कुछ पंक्तियाँ

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उनका झूठ भी, हमारे लिए सच हो गया ।
लेकिन झूठ उन्होंने,
इतना बोला,उनका सच भी,
हमारे लिए अब झूठ हो गया ।

छोटे भी बड़ों के प्रेरक बन जाते हैं ,
पता ही नहीं चलता,
कब छोटे
बड़ों से बहुत बड़े हो जाते हैं।

न सोच कि तेरे सामने जो खड़ा है ,वह चींटी है ।
धराशायी करने के लिए हाथी को,एक चींटी ही काफी है।

कभी होंगे वे इतने उजाले में, कि चाह कर भी वे हमें देख नहीं पाएंगे ।
कभी चुंधिया जाएंगी आंखें हमारी, वह होंगे सामने और हम उन्हें देख ना पाएंगे।

खुद को ना इतना कमजोर समझ ,ऐ इंसान !
नजरों का है फेर ,कभी वो बलवान ,कभी हम बलवान।

सभी हैं गमज़दा ,तू कोई अलग तो नहीं ।
भोगेगा कोई और तेरा दर्द ,यह तो रीत नहीं।।

हंसते खिलखिलाते ,गुज़ार दे जिंदगी अपनी ।
रुलाने वाले तो बहुत हैं हंसाने वाले कहीं-कहीं।।

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