हां हां … हां भई हां. …. हमारे देश का गांधी परिवार जैसा बहतरीन परिवार पूरी दुनिया में नही मिलेगा । मैं कपिल सिब्बल की इस बात से पूरी तरह से सहमत हूँ की देश में किसी भी जगह … किसी भी तरह से गांधी परिवार के विरूद्ध कोई बात नही कहना चाहिये । हमारे देश को तरक्की देने वाला गांधी परिवार ही अकेला ऐसा परिवार है जो सारे देश की सोचता है बाकि सारे देश वासी केवल दर्द देने का काम करते हैं । कई तो ऐसे हैं जो अपने परिवार को नही संभाल सकते देश क्या खाक संभालेंगे । हमारे देश की सबसे ऊंची नाक सोनिया मैडम हैं … हम इन्हे मैडम कहते हैं क्योंकि आजादी के बाद हमारे देश में विदेश से आई पहली मेम हैं जो देश को संभाल रही हैं केवल संभाल ही नही रही हैं बल्कि बेहतरीन तरीके से चला कर दिखा भी रही हैं । इन्होने हमारे देश में आकर सबसे पहले अपने देवर की हवाई दुर्घटना में मौत देखीं .. इसके बाद अपनी सास को असली गोलियां खाकर मरते हुए देखीं ….इतने पर भी इस देश को रहम नही आया और इनके पति को बम से उडा दिया गया … उफ्फ्फ्फ्फ् ये तो इनका मजबूत आयातित विदेशी दिल था जो इतने सदमें झेल सका वरना हमारे देश में तो कई परिवार ऐसे हैं जिनका दो चार छोटे मोटे हादसों में ही दम निकल जाता है ।
दुसरे नंबर में आते हैं राहुल बाबा … हम इन्हे बाबा इसलिये कहते हैं क्योंकी हमारे देश के कई बाप निकम्मे निकल गये औऱ वो राहुल गांधी जैसी बेशकिमती औलाद पैदा नही कर सके । दरअसल राहुल बाबा एक दुर्लभ व्यक्ति इसलिये हैं क्योंकी इनमें विदेशी शरीर के साथ देसी दिमाग है । ये केवल देस के बारे में ही सोचते रहते हैं जबकि हमारे देश के बाबा लोग या तो बाबाओं के चक्कर में रहते हैं या फिर महंगाई और बेरोजगारी का रोना रोते रोते मर जाते हैं । हमारे देश कोई भी आदमी राहुल बाबा के बराबर नही हो सकता अरररर मैं गलत कह गया दुनिया का कोई भी आदमी राहुल बाबा की तरह का नही हो सकता … कौन है जो देश की बढती महंगाई का रोना नही रोकर किसी भी गरीब दलित के घर खाना खाकर बिना कुछ दिये जा सकता है … राहुल बाबा नें साबित कर दिये की एक गरीब दलित जब अपने खाने के साथ साथ उनको भी खाना खिला सकती है तो फिर देश में गरीबी और महंगाई का दुखडा क्यों रोया जा रहा है । हमारे देश को फक्र होना चाहिये की इंदिरा गांधी नें जो दो विभिन्न नस्लीय वंशानुगत प्रयोग देश हित में किये हैं वह पूर्णतः सफल साबित हो रहा है । अब उस प्रयोग को आगे बढाने की दिशा में अगला कदम राहुल बाबा को उठाना है और उन्हे दूर दराज किसी दूसरे देश की दुल्हन लाना होगा ताकि हमारा देश उस प्रयोग की अगली पीढी के राज करने की कार्यशैली देख सके ।
आदरणीय कपिल सिब्बल जी आशा है आप इसे जरूर पढेंगे । प्लीज मेरे गूगल औऱ फेसबुक अकांउट को बख्श दिजियेगा … देखिये मैने यहां पर गांधी परिवार की केवल तारिफें लिखी है । यदि कोई बात छुट गई हो ते माफ किजियेगा मैं प्रियंका जी के बारे में समयाभाव के कारण कुछ नही लिख पा रहा हूँ … वैसे भी उन्होने अपने प्रयोग जारी रखे हुए हैं और इस हेतू मेरी शुभकामनाओं के साथ सारे गूगल और फेसबुक की शुभकामनाएं जुडी समझियेगा … आशा है आप भावनाओं को समझेंगे ।
अपनी लिखी पुरानी टिप्पणियों में कुछ ढूँढ़ते मार्च ११, २०११ को प्रस्तुत डब्बू मिश्रा जी के राजनीतिक लेख, अर्जुन सिंह मर गए?” को देख मैं तुरंत प्रवक्ता.कॉम पर उनके द्वारा प्रस्तुत लेखों की सूची पर आ पहुंचा हूँ| यह सोच कि संभवतः मृतक अर्जुन सिंह के किसी संबंधी ने “मैं अजय सिंह राहुल आप से मिलना चाहूँगा|” लिख उन्हें डरा धमका दिया होगा इस लिए अब उन्होंने “गांधी परिवार दुनिया में सबसे अच्छा है” लिख मारा है| ऐसा दुस्साहस| सूची के अनुसार प्रवक्ता.कॉम पर दिसंबर ७, २०११ को प्रस्तुत यह उनका अंतिम लेख है देख मैं तो सचमुच डर गया| प्रभु जी दयालु है और दब्बू मिश्रा जी आज भले चंगे हैं| मैंने अभी अभी अन्यत्र उनका अगस्त १६, २०१६ को पोस्ट किया लेख, “जवान सीमा पर क्यों जाएं? मरने!” पढ़ा है| अच्छा लगा| आप भी गूगल पर इसे खोजें और पढ़ें| मैं चाहूँगा कि उन्हें फिर से प्रवक्ता.कॉम पर लिखने के लिए आमंत्रित किया जाए|
आपके लेख से कई लोगो की पेट में मरोड़ आ गयी है. जाहिर है लेख में दम है.
लेख की विधा अच्छी होने से लेख अच्छा नहीं हो जाता, उसमें तो सरासर भडास निकाल गई है, काहे को लेखक महाशय को चने के झाड पर चढा रहे हैं
दुनिया की सबसे पवित्र महिला ‘सोनिया गांधी’ ; दुनिया का सबसे पवित्र परिवार ‘सोनिया परिवार’. ऐसे पवित्र परिवार और पवित्र महिला के लिए सारे भारत को बलि चढाया जा सकता है. इस ऊंची बात को कम बुधी के भारतीय तो समझ नहीं रहे. एक कपिल सिब्बल हैं और उनके चंद साथी हैं जो इसे समझ रहे हैं और पूरे देश को इस परिवार और इसकी जुंडली के लिए बलि चढा रहे हैं. खबरदार जो कोई बोला या शोर मचाया. वरना फेस बुक से हटाये पृष्ठ वाली गति तुम्हारी भी होगी.
भाई डब्बू, कमाल का लेख लिखे हो ! ये Jonathan Swift वाले स्टाइल में आपने कमाल ही कर दिया, ये बहुत ही अच्छी विधा है भाई, और साधना की जरुरत है….. मेरी शुभकामनायें आपके साथ है
सिब्बल को आपका जवाब बेहतरीन है लेकिन आप फिक्र न करो ऐसे बदज़बान और नाफरमान नौकर मालिक यानि जनता सत्ता से बहार करने का मन बना चुकी है.
मिश्रा जी बहुत ही प्यार से जूता मारा है। सुन्दर लेख के लिये बधाई