अच्छा इंसान

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किसी देश का फ़ौजी हो
या हो कहीं का किसान
यह ज़रूरी नहीं है
वह होगा अच्छा इंसान

पेशे से नहीं बनती
इंसान की परिभाषा
हर पुष्प की नहीं होती
एक जैसी अभिलाषा

बेइमानों की जहान में
मुश्किल है पहचान
किंतु सत्य यह भी है
सब नहीं एक समान

इंसानियत जिसमें ज़िंदा
जो संवेदनहीन नहीं
नेक हो जिसकी नीयत
है अच्छा इंसान वही

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