साक्षात्‍कार

साक्षात्‍कार/जिसके पास कुछ खोने के लिए नहीं होता वह आदमी बड़ा मजबूत होता है:नरेन्‍द्र मोदी

-गौतम चौधरी

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का आप विरोध करें या समर्थन लेकिन आप मोदी को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। मोदी के सत्ता सम्हालते ही गुजरत में भयानक भूकंप आया। फिर गोधरा ट्रेन हादसा के बाद हुए दंगों में हजारों हिन्दू और मुस्लमान मारे गये। गुजराज की छवि तो खराब हुई ही साथ में गुजरात के व्यापार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा। गुजरात में कई आतंकी हमले हुए। यहां तक कि मोदी को मारने की नियत से गुजरात आए कई आतंकियों को मुठभेड में मार गिराया गया। हालांकि उसमें से एक मुठभेड़ के बारे में गुजरात सरकार ने माननीय न्यायालय में हलफनामा देकर यह कहा कि उक्त मुठभेड नकली था। उस नकली मुठभेड़ मामले में गुजरात के कई वरिष्ट पुलिस अधिकारियों को जेल भेजा जा चुका है। यही नहीं केन्द्रय जांच ब्यूरो ने मोदी के खास सहयोगी कहे जाने वाले नेता तत्कालीन गृहमंत्री अमित शाह को भी गिरफ्तार किया। उस नकली मुठभेड की जांच जारी है। मोदी के शासनकाल में ही पूर्व गृहराज्य मंत्री हरेन पांडया की हत्या की गयी। मोदी को इस बात के लिए भी जाना जाता है कि उन्होंने गुजरात में शासन के दौरान कई अपनों को दुश्‍मन बनाया। मोदी के साथ न केवल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठनों की लड़ाई हुई अपितु मोदी से संघ के मनमुटाव के भी चर्चे खूब चले बावजूद मोदी ने गुजरात में कई मिथकों को तोडा है। मोदी अकेले ऐसे नेता हैं जो किसी के दबाव में काम नहीं करते हैं। जिन उद्योगपतियों का सहयोगी मोदी को बताया जाता है मोदी ने उन लोगों के खिलाफ भी कठोर निर्णय लेने में विलंब नहीं किया। मोदी किसी पत्रकार या संवाददाता से मिलने में भरोसा नहीं करते। ऐसे राजनेता से मैं विगत दिनों उनके घर पर मिलने गया था। हमारे साथ दिल्ली विश्‍वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष जितेन्द्र चौधरी और वरिष्‍ठ समाजसेवी अनिरूद्ध शर्मा भी थे। निम्नलिखित साक्षात्कार कोई पूर्व तैयारी से, या पूर्ण तैयारी से नहीं लिया गया साक्षात्कार है। यह साक्षात्कार औपचारिक चर्चा पर आधारित है। जैसा उन्होंने कहा वैसा ही मैंने प्रस्तुत किया है। हालांकि इस साक्षात्कार के प्रकाशन की अनुमति भी मैंने नरेन्द्र भाई से नहीं ली है लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि हमारे साथ हुई बात को सार्वजनिक होना चाहिए इसलिए इस आपसी वार्तालाप को मैं सार्वजतनक कर रहा हूं। मोदी को मैं जीवंत नेता मानता हूं। मोदी जिस प्रकार की राजनीति कर रहे हैं और जिस कुषलता से प्रषासन चला रहे हैं उससे अन्य राजनेताओं को भी कुछ सीखनी चाहिए। बीते दिन मोदी पर मैंने एक आलेख लिखा, कोई त्यागी साहब की टिप्पणी प्रवक्ता के साईट पर प्रसारित हमारे आलेख नीचे चस्पाया गया था। त्यागी साहब ने मेरे उपर नकारात्मक टिप्पणी की थी। मैं चाहूंगा कि जो लोग मोदी और मोदियाना अंदाज को गरियाने में अपना समय लगा रहे हैं उन्हें मोदी से एक बार जरूर मिलना चाहिए। मैं मोदी का न तो समर्थक हूं और न ही अंधभक्त। उनके द्वारा बडे व्यापारियों का पक्ष लेने के कारण मैंने उनके खिलाफ की एक आलेख लिखा, लेकिन जिस अंदाज में मोदी काम कर रहे हैं वह सराहनीय हो या नहीं लेकिन वह अध्यन के योज्ञ तो जरूर है।

साक्षात्कार

थोड़ी देर इंतजार के बाद हमलोगों को अंदर मुख्यमंत्री के आवासीय कार्यालय में बुलाया गया। मोदी जी एक बडी मेज के पीछे लगी कुर्सी पर बैठे थे। पैंट और टीशर्ट पहने थे। सबसे पहले अनिरूद्ध जी फिर जितेन्द्र और सबसे अंत में मैं मोदी जी के कक्ष में दाखिल हुआ। हमलोगों के जाते ही नरेन्द्र भाई खडे हो गये और जितेन्द्र जी की ओर मुखातिब होकर पूछा, कैसे हो जितेन्द्र? फिर मेरी ओर देखकर उन्होंने कहा आओ आओ पंडित जी! मैं नमस्कार की मुद्रा में था लेकिन उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया। पहले अनिरूद्ध शर्मा फिर जितेन्द्र और सबसे अंत में मैं किनारे वाली कुर्सी पर बैठा। मैंने कहा कि मोदी जी आप को नववर्ष की शुभकामना! तपाक से उन्होंने कहा : – और आपको दीपावली की बधाई, नरेन्द्र भाई ने जोर का ठहाका लगाया, फिर उन्होंने कहा हमलोग व्यापारी हैं एक ही खर्च में दो पर्व मनाने में सिद्धस्त हैं।

