नौ जवानों का लहू , यम को रहा पुकार।।

भोग वासना में धंसे ,रंग- रंगीले संत।

मानव मूल्यों का किया , धर्मान्धता ने अंत।।

भरे -पड़े सरकार में ,अर्थ विषेशग्य तमाम।

मनमोहन के राज में ,रुपया गिरा धडाम। ।

सोना या पेट्रोलियम , कंप्यूटर उत्पाद।

सब कुछ डालर में मिले ,देश हुआ बर्बाद।।

श्रीराम तिवारी

 

3 COMMENTS

  1. मैंने अपने कमेंट में आपकी लाइन उद्घृत की है श्रीमान.

  2. भाई शिवेन्द्र मोहन जी से निवेदन है की यु पी वेस्ट या पूरे भारत की तत्सम्बन्धी सच्चाई से इस नाचीज को अवगत कराएं . मेरी प्रस्तुत कविता में कौन सा तत्व वामपंथ के चश्में से देखा गया है वो भी उद्ध्रत करें तो बड़ी कृपा होगी . बहरहाल टिप्पणी के लिए शुक्रिया ….!

  3. दो वाहन टकराए क्या , झगड़ पडीं दो कौम।

    बाकी सब तो ठीक है लेकिन यु पी वेस्ट की ख़बरें आप लगता है बामपंथी चश्मा लगा कर देखते हैं. सत्य को स्वीकारने में शुतुरमुर्गी प्रवृत्ति ठीक नहीं.

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