भीषण गर्मी में स्वयं के साथ बेजुबानों का भी रखें ध्यान !

हाल ही में मौसम विभाग ने 21 मई तक 24 मई तक पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान में कुछ जगहों पर लू चलने की संभावना जताई है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार 21 मई तक हरियाणा और राजस्थान में कुछ इलाकों में रात में भी लू चलने की संभावना है। इन दिनों राजस्थान और हरियाणा ही नहीं पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है। यूपी और बिहार भी लू की चपेट में हैं।इधर दिल्ली में भी गर्मी से बुरा हाल है। गर्मी को देखते हुए मौसम विभाग समय-समय पर हाई अलर्ट जारी करता रहता है। हमें इन अलर्ट्स को लेकर विशेष ध्यान बरतना चाहिए और मौसम विभाग के दिशा निर्देशों के अनुरूप कार्य करना चाहिए। उपलब्ध जानकारी के अनुसार(जैसा कि भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बताया है) पंजाब से हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के उत्तरी गंगीय क्षेत्र से होते हुए उत्तरी बांग्लादेश तक एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है तथा दक्षिण गुजरात से सटे उत्तर-पूर्व अरब सागर पर ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण भी बना हुआ है। मौसम संबंधी इन प्रणालियों के चलते आज जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश में और 24 मई तक उत्तराखंड और उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में गरज, बिजली और 30-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। सच तो यह है कि उत्तर-पश्चिम भारत से लेकर पूर्व, मध्य और दक्षिण भारत तक में बदलते मौसम का कहर देखने को मिल रहा है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ों और उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में जहां एक ओर आंधी-तूफान, हिमपात, ओलावृष्टि, गरज और बिजली की चमक के साथ बारिश हो रही है वहीं दूसरी ओर कुछ क्षेत्रों में प्रचंड गर्मी का प्रकोप भी बना हुआ है। आंकड़े बताते हैं कि विभिन्न राज्यों में आंधी-तूफान और वर्षा जनित घटनाओं में 11 लोगों की मौत भी हो गई और कई घायल हुए हैं। हाल फिलहाल कहना ग़लत नहीं होगा कि गर्मी इन दिनों लगभग लगभग पूरे उत्तर भारत में कहर ढा रही है। अतः हमें गर्मी से बचने के लिए पर्याप्त पानी पीना (हाइड्रेटेड रहना)चाहिए, हल्के रंग के ढ़ीले और सूती कपड़े पहनने चाहिए, धूप से बचना चाहिए, खाली पेट घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और घर और आफिस में ठंडे स्थान पर रहना चाहिए । घर से बाहर निकलना भी पड़े तो टोपी, छाता या सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए। यदि संभव हो तो एयर कंडीशनिंग का उपयोग करना चाहिए और दिन के सबसे गर्म समय में(दोपहर 2 बजे से चार बजे तक) बाहर जाने से बचना चाहिए, क्यों कि इस समय धरती भीषण गर्मी से पूरी तरह से तपने लगती है। गर्मी के मौसम में हमें मसालेदार भोजन या गर्म भोजन खाने से बचना चाहिए, क्यों कि ये हमारे शरीर को गर्म कर सकते हैं। हमें यह चाहिए कि हम इस भीषण गर्मी में ठंडे पेय पदार्थों मसलन ठंडा पानी, नारियल पानी, या नींबू पानी, छाछ, लस्सी ,ठंडाई आदि का सेवन करें और अपनी सेहत का ध्यान रखें। वास्तव में गर्मी से संबंधित बीमारियों से बचने के लिए, हमें किसी भी असामान्य लक्षण पर ध्यान देना चाहिए, जैसे कि सिरदर्द, चक्कर आना, थकान, या उल्टी।यदि हमें गर्मी से संबंधित बीमारी के लक्षण दिखाई दें, तो हमें यह चाहिए कि हम तुरंत किसी डॉक्टर या नजदीकी हास्पीटल या डिस्पेंसरी में संपर्क करें। भीषण गर्मी के इस मौसम में हम अपना और अपने परिवार का ही नहीं अपितु जीव-जंतुओं का भी पूरा ध्यान रखें। वास्तव में जहां पक्षियों की आवाजाही अधिक रहती है, वहां पेड़ों पर हम पानी के परिंडे लगाएं, उनके लिए पानी के सकोरों की व्यवस्था करें। इतना ही नहीं हम पक्षियों के लिए दाने के लिए पात्र रखवाएं तथा पशुओं के लिए पानी की खेलियां रखवाकर उनमें प्रतिदिन पानी की व्यवस्था रखें, क्यों कि बेजुबान पशु-पक्षी मनुष्य की तरह बोलकर अपनी भावनाओं को प्रकट नहीं कर सकते हैं। हमें ही पशु-पक्षियों