कश्मीर पर बेनक़ाब होता पाकिस्तान

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संयुक्त राष्ट्र के मंच से भारत ने पाकिस्तान को एक मर्तबा फिर करारा जवाब दिया है.विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र की आम सभा को संबोधित करतें हुए पाकिस्तान को कड़े शब्दों में जवाब देते हुए कहा कि वार्ता और आतंकवाद दोनों एक साथ नहीं चल सकतें.जाहिर है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से कश्मीर का मसला उठाया था तथा भारत से बातचीत बहाल करने के लिए चार सूत्रीय प्रस्ताव रखा था.भारत ने इन सभी प्रस्ताओं को ठुकरा दिया.भारत, पाकिस्तान के दोहरे चरित्र से अब तंग आ चुका है.संयुक्त राष्ट्र सभा में कश्मीर राग अलापने वालें पाकिस्तान को भारत ने उसी की भाषा में जवाब दिया है.नवाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र को भ्रमित करतें हुए एनएसए स्तर की वार्ता विफल होनें के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था लेकिन हकीकत पूरी दुनिया को पता है कि पाकिस्तान,आधिकारिक वार्ता से पहलें हुर्रियत नेताओं से बातचीत करना चाहता था.फलस्वरूप भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार करते हुए वार्ता को रदद् कर दिया था.भारत द्वारा उस वार्ता को रदद् करते हुए स्पष्ट संकेत दिया था कि भारत अब किसी भी कीमत पर आतंक को बर्दास्त नहीं करेगा.अगर पाकिस्तान, भारत से बातचीत बहाल करना चाहता है तो, उसे आतंक, सीजफायर जैसी ओछी हरकतों पर विराम लगाना होगा.मोदी ने अपने शपथ ग्रहण कार्यक्रम में सभी पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों को बुलाकर अपनी मधुर व्यवहार का परिचय दे दिया था.फिर भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आया है.अभी हाल में भारत ने एक पाकिस्तानी आतंकवादी को जिंदा पकड़ा है.जो नवाज शरीफ के आतंक विरोधी सभी दावों की पोल खोल रहा,दुनिया के सामने आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान फिर से बेनकाब हुआ है.बहरहाल इनदिनों पाक अधिकृत कश्मीर से खबरें आ रही है कि वहां के लोग पाकिस्तान सरकार के नीतियों से खुश नहीं है.वहां की आम जनता पाकिस्तान सरकार और सेना के विरोध में सड़क पर उतर आई है.दरअसल एक और आबादी पाकिस्तान से मुक्ति चाहती है,जो उसके दमन और उत्पीड़न से तंग आ गई है.यहाँ तक कि लोग न केवल सरकार के विरुद्ध में नारें लगा रहें बल्कि गुलाम कश्मीर में लोग चीख –चीख कर भारत में शामिल होने की मांग कर रहें है.पाक परस्त कश्मीर से एक वीडियो सार्वजनिक हुआ है.जिसमें पाकिस्तानी फौजं और हुकूमत की ज्यादतियां सामने आई है,तस्वीरों से ये साफ हो गया है कि ये मासूम इंसान कैसे पाक सेना की बर्बरता को झेल रहें है.हालांकि पाकिस्तान सरकार ने इस वीडियो को फर्जी बता रही है.जो मुल्क अपने सैनिकों को स्वीकारने से इनकार कर दें उससे वीडियो स्वीकारने की बात करना बेमानी होगी.गौरतलब है कि गिलगिट, बालिस्टान में पाकिस्तानी सेना किस प्रकार से जुल्म कर रही है.