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ॐ ५६ )-ब्रह्माण्डगुरु- भगवान-वनौषधीय चिकित्सक व अधिष्ठाता – -प्रकृति शक्ति पीठ – का सन्देश
शुगर के रोग का शर्तिया इलाज
तुलसी पौधे के लाभ :- शुगर के रोगी को विशेष प्रक्रिया से तैयार श्यामा तुलसी के ११ पत्ते रात्री में ताबें, चीनी मिट्टी या कांच के बर्तन में पानी में डालकर रख दे सुबह उठते ही पत्ते खावे। पूरा पानी पी जावे जितना पिया जा सके तथा प्रतिदिन लगभग ३० पत्ते खाये।
नशा करने वाले रात्रि में मुंह साफ करके ही सोवे क्योंकि सुबह तुलसी के पते पीसकर बिना मुंह साफ किये ही खाने है ।बाद में दिन में जो २५ -३० पते खावे वो छाछ के साथ पीसकर खावें ।
-तेज शुगर के रोगी को नीम के ढाई पते कोंपल के तुलसी पतों के साथ खाने है ।
१ -नीम पर चढ़ी हुई गिलोय (अमृता)का रस भी लेना है ।
२ -सदाबहार सफ़ेद फूल के फूल भी खाने है ।
३ -मेथी पीसकर -भिगोकर खानी है ।
४ -अस्वग्न्ध का एक पता खावें।( जो लोग मोटे है )
– विशेष प्रक्रिया से प्राणायाम भी तो अति आवश्यक है –
-इतना उपचार जो नियमित ले लेगा उसके पास शुगर रोग रह भी नहीं सकता ।
भगवानराम प्रजापति
कृपया मधुमेह के सभी रोगी सावधान. ऊपर लिखा गया फार्मूला बकवास है. इतनी अधिक मात्रा में तुलसी के पत्ते हानिकारक हैं . गर्मी में तुलसी की ५ पत्तियों से ज्यादा मत खाए. तुलसी का मधुमेह पर कोई भी असर नहीं है .
मधुमेह में आहार पर नियंत्रण और नियमित व्यायाम अति आवश्यक है.जिसने भी मधुमेह के रोक थाम के लिए यह शर्तिया नुस्खा लिखा है,वह इन दो मुख्य बातों को भूल सा गया लगता है, मैं नहीं समझता कि उपरोक्त दोनों बातों पर ध्यान दिए बिना मधुमेह पर कारगर नियंत्रण संभव है. मैं चिकित्सक महोदय से अनुरोध करना चाहता हूँ कि वे इन पर प्रकाश डालें.