की व्यथा, उनके दुःख-दर्द(भोजन-पानी आदि) को समझना होगा, महसूस करना होगा। पशु, पक्षी और मनुष्य तीनों सचेतन जीव हैं, जिनके अपने-अपने जीवन के उद्देश्य होते हैं। मनुष्य तर्क कर सकता है, अपनी बुद्धि और तर्क शक्ति से प्रेरित होता है, जबकि पशु सहज प्रवृत्ति से प्रेरित होते हैं। पक्षी भी सहज प्रवृत्ति से जीवन जीते हैं, लेकिन उनमें भी अपनी तरह की बुद्धि होती है। इसलिए पशु-पक्षियों का संरक्षण करना हमारा नैतिक कर्तव्य बन जाता है। बहरहाल, आज धरती का तापमान निरंतर बढ़ता चला जा रहा है और भीषण गर्मी के कारण मनुष्य ही नहीं पशु-पक्षियों का जीवन भी असहनीय हो चला है। 20 मई से 2 जून तक  सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक कोई भी व्यक्ति बाहर (खुले आसमान के नीचे) नहीं निकले, अथवा बहुत कम किसी ज़रूरत विशेष पड़ने पर ही घर से बाहर निकले क्योंकि यह संभावनाएं जताई जा रहीं हैं कि  तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से 55 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। ऐसे मौसम में (भीषण गर्मी में) किसी भी व्यक्ति को घुटन महसूस हो सकती है या अचानक तबियत खराब हो सकती है तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क स्थापित करना चाहिए और अपना इलाज कराना चाहिए अथवा मेडिकल परामर्श लेना चाहिए। भीषण गर्मी के मौसम में हमें कुछ एहतियात बरतने की आवश्यकता है। मसलन, हमें यह चाहिए कि हम घर और आफिस में वेंटीलेशन (वायु-संचार) पर पर्याप्त ध्यान दें। गर्मी के इस मौसम में मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर का प्रयोग कम करें, जैसा कि भीषण गर्मी में मोबाइल फटने की संभावनाएं बनीं रहतीं हैं। अतः हमें इससे सावधान रहने की जरूरत है। भीषण गर्मी के मौसम में हमें दही ,मट्ठा, बेल का जूस आदि ठंडे पेय पदार्थों का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। पाठकों को बताता चलूं कि नागरिक सुरक्षा महानिदेशालय नागरिकों और निवासियों को कुछ चीजों के प्रति सदैव सचेत और जागरूक करता है। पाठकों को बताता चलूं कि आने वाले दिनों में 47 से 55 डिग्री सेल्सियस के बीच बढ़ते तापमान और क्यूम्यलस बादलों की उपस्थिति के कारण अधिकांश क्षेत्रों में दमघोंटू माहौल होने के कारण, कुछ चेतावनियां और सावधानियां जारी की गईं हैं। पाठकों को बताता चलूं कि नागरिक सुरक्षा महानिदेशालय द्वारा बताया गया है कि भीषण गर्मी में कारों में से गैस सामग्री, लाइटर, कार्बोनेटेड पेय पदार्थ, सामान्यतः इत्र और उपकरण बैटरियाँ आदि को हटा दिया जाना चाहिए। इतना ही नहीं, कार की खिड़कियाँ थोड़ी खुली (वेंटिलेशन) होनी चाहिए तथा कार के फ्यूल टैंक को पूरा नहीं भरा जाना चाहिए। जानकारी दी गई है कि कार आदि में शाम के समय ईंधन भरा जाना चाहिए। साथ ही  कार के टायरों को ज़्यादा नहीं भरा जाना चाहिए, ख़ासकर यात्रा के दौरान। गर्मी के इस मौसम में हमें बिच्छुओं और सांपों से सावधान रहने की भी जरूरत है,क्योंकि भीषण गर्मी में वे अपने बिलों से बाहर निकलकर, ठंडी जगहों की तलाश में पार्क और घरों में प्रवेश कर सकते हैं। इस मौसम में (जून जुलाई में) हमें खूब पानी और तरल पदार्थ पीने चाहिए, तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम गैस सिलेंडर को धूप में न रखें। साथ ही साथ हम यह भी सुनिश्चित करें कि बिजली मीटरों पर अधिक भार न बढ़ने पाए और एयर कंडीशनर का उपयोग केवल घर के व्यस्त क्षेत्रों में करें, विशेषकर अत्यधिक गर्मी के समय में। साथ ही दो तीन घंटे के बाद इन इलैक्ट्रोनिक उपकरणों को कम से कम 30 मिनिट्स का रेस्ट ज़रूर दें। बाहर 45-47° तथा घर पर एसी 24-25° पर ही चलाएँ। गर्मी के इस मौसम में हमें सूरज की रोशनी के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए, खासकर सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच। तो आइए भीषण गर्मी के इस मौसम में हम स्वयं भी गर्मी से बचें और पशु-पक्षियों को भी गर्मी से बचाने के लिए कृत संकल्पित हों। हमारे छोटे छोटे प्रयासों और जागरूकता से बहुत कुछ संभव हो सकता है।

सुनील कुमार महला

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