ये लोग पाक गुलामी से आज़ादी चाहतें है,लेकिन वहां की सेना ने उनका जीना मुहाल कर रखा है.दुनिया के सामने पाकिस्तान कश्मीर के लिए घड़ियाली आंसू बहाता है,लेकिन अब पाक अधिकृत कश्मीर का सच विश्व के सामने आने लगा है.बहरहाल,सवाल ये उठता है कि पाकिस्तान भारत अधिकृत कश्मीर की मांग करता है,लेकिन जो उसके अधिकार में है वहां ऐसे हालात,ऐसी बर्बरता क्यों ?सवाल की तह में जाएं तो कई बातें सामने आतीं है,पहली बात पाकिस्तान इन लोगो के साथ हमेशा गुलामों की तरह बर्ताव करता रहा है तथा राजनीतिक वस्तु की तरह इस्तेमाल कर रहा है.नतीजन वहां रत्ती भर विकास नहीं हुआ है.अब लोग इससे त्रस्त आ चुंके है,इसी साल गिलगिट –बालटिस्तान में हुए चुनाव में लोकतंत्र की धज्जियां उडातें हुए पाकिस्तान सरकार ने यहाँ असंवैधानिक रूप से मतदान कराया, यहाँ तक कि महिलाओं को मतदान नहीं करने दिया गया.वहीँ हमारे कश्मीर में लोकतंत्र है,लोगो को अपने पसंद के प्रत्यासी को वोट देने की पूरी स्वंत्रता रहती है.लोगो को धार्मिक ,समाजिक हर प्रकार की स्वत्रंता हमारे संविधान ने दे रखीं है,हमारें यहाँ सिस्टम है,नियम है,सरकार की नीतियाँ है जो भारतीय कश्मीर के विकास के लिए समर्पित है.आज हमारे कश्मीर में सरकार निवेश करती है, अच्छे –अच्छे संस्थान है. शिक्षा ,पर्यटन आदि के क्षेत्रों में हमारा कश्मीर विकास की ओर अग्रसर है.जो पाक कश्मीर के लोगों को लुभा रहीं हैं.वहीँ दूसरी तरफ पीओके की हालत दयनीय है.इस्लामाबाद में रहने वालें अधिकारी इन्हें उपेक्षित नजरों से देखते है,सरकार इनकी हर मांग को दरकिनार कर देती है.बहरहाल ,दूसरी बात पर गौर करें तो पाक अधिकृत कश्मीर में भारी तादाद में शिया मुसलमान रहतें है,जो बाकी पाकिस्तान में शिया मस्जिदों पर लगातार हो रहें हमलों से डरे हुए है,खेती –बाड़ी, पर्यटन,औधोगिक विकास आदि में मसले में पाक अधिकृत कश्मीर सुरु से ही पिछड़ा रहा है.आज़ादी के बाद से ही पीओके पाकिस्तान का सबसे गरीब और उपेक्षित हिस्सा रहा है,सरकारें बदली,सत्ताधीश बदलें लेकिन किसी ने भी इनकी समस्याओं को दूर करना ,इस क्षेत्र का विकास करना वाजिब नहीं समझा.वहीँ हमारें कश्मीर के विकास में सभी सरकारों ने महती भूमिका निभाई है.हमारी सरकार ने श्रीनगर से रेलवे की सुविधा वहां के नागरिकों के लिए सुरु कर दी है ,तो वहीँ पाक अधिकृत कश्मीर में लोग सड़कों के लिए तरस रहें.इन्ही सब कारणों से तंग आकर आज ये स्थिति पैदा हो गई कि,ये लोग आज़ादी की मांग करने लगे.इन लोगो पर पाकिस्तान सरकार और सेना बेरहमी से पेश आ रही है,फिर भी ये आज़ादी का नाराबुलंद किये हुए है.सम्भवतः यह पहली बार हुआ है जब पाकिस्तान में पाकिस्तान विरोधी नारें लगे है,वो भी भारत के पक्ष में, भारत को चाहिए कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की जो खबरें है तथा वहां के आवाम की जो आवाज़ है.