हथियार कहाँ से आये या आते हैं ?

2
151

isisआर बी एल निगम

एक समय था जब भारत पर आतंकी हमले होते थे ,समस्त विश्व भारत की हंसी उडाता था। उसका कारण भी था क्यूंकि तत्कालीन सरकारों ने विश्व के समक्ष कभी मजबूती से अपना पक्ष रखने में असमर्थ रही। वैसे भी भारत के 56 इंच चौड़े सीना लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर स्तर पर आतंकवाद का मुद्दा तो उठाया , लेकिन विश्व स्तर पर यह पूछने का साहस नहीं कर पाये कि आतंकी हमला भारत में हो या किसी भी अन्य देश में “आखिर इन के पास हथियार कहाँ से आते हैं ?वो देश कौन है जो इन्हे हथियार देता है ?यदि समय रहते इस पर अंकुश नही लगाया गया फिर वह दिन भी दूर नहीं जब वही देश इन्ही आतंकियों के हाथ न्युक्लीअर का सौदा न करले ?
आज (नवंबर १४ )पेरिस में आतंकी हमले से विश्व को आतंकवाद पर काबू पाने के लिए सर्वप्रथम मानवता के दुश्मनों को हथियार एवं विस्फोटक सामग्री देने वाले देश पर लगाम कसनी होगी। उस देश का हर स्तर पर बहिष्कार करना होगा। उस देश के किसी भी प्रकार के पशु या पक्षी तक को दूसरे देश में घुसने की अनुमति नहीं होनी चाहिए। यदि विश्व बातों पर चर्चा नही करता, स्पष्ट है सरकार की ही शय पर इस तरह के घिनौने कामों को अंजाम दिया जा रहा है।

ISIS का खतरा वैश्विक रूप लेता जा रहा है पेरिस में हुए सिलसिलेवार आतंकी हमलों की जिम्मेदारी एक बार फिर ISIS ने ली है. इराक और सीरिया के कुछ हिस्सों पर कब्जे के बाद अबु बकर अल बगदादी की अगुवाई वाले इस आतंकी संगठन ने जून 2014 में इस्लामिक स्टेट बनाने की घोषणा की थी और बगदादी को अपना खलीफा.पेरिस में ताजा हमले के साथ एक बार फिर ISIS ने यूरोप में अपने पांव पसारने का संकेत दे दिया है. इससे पहले भी पेरिस में हमलों के पीछे ISISका हाथ सामने आया था. अब तक यह क्रूर आतंकी संगठन कम से कम 11 देशों में हमलों को अंजाम दे चुका है. यह इसके वैश्विक होते खतरे का उदाहरण है.इन देशों में हमलों को अंजाम दे चुका है ISIS1. सऊदी अरब2. फ्रांस3. लीबिया4. लेबनान5. मिस्र6. ट्यूनिशिया7. यमन8. अफगानिस्तान9. तुर्की10. कुवैत11. बांग्लादेश फ्रांस में इस साल की शुरूआत में शार्ली हेब्दो पत्रिका में छपे कार्टून को लेकर ISIS ने पत्रिका के दफ्तर पर हमले को अंजाम दिया था. वहीं ताजा हमला पेरिस में कई जगहों पर किए गए हैं.बांग्लादेश में इस संगठन ने ब्लॉगरों की हत्याओं को अंजाम दिया.हाल में मिस्र से उड़ान भरे रूस के यात्री विमान को मार गिराने का भी इस संगठन ने दावा किया. इस विमान में 224 यात्रियों की मौत हो गई. रूस सीरिया में ISIS के खिलाफ हवाई हमले कर रहा है. कहा गया कि संगठन ने इसका बदला लेने के लिए हमलों को अंजाम दिया.इतना ही नहीं, हाल के दिनों में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन समेत तमाम देशों में ISIS से जुड़े संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारियां हुईं हैं. समूह की बढ़ती सक्रियता बताती है कि इसने अलकायदा और अन्य आतंकी समूहों की जगह लेनी शुरू कर दी है.
इन मानवता के दुश्मनों के पास इतना धन एवं अत्याधुनिक हथियार देने वाला देश कौन है ? क्या विश्व एकजुट हो कर इस मानवता के दुश्मन के विरुद्ध कोई सख्त कदम उठाने में असर्मथ है ?आखिर विश्व कब तक ऐसे घिनौने खेल खेलने वालों के हाथ की कढ़पुतली बना रहेगा ? आखिर कब तक मानवता का नरसंहार होता रहेगा ? क्या आम नागरिक इन नरसंहारों के लिए दुनियां में आया है ? यह खूनी खेल चाहे isis का हो या किसी अन्य संगठन का, इसकी जीवनलीला पर विराम अतिआवश्यक है। अन्यथा जो भी देश अपने आपको को सर्वशक्तिमान एवं सम्पन्न कहता है , वह भी इस दरिन्दी का दास है।

2 COMMENTS

  1. इन बड़े देशों को अब भी चिंता नहीं होनी है क्योंकि जब इनके खुद के सिर पर जब आती ये चिल्लाते हैं , विश्व मंच पर बातें कर फिर से ऐसे राष्ट्रों को हथियार व पैसे मुहैया कराते हैं जहाँ इनके राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध हो रहे हों , अमेरिका की तो यह नीति सदा से ही रही है , दुसरे ये उन आतंकवादी संगठनो को नष्ट करने की बाटे करते हैं जो इनके लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं भारत के लिए पाकिस्तान जनित व पोषित आतंकी संगठनों पर इनकी नीति दूसरी हो जाती है , केवल लोक दिखावे के लिए कह कर ये चुप बैठ जाते हैं , सम्मेलनों की संयुक्त घोषणाओं में ऐसी बढ़ चढ़ कर डींगे मरी जाती हैं लेकिन वास्तविकता के धरातल पर यह सब शून्य ही होता है

  2. Dear Mr Nigam if You write any thing Do not mess Primeminster Sri Narendra Midi in your Sense less Artical and i will suggest you Take care yourself you seems to be very frustrated person.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here