विदेशों में बढ़ रही है भारत की धाक

सुरेश हिंदुस्थानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजीटल इंडिया का सपना अब साकार रूप में परिणत होता दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री जब किसी विदेश यात्रा पर जाते हैं, तब उनके कार्यक्रमों में जो झलक प्रादुर्भित होती है, उसके मूल में भारत का डिजीटल स्वरूप दिखाई देता है। आज सारा विश्व इस बात को लेकर चकित है कि भारत की जो छवि वर्तमान में दृशव्य है, उसका स्वरूप विश्व के विकसित देशों के समक्ष सीना तानकर खड़ा होने का सामर्थ्य रखता है। वर्तमान में अमेरिका जैसा देश भारत के गुणगान करने लगा है, जो भारत के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। अमेरिका में निवास करने वाले भारतीय मूल के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस रूप को देखकर अविभूत हैं। उनका मानना है कि विदेशों में भारतीय मूल के लोग जिस प्रकार से अपनी क्षमताओं के बल पर भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। उसकी चमक भारत देश में भी दिखाई देना चाहिए। आज भारत वास्तव में विदेशों में अपनी शानदार चमक का प्रदर्शन कर रहा है।
विश्व के अनेक देश भारतीय प्रतिभा का पूरा लाभ उठा रहे हैं। तकनीक के क्षेत्र में भारतीय मूल के लोग कई देशों में उपलब्धि हासिल कर रहे हैं। चाहे वह माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला हों, या एडोब कंपनी के शांतनु नारायण या फिर गूगल के सीईओ सुंदर पिचर्ड या इंडस के वेंकटेश शुक्ल। सभी ने भारतीय प्रतिभा का लोहा मनवाया है। हम यह भी भलीभांति जानते हैं कि विश्व की कई प्रतिष्ठित कंपनियों के प्रमुख पदों पर आज भारतीय मूल के लोग पदासीन हैं। इन सभी लोगों ने भारत का जो वैश्विक मान बढ़ाया है, वह प्रशंसनीय ही नहीं बल्कि अभिनंदनीय भी है।
वर्तमान में डिजीटल और तकनीक के क्षेत्र में जिस प्रकार से प्रमुख कंपनियां भारत की ओर आकर्षित हो रहीं हैं, उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तुतीकरण का बहुत बड़ा योगदान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं के पीछे जो दर्शन दिखाई देता है, उसमें केवल भारत का उत्थान ही नजर आता है। चाहे वह आदर्श गांव की बात हो या फिर स्मार्ट शहर बनाए जाने की बात हो। सभी में भारत का विकास ही निहित है। केंद्र सरकार का मूलसिद्धांत सबका साथ सबका विकास हर जगह दिखाई दे रहा है। हम जानते हैं कि स्मार्ट शहर की परिधि में आने वाली सभी योजनाओं का लाभ वे सभी नागरिक ले सकेंगे जो उस शहर में निवास करते हैं। न किसी को कम और किसी को ज्यादा। ऐसा आज तक देश के किसी प्रधानमंत्री ने नहीं सोचा कि पूरे शहर को लाभ पहुंचाने वाली योजनाएं चलाई जाएं। अब तो गांवों के उत्थान के लिए स्मार्ट गांव की योजना भी बनने की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं, उसका परिणाम भले ही देर से आए, लेकिन जब भी इसका परिणाम आएगा। वह भारत को महान और गौरव का आभास कराएगा, यह तय है।
आज विश्व के कई देश इस सत्य को स्वीकार करने लगे हैं कि भारत देश हमसे कई मामलों में बहुत आगे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्य करने का अंदाज भारत की इस अलौकिक शक्ति का जोरशोर से प्रस्फुटन कर रहा है। विश्व के कई देश वर्तमान में भारत के साथ जुड़ने के लिए उत्सुक दिखाई दे रहे हैं। भारत की जनता के मन में कम से कम इस बात की खुशी दिखाई दे रही है कि विश्व के सामने नतमस्तक होकर खड़ा होने वाला देश आज सीना तानकर खड़ा है। हमें इस सत्य को स्वीकार करना होगा कि हमारा वैश्विक दृष्टि से विश्व को बहुत कुछ देने का सामर्थ्य रखता है। भारत के अतीत का अध्ययन करने से पता चलता है कि हमारा देश विश्व के सभी देशों से हर मामले में बहुत आगे था। विश्व को ज्ञान का बोध कराने का सामर्थ्य भारत के पास था। धन सम्पदा जितनी भारत के पास थी उतनी विश्व के किसी भी देश में नहीं थी। मात्र इसी कारण ही विश्व के कई देश भारत की धन सम्पदा को लूटने के उद्देश्य से भारत पर हमला करते थे। अंग्रेजों के शासनकाल में भारत को जबरदस्त तरीके से लूटा गया। लेकिन भारत में फिर भी कोई कमी नहीं आई। कमी केवल हमारे शासन कर्ताओं की मानसिकता में दिखाई दी।
आज हम देखते हैं कि विश्व की कई कंपनिया भारत में अपना व्यापार कर रहीं हैं और इस व्यापार के बहाने से देश का पैसा विदेशी कंपनियों के हवाले हो रहा है। वह कंपनी आयकर के रूप में इस कमाई का हिस्सा अपने देश की सरकार को जमा करतीं हैं। इससे यह प्रमाणित होता है कि विश्व के कई देश आज भी भारत की धन सम्पदा को लूटने में लगे हैं। हम भारत वासियों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हमें अपने देश की आर्थिक हालात सुधारने के लिए स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए। इसके प्रयोग से विश्व में जिस प्रकार के भारत देश की हम कल्पना करते हैं वैसा स्वरूप बनाने की ओर शीघ्रता से अग्रसर होंगे। जिस प्रकार से देश के प्रधानमंत्री 125 करोड़ देशवासियों से आह्वान करते हैं देश को भी उसी प्रकार का सोच अपनाना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण ही आज भारत को सुरक्षा परिषद में आने के लिए जबरदस्त समर्थन हासिल हो रहा है। सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी दावेदारी पर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का समर्थन मिलना भारत की उपलब्धि है। उल्लेखनीय है कि भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आने के लिए अपनी दावेदारी कर रहा था, लेकिन उस समय भारत को विश्व के कई देशों ने इस लायक नहीं माना कि भारत सुरक्षा परिषद के योग्य है। हमारी पूर्ववर्ती केंद्र सरकारों ने कभी भारत के वास्तविक स्वरूप को विश्व के सामने खुलकर उजागर ही नहीं किया। उन सरकारो ने जिस प्रकार का भारत दिखाया वह भारत की छवि को वास्तविक रूप में प्रदर्शित नहीं कर सका। आज वही भारत है, केवल काम करने के तरीके बदले हैं। प्रसिद्ध लेखक शिव खेड़ा का मानना है कि काम हर कोई करता है लेकिन जबरदस्त सफलता उन्हीं लोगों को मिलती है जो काम को नए तरीके से करते हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काम तो पहले जैसा ही किया है, लेकिन काम करने की शैली में परिवर्तन किया है। उसी शैली के कारण ही भारत के बारे में दुनिया की सोच में व्यापक परिवर्तन आया है।

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