उसे एक रणनीति के तहत दुनिया के सामने रखें ताकि पाकिस्तान जो हमेशा भारत पर संघर्ष विराम उलंघन का झूठे आरोप लगाता है तथा कश्मीर पर जनमत संग्रह की बात करता है,उसका ये दोहरा चरित्र दुनिया के सामने आ सकें.इसके साथ ही ये आंदोलन उनके लिए भी सबक है जो, आएं दिन भारत में पाकिस्तान के झंडे लहराते हैं.पाक अधिकृत कश्मीर की हालत पाकिस्तानी हुकूमत के नियंत्रण से बाहर है.अत: इससे यही प्रतीत होता है कि इसको स्वतंत्र किये जाने की मांग जो भारत करता रहा है,वो जायज है.इस पर विश्व समुदाय एवं संयुक्त राष्ट्र को भी गंभीरता से विचार करना होगा.भारत सरकार को चाहिएं कि संयुक्त राष्ट्र का ध्यान पाक अधिकृत कश्मीर की तरफ आकृष्ट करें.जिससे नवाज शरीफ का कश्मीर के प्रति जो ढोंग है,उसे दुनिया देख सकें.इस मामले के प्रकाश में आने के बाद भारत अधिकृत कश्मीर पर बात करने के लिए अब पाकिस्तान अपना नैतिक बल भी गवां चुका है.

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  1. आदर्श जी कश्मीर पाकिस्तान बेनकाब हो चुका है :—- राजतंत्र में राजा सम्प्रभुतासम्पन्न होता है बँटवारे के समय कश्मीर में राजतंत्र था जब तत्कालीन महाराजा हरीसिंह ने स्वेच्छा से संघ में विलय का प्रस्ताव भेजा था तो अब प्रश्नचिन्ह का कोई सवाल ही नहीं उठता है —- जैसा कि पाकिस्तानी आतंकवादियों ने कांग्रेस की नपुंसकता के कारण कश्मीर में 1948 से ही ऐसे दुष्कृत्य को अंजाम दिया है और आज तक जारी है —-???जब राजतंत्र में कश्मीर के राजा ने बिना शर्त भारत के समक्ष समर्पण कर दिया था तो फिर झूठे भाई-बाप-सौहर बने बैठे आतंकियों के लिए हम क्यों रायशुमारी करें ??1947 के बाद तो भारत शांत था पर पाकिस्तान ने ही कश्मीर पर जुल्मोसितम ढाकर आधे कश्मीर को गुलाम बनाकर बचे आधे को जीने नहीं दे रहा है काश ये बात आतंकियों की नाजायज औलादें समझ पातीं :——–राजतंत्र में राजा सम्प्रभुतासम्पन्न होता है बँटवारे के समय कश्मीर में राजतंत्र था जब तत्कालीन महाराजा हरीसिंह ने स्वेच्छा से संघ में विलय का प्रस्ताव भेजा था तो अब प्रश्नचिन्ह का कोई सवाल ही नहीं उठता है ?? कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है !!!!
    पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी ही सेना को बदनाम करने की नापाक साज़िशों के तहत सेना- सीआरपीएफ की वर्दी पहनकर अवाम पर गोलियाँ चला रहे हैं — समझने की कोशिस करो :——पाक अधिकृत कश्मीर वालों को भी सोचना चाहिए :— ” पाकिस्तान ने कश्मीर का (अक्साई चिन) का जो इलाका चीन को दे दिया है, उसे कैसे प्राप्त करोगे और क्या 1948 में पाकिस्तानी कबायलियों ने आपके साथ न्याय किया था ?”
    ” एक लड़की होने के नाते कश्मीर लौटने के बाद डर सता रहा है ‘दंगल’ की जायरा वसीम को—–” जब कश्मीरी लड़की का ये हाल है तो ——-एकमात्र समाधान है :—–
    आदरणीय भीम सिंह जी जैसे देशभक्तों का साथ देना चाहिए – सभी वकील -सामाजिक संगठनों को विस्थापितों के साथ मिलकर काम करना ही होगा :—–

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