इतिहास रचते भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा

  • योगेश कुमार गोयल
    2021 में टोक्यो ओलंपिक में भारत को एथलेटिक्स में सोना दिलाने का इतिहास रचने के बाद भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर नया इतिहास रच दिया है। टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले वह भारत के इकलौते खिलाड़ी थे और ओलंपिक खेलों के इतिहास में एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले भी वह भारत के पहले एथलीट थे। अब नीरज महान एथलीट एंडरसन पीटर्स को पीछे छोड़ते हुए अपने कैरियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग हासिल कर पुरुषों की विश्व रैंकिंग में नए नंबर-1 एथलीट बन गए हैं और इस रैंकिंग के साथ नीरज का नाम इतिहास के पन्नों में सदा के लिए दर्ज हो गया है। यह रैंकिंग हासिल करने वाले वह भारत के पहले एथलीट बने हैं। नीरज ने 5 मई को दोहा में हुए डायमंड लीग में 88.67 मीटर की दूरी पर भाला फैंककर स्पर्धा जीती थी और उसी बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत ही उन्हें अब विश्व रैंकिंग में पहला स्थान मिला है। टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता जाकूब वादलेच दोहा डायमंड लीग में भी दूसरे स्थान पर रहे, जिन्होंने 88.63 मीटर की दूरी पर भाला फैंका जबकि विश्व चैम्पियन एंडरसन पीटर्स 85.88 मीटर की दूरी पर भाला फैंककर तीसरे स्थान पर रहे।
    मौजूदा विश्व रैंकिंग में नीरज 1455 अंकों के साथ अब शीर्ष पर हैं जबकि ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स 1433 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर पिछड़ गए हैं। तीसरे स्थान पर 1416 अंकों के साथ चेक रिपब्लिक के जाकूब वादलेच हैं। चौथे नंबर पर जर्मनी के जूलियन वीबर और पांचवें स्थान पर पाकिस्तान के अरशद नदीम हैं। अगस्त 2022 से अब तक नीरज विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान पर थे जबकि विगत 8 महीनों से एंडरसन पीटर्स नंबर 1 पर विराजमान थे लेकिन दोहा डायमंड लीग के मैच में शानदार प्रदर्शन कर पीटर्स को पीछे छोड़ते हुए नीरज अब दुनिया के नंबर वन जेवलिन थ्रोअर बन गए हैं। वैसे नीरज टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने के बाद से ही विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में कमाल का प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले साल अमेरिका के ओरेगन में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर नीरज विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे। विश्व चैंपियनशिप में भारत अब तक केवल दो पदक ही जीत सका है। पहली बार 2003 की विश्व चैंपियनशिप में लांग जंपर अंजू बॉबी जॉर्ज ने पेरिस में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद 19 वर्षों से भारत विश्व चैंपियनशिप में पदक के लिए तरस रहा था और उस लंबे इंतजार को अपने स्वर्णिम प्रदर्शन से खत्म किया था नीरज चोपड़ा ने, जिन्होंने ओरेगन विश्व चैंपियनशिप में क्वालिफिकेशन में 88.39 मीटर के साथ फाइनल में जगह बनाई और पदक राउंड में 88.13 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो करके रजत पदक जीतकर इतिहास रच डाला था। विश्व चैंपियनशिप के इतिहास में भारत का वह पहला रजत पदक था। उस चैंपियनशिप के फाइनल में तीन बार 90 मीटर के मार्क को पार करते हुए 90.54 मीटर की दूरी के साथ एंडरसन पीटर्स स्वर्ण पदक जीतकर विश्व चैंपियन बने थे।
    नीरज ने जुलाई 2022 में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी होने का तमगा हासिल करने के बाद 89.08 मीटर के अपने पहले ही थ्रो के साथ लुसाने डायमंड लीग 2022 भी जीती थी और तब डायमंड लीग जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बने थे। उसके बाद ज्यूरिख में डायमंड लीग में उन्होंने 89.63 मीटर की दूरी पर भाला फैंककर स्वर्ण पदक अपने नाम किया था, जो उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत स्कोर भी है। लगातार ऐसी ही सफलताएं हासिल करने के कारण ही उन्हें अब भारतीय एथलेटिक्स की अभूतपूर्व सफलता का अग्रदूत कहा जाने लगा है। अब नीरज का लक्ष्य अपने भाले से 90 मीटर की दूरी को छूना है। वैसे 24 दिसम्बर 1997 को हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव में एक छोटे से किसान के घर पर जन्मे नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलम्पिक में इतिहास रचने से पहले भी कई बड़ी-बड़ी चैंपियनशिप जीत चुके हैं। भारतीय सेना में कार्यरत नीरज ओलंपिक में बेमिसाल जीत दर्ज कराने से पहले कुछ बड़े मेगा स्पोर्ट्स इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का परिचय पहले ही दे चुके हैं। नीरज एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों, एशियन चैंपियनशिप, साउथ एशियन गेम्स और विश्व जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुके हैं। एशियाई खेलों के इतिहास में अब तक भालाफैंक में भारत को दो ही पदक मिले हैं और नीरज पहले ऐसे भारतीय एथलीट हैं, जिन्होंने एशियन खेलों में स्वर्ण पदक जीता। उनसे पहले वर्ष 1982 में गुरतेज सिंह को कांस्य पदक मिला था।
    बहरहाल, टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर ओलंपिक खेलों में भारत के खाते में स्वर्णिम इतिहास दर्ज कराने वाले नीरज चोपड़ा को पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। 2021 में वह राष्ट्रीय खेल रत्न पुरस्कार, वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक के अलावा कुछ अन्य स्पर्धाओं में भी स्वर्ण और रजत पदक अपने नाम कर चुके हैं। इस वर्ष नीरज से कई आगामी टूर्नामेंटों में भी शानदार प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है। 27 जून को वह गोल्डन स्पाइक ऑस्ट्रावॉ, 30 जून को लुसाने डायमंड लीग, 21 जुलाई को मोनाको डायमंड लीग, 19-27 अगस्त को विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप हंगरी, 31 अगस्त को ज्यूरिख डायमंड लीग, 16-17 सितंबर को युनिज डायमंड लीग फाइनल और 23 से 8 अक्तूबर के बीच होने वाले एशियाई खेलों में भाग लेंगे। नीरज चोपड़ा का कहना है कि अब उनका लक्ष्य 2024 के पेरिस ओलंपिक में इसी निरंतरता को बरकरार रखना है। उन्हें उम्मीद है कि अगली स्पर्धाओं में भी वह नंबर-1 ही रहेंगे और इस सीजन में निरंतर बेहतर प्रदर्शन करेंगे। बहरहाल, उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाली विभिन्न स्पर्धाओं में भी नीरज अपने ऐसे ही स्वर्णिम प्रदर्शन से भारत को गौरवान्वित करते रहेंगे।

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