अब मैंने नियमानुसार सबका परिचय कराया। फिर चर्चा शुरू हो गयी।

प्रश्‍न : – नरेन्द्र भाई आप इतने अच्छे, व्यवस्थित और प्रगतिशील राजनेता हैं लेकिन आपके खिलाफ कुछ लोग क्यों हैं ?

नरेन्द्र मोदी : – देखो आप मेरे आवास पर आए या सचिवालय के कार्यालय पर आम आदमी के लिए सहज व्यवहार आपको दिखेगा। चाहे वह कोई हों मैं लफंगों और बदमाशों से कतई नहीं मिलता। मैं काम में विश्‍वास रखता हूं। प्रचार में कदापि नहीं। जो मेरे खिलाफ हैं उनको भी मैं अपने खिलाफ नहीं मानता, मैं तो ऐसा मानता हमें कि मैं अपनी बात उन्हें सही तरीके से बता नहीं पाया। अगर वे लोग पूर्वाग्रही नहीं होंगे तो देर सबेर हमारी तारीफ ही करेंगे।

प्रश्‍न : – मोदी जी आपके प्रदेश में सडकें अच्छी है, लोग खुश हैं और उद्योग धंधे भी खूब लग रहे हैं ……..

मोदी : – बीच में ही रोकते हुए : – नहीं साहब हो सकता है कि आप मेरा मूल्यांकन भी किसी सकारात्मक पूर्वाग्रह से कर रहे होंगे। आप अपनी टीम लेकर गुजरात का भ्रमण करें। आपको विकास दिखेगा। आज मुम्बई में ऐसे कोई भगवान नहीं हैं जिनको गुजरात का फूल नहीं चढता है। देश ही नहीं दुनिया के किसी बडे में भिंडी की सब्जी खाएंगे तो वह गुजरात का ही होगा। दुनिया में कही चले जाएं दूध और चाय गुजराती दूध की ही मिलेगी। जो कच्छ आज से 10 साल पहले ऋणात्मक जनसंख्या बाला जिला था आज स्वर्ग बन गया है। गांधीधाम के 50 किलोमीटर परिधि में इस्पात पाईप के कारखाने लग रहे हैं। हमारे किसान, हमारे उद्यमी और हमारे व्यापारी लगातार प्रगति कर रहे हैं उसके पीछे का कारण प्रदेष सरकार सकारात्मक दृष्टि और प्रषासनिक कुषलता है। साहब इसको कोई मीडिया क्यों नहीं उठाता है? आप लोग इन तमाम विषयों का अध्ययन क्यों नहीं करते हैं? देखो भाई गौतम, आप अन्य प्रांतों में हो रहे समारात्मक प्रयोगों को भी चिंहित कर मुझे बताएं। मैं कोषिष करूंगा कि उसे लागू करू, लेकिन मीडिया ही नहीं अन्य लोग भी इस सकारात्मक स्पर्धा को पता नहीं क्यों बढावा नहीं देना चाहते हैं। हमारा चिंतन शिविर हमारी गट व्यवस्था, हमारे काम करने का ढंग और प्रशासनिक तंत्र में कोई खामी है तो बातएं अगर नहीं है तो देश के अन्य राज्यों भी इस मॉडल पर काम हो।

प्रश्‍न : – मोदी जी आपके खिलाफ इतने ताकतवर लोग हैं फिर भी …………!

नरेन्द्र मोदी : – गांधी जी मेर वैचारिक शक्ति के स्रोत हैं। एक बार अंग्रेजों की केन्द्रीय समिति की बैठक में गांधी पर चर्चा हो रही थी। ज्यादातर लोग गांधी के दम के पक्ष में थे। गांधी पर चर्चा के दौरान कुछ अंग्रेज अधिकारियों ने कहा कि गांधी को खोने के लिए कुछ भी नहीं है। इसलिए गांधी मजबूत है। मैं मानता हूं कि मेरे लिए भी कुछ खोना नहीं है। याद रखना चौधरी जिसके पास कुछ खोने के लिए नहीं होता वह आदमी बडा मजबूत होता है।

प्रश्‍न : – मोदी जी दिल्ली आना-जाना …………?

नरेन्द्र भाई : – बहुत कम होता है। अनर्थक समय गमाने से जिन लोगों ने मेरे उपर विष्वास किया है उनके साथ न्याय नहीं कर पाऊंगा। ये जो आप गुजरात का विकास देख रहे हैं उसमें बहुत शक्ति लग रही है। दिल्ली जाता हूं लेकिन कम और जरूरी काम से।