राजनीति

हास्य-व्यंग्‍य/ जयराम रमेश मंदिर नहीं शौचालय जाएंगे?

बेटा: पिताजी!

पिता: हाँ, बेटा।

बेटा: ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा है कि शौचालय हमारे मंदिरों से कहीं ज़्यादा शुद्ध और स्वच्‍छ हैं।

पिता: हाँ बेटा, उन्होंने ऐसा कहा है।

बेटा: क्या यह उचित है?

पिता: बेटा, श्री जय राम बड़े पढे-लिखे समझदार व्यक्ति हैं।

बेटा: उनका अभिप्राय गिरजाघरों और मस्जिदों से भी है?

पिता: बेटा, उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा है।

बेटा: क्यों?

पिता: बेटा, तू अभी बच्चा है। तू हमारे ‘सेकुलरिज़्म’ की बारीकियाँ नहीं समझता।

बेटा: मतलब?

पिता: हमारे ‘सेकुलरिज़्म’ में ऐसी बातें केवल हिन्दू धर्म के बारे ही कही जा सकती हैं।

बेटा: पिताजी, यदि दूसरे धर्मों के बारे ऐसा कह दो तो?

पिता: तो वह घृणित सांप्रदायिकता बन जाती है।

बेटा: पिताजी, जब पूजा-अर्चना करनी हो, भगवान से कुछ

प्रार्थना करनी हो तो क्या जय राम रमेश मंदिर न जाकर शौचालय में जाएंगे?

पिता: बेटा, यह तू उनसे ही पूछ।