सुभाष शिरढोनकर
एक्टर आमिर खान की फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म के जरिए आमिर खान ने लगभग तीन साल बाद सिल्वर स्क्रीन पर कमबैक किया हैं।
फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ (2025), साल 2007 में आई फिल्म ‘तारे जमीन पर’ का सीक्वल है जिसे आमिर खान और किरण राव ने प्रोड्यूस किया है।
आमिर खान इसके पहले साल 2022 में रिलीज फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ में नजर आए थे। उनकी यह फिल्म हॉलीवुड क्लासिक ‘फॉरेस्ट गंप’ की रीमेक थी लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फेल हो गई। इस फिल्म के बाद आमिर खान ने एक्टिंग से ब्रेक ले लिया था।
आमिर खान ने ‘सितारे जमीन पर’ के प्रीमियर पर एलान किया कि इस फिल्म के बाद अब वे अपने ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ पर फोकस करेंगे। यदि खबरों की माने तो आमिर खान का ड्रीम प्रोजेक्ट ‘महाभारत’ हैं। वे अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट को बिग स्क्रीन पर लाना चाहते हैं।
आमिर ने बताया कि उनके करियर की आखिरी फिल्म उनका ड्रीम प्रोजेक्ट ही होगा जिसके बाद उनके पास करने के लिए कुछ नहीं बचेगा। इसलिए इसके बाद वे रिटायरमेंट के बारे में सोच रहे हैं।
हालांकि आमिर खान अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट वाली फिल्म के साथ फिल्ममेकर राजकुमार हिरानी के साथ इंडियन सिनेमा के जनक दादा साहेब फाल्के की बायोपिक भी करने जा रहे हैं। फिल्म की स्क्रिप्ट पर विगत चार साल से काम हो रहा था और अब जाकर आमिर के साथ इस फिल्म की अनाउंटमेंट हो चुकी है।
दादा साहेब फाल्के की बायोपिक’ भारत के स्वतंत्रता संग्राम के बैकड्रॉप पर बेस्ड होकर उस व्यक्ति की जर्नी को दर्शाएगी जिसने भारतीय सिनेमा की नींव रखी। फिल्म की शूटिंग अक्टूबर से शुरू होने वाली है।
राजकुमार हिरानी के साथ आमिर खान की बॉडिंग गजब की रही है। आमिर पहली बार 2009 में राजकुमार हिरानी व्दारा निर्देशित फिल्म ‘3 इडियट्स’ में दिखे थे।
’थ्री ईडियट्स’ (2009) ने कामयाबी का ऐसा इतिहास रचा कि उसने इंडस्ट्री का सारा गणित ही बदलकर रख दिया। उसे आज भी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लिए मील का पत्थर माना जाता है।
इसके बाद राजकुमार हिरानी और आमिर खान, साल 2014 में फिल्म ‘पीके लेकर आए। इस फिल्म ने एक बार फिर सारे रिकॉर्ड ब्रेक कर दिए। अब इसके सीक्वल पर भी काम चल रहा है। हो सकता है कि एक बार फिर इसमें आमिर खान नजर आएं।
आमिर खान के बैनर व्दारा बनाई गई फिल्में न केवल एंटरटेनर होती हैं, बल्कि कहीं न कही उनमें समाज के लिए कोई मैसेज भी रहता है लेकिन इसके बावजूद आमिर का मानना रहा है कि वह सिर्फ एक एंटरटेनर हैं, सोशल टीचर नहीं जो किसी को भी सोशलॉजी लेसन देने लग जाएं।
आमिर का कहना है कि जब लोग थिएटर में टिकट लेकर आते है तो वो सिर्फ एंटरटेनमेंट चाहते हैं। यदि उन्हें सोशलॉजी पढ़नी होगी तो वे कॉलेज जाएंगे। जब वह कॉलेज न जाकर थिएटर आये है, इसका मतलब उन्हें केवल मौज-मस्ती चाहिए।
आमिर आगे यह भी कहते हैं कि ‘लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि क्रिएटिव लोगों का सोसाइटी में कोई योगदान नहीं होना चाहिए। सोसायटी के लिए हर प्रोफेशन से जुडे व्यक्ति का कुछ न कुछ योगदान अवश्य होता है। डॉक्टर इलाज करते हैं, जज जस्टिस देता है, नेता समाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए नियम बनाते हैं।
इसी तरह पेंटर, सिंगर और आर्टिस्ट जैसे जो क्रिएटिव लोग होते हैं, उनका काम भी अपने काम से लोगों का दिल बहलाने का होता हैं और मेरा जो काम है उसे मैं भी ठीक तरह से करने की कोशिश कर रहा हूं। लोगों का दिल बहलाना भी उतनी ही क्रिएटिव चीज है जितनी सोसायटी से जुड़ी दूसरी चीजें। इतनी बड़ी पॉपुलेशन का दिल बहलाना कोई आसान काम नहीं होता।’