राजनीति

पूर्व माकपा सांसद के पास करोड़ों की बेनामी जमीन

बासुदेब पाल

गरीबों- मजदूरों की पार्टी कहलाने का दम्भ भरने वाली मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के ‘सादगीपूर्ण-भ्रष्टाचार रहित’ नेतृत्व की पोल एक ही छापे में खुल गई है। माकपा की पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं पार्टी की प्रमुख महिला नेत्री सरला माहेश्वरी के यहां पड़े आयकर विभाग के छापे में बेहिसाब और गैरकानूनी सम्पत्ति मिलने से अब पार्टी नेतृत्व सकते में होने का नाटक कर रहा है और कोई कुछ बोल नहीं रहा है। गत 27 जनवरी की प्रात:काल आयकर विभाग के उपनिदेशक (विवेचना) सुनील अग्रवाल के नेतृत्व में 100 से अधिक आयकर विभाग के कर्मचारियों ने अलग-अलग दलों में बंटकर श्रीमती सरला माहेश्वरी के आवास सहित उनके पति व उनकी कम्पनी के कर्मचारियों के ठिकानों पर छापेमारी कर उनकी सघन तलाशी ली। इस तलाशी में सरला माहेश्वरी और उनके पति अरुण माहेश्वरी के पास से जिन जमीनों के दस्तावेज मिले उनकी कीमत 600 करोड़ रुपए के लगभग आंकी जा रही है। आयकर विभाग ने अरुण माहेश्वरी, सरला माहेश्वरी, उनके पुत्र अभिमन्यु माहेश्वरी, दामाद अभिताभ केजरीवाल, उनकी कम्पनी के एकाउंटेंट संदीप जैन, भांजे पीयूष डागा, कम्पनी के कर्मचारी विकास बागड़ी और माहेश्वरी परिवार के करीबी व कानूनी सलाहकार जयकृष्ण दुजारी के बैंक एकाउंट, घर-दफ्तर, जमीनों के कागज आदि की जांच कर उनमें से कुछ को जांच के लिए सील तथा जब्त भी कर दिया है।

यह सारा मामला तब खुला जब सरला माहेश्वरी-अरुण माहेश्वरी के कार्यालय में काम करने वाले एक पूर्व कर्मचारी शंकर भट्टाचार्य से आयकर विभाग ने पूछा कि मात्र 2850 रुपए महीने की नौकरी करने के बावजूद उसके पास एक कम्पनी और उसके नाम पर जमीन कैसे है। अपने जवाब में शंकर भट्टाचार्य ने आयकर विभाग को गत वर्ष अगस्त माह में बताया कि जब वह अरुण माहेश्वरी के कार्यालय में काम करता था तब उन्होंने बिना जानकारी दिए मेरे व मेरी पत्नी प्रगति भट्टाचार्य के नाम से एक कम्पनी बनाई। हम दोनों की जानकारी और हस्ताक्षर के बिना ही पैनकार्ड भी बना लिया। 2002 में जब मैं नौकरी से सेवानिर्वत हुआ तो हम पति-पत्नी से कुछ कागजातों पर हस्ताक्षर करा लिए। आयकर विभाग ने यह जानकारी मिलने के बाद अरुण माहेश्वरी-सरला माहेश्वरी के आस-पास जो जाल बिछाया उससे पता चला कि 2004-5 में एक एकड़ जमीन के भी मालिक न होने वाले अरुण माहेश्वरी मात्र 5 साल में 300 एकड़ से भी अधिक जमीन के स्वामी बन बैठे हैं। 2009 के सितम्बर माह में साल्टलेक के सबसे महंगे बोटिंग काम्प्लैक्स में अपने पुत्र अभिमन्यु की शादी में करोड़ों रुपए के खर्च से भी आयकर विभाग अधिक चौकन्ना हो गया। इसीलिए छापेमारी की गई और अब उनके घर और कार्यालय से बरामद दस्तावेजों के आधार पर जांच की जाएगी। जिन लोगों के नाम पर उन्होंने जमीन खरीदी है, उन्हें अपनी आय के स्रोत बताने होंगे वरना सम्पत्ति जब्त की जाएगी और दण्ड भी भरना होगा। फर्जी पैन कार्ड बनवाने के मामले में अरुण माहेश्वरी पर आपराधिक मुकदमा भी चल सकता है।

बहरहाल माकपा अपने महिला मोर्चे की नेत्री और वरिष्ठ नेताओं की करीबी पूर्व सांसद और उनके पति-पुत्र के पास से मिली बेनामी और अवैध सम्पत्ति के मामले में चुप्पी साधे हुए है। माकपा के मुखपत्र ने भी इस विषय में कुछ नहीं लिखा और पार्टी प्रवक्ता मोहम्मद सलीम ने झुंझला कर कहा-हम कुछ नहीं जानते।