भ्रष्टाचार को रोके कैसे ?

2
164

यू.पी. ए. 2 सरकार हमारी,

भोली  भाली  और  बेचारी,

राजकुमार  उनके  ब्रम्हचारी,

राज  करें उनकी  महतारी।

प्रधानमंत्री   भी  भोले भाले,

सारे  काँण्ड करें  मंत्रीगण,

कभी कामनवेल्थ धोटाला,

2जी, 3जी मे नहा नहाकर,

हैलीकौप्टर  की  घूस  खाकर,

कोलगेट  से दाँत  साफकर,

आर्म्स गेट से अन्दर जाकर,

रेल गेट से बाहर आकर,

कलावती  की रोटी  खाकर,

दामाद को अरबपति बनाकर,

हम तो  बालक  भोले  भाले,

मंत्री   हमारे सारे  चमचे,

भ्रष्टाचार  को रोकें  कैसे,

वो ही तो हाथ पैर हमारे।

2 COMMENTS

  1. एक मामूली सा सवाल, श्री महेश कुमार की पदोन्नति के लियें किसी कंपनी ने 90 लाख रु. रेल मंत्री जी के भाँजे को दिये , देने वाला हिरासत मे है, मामा या भाँजे के पास 90 लाख होने चाहियें। जब किसी ने दिये तो किसी न किसी ने लिये भी होंगे। भाँजा तो पदो्न्नति दे नहीं सकता था, तो उन्हे कोई इतनी बड़ी रक़म क्यों देगा ? पर सरकार अपने हाथ पैर क्यों कटवाये ?

Leave a Reply to vijay nikore Cancel reply

Please enter your comment!
Please enter your name here