अफसर की तरह

—–विनय कुमार विनायक
विगत वर्ष से बेहतर की
उम्मीद लेकर आया था यह वर्ष
जो आगत को अक्षुण्ण उम्मीद का
चार्ज देकर गत हो गया
उम्मीद बेहतरी की
जो विरासत में मिली थी
डाक टिकटों/करेंसी रेवेन्यू की तरह
हर बार गिनकर
हस्तांतरित करता रहा वर्ष
भारमुक्त अधिकारी सा
बिना कमोबेश किए
भारग्राही पदधारी को
उम्मीद जिसे बचाए रखना था
बचाए रखना होगा
विदाई के पूर्व आगत को हूबहू सौंपने
कि खर्चने को बहुत कुछ है
घटाने को ढेर सारी घटनाएं
बढ़ाने को ढेर घोटाले
घटना था जिसे बढ़ गया
बढ़ना था जिसे घट गया
पर बची रही ज्यों की त्यों
बेहतरी की उम्मीद कि इसे लौटाना था
चार्ज रपट में हस्ताक्षर के साथ
भारग्राही को ज्यों की त्यों!
वर्ष जो अफसर सा आता है
खाली-खाली अटैची डुलाकर
वर्ष जो अफसर सा जाता है
भरा-भरा वी०आई०पी० भरकर
छोड़ जाता अवैध खरीदारी के भोचर
भ्रष्टाचार के कच्चे चिट्ठे!
विदा की भावुक तन्हाई के साथ
नववर्ष पदभार ग्रहण करता है
युवा प्रशासक की रौब में
कुर्सियां बदल देता
पूर्व पदधारी के चमचों की
जांच कमिटी गठित कर देता
पूर्व पदधारी के कारनामों पर!
मातहतों को बुलाकर
वर्क कल्चर पर मिटिंग करता
कि कालीन बिछेगा चैम्बर में
लाल बत्ती लगेगी कार में
संतरी बैठेगा मोखे पर
दौरा करेगा बाढ़ ग्रस्त इलाके का
कि कितनी बची है मछलियां
टोह लेंगे सुखाड़ ग्रस्त वनांचल का
कि कितना शेष है सागवान
फोन करेगा आका को
कि बांट दिया सारा अनाज
बाढ़िए/सुखाड़ियों के बीच
प्रस्ताव है अमेरिका से
गेहूं मंगाने का और रुस से तोप
कि बोफोर्स कालातीत हो गया
पशु चर गया था चारा
पिछले हीं वर्ष
सड़क चाट गई थी अलकतरा
पिछले ही वर्ष
कि गोदाम खाली है इस वर्ष!
खाली को भरने की
मंजूरी मिल गई फोन पर
खाली भर गया फोन ही फोन पर
फिर आते-आते दिसंबर
होगा तबादला अफसर का
और चार्ज लेने आएगा नववर्ष
खाली-खाली अटैची डुलाकर
नए अफसर की तरह।

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