कविता साहित्‍य

जीवन नहीं आसान

रात की चादर  तो
हमेशा से ही अंधेरी ही होती है,
रौशनी के लिये
दीपक जलाने पड़ते है दोस्तो।
जिन्दगी भी कