कविता

अब इंसान ही इंसान को डसने के काम आयेगा

बंद कर दिया है सांपों को सपेरे ने यह कह कर
अब इंसान ही इंसान को डसने के काम आयेगा

पल्ला झाड़ लेती है पुलिस जनता को यह कह कर
अब गुंडा ही गुंडों को पकड़ने के काम आयेगा 

तोड़ लिये जाते है कच्चे फ्लो को यह कह कर
कोई केमिकल ही उनके पकने के काम आयेगा

बंद कर दी है लूटमार,लूटोरे ने यह कह कर
अब आदमी ही आदमी को लूटने के काम आयेगा

बचपन जवानी चली गई अब तो बुढापा ही आयेगा
भज ले प्रभु का नाम,बस यही तेरे काम आयेगा

आर के रस्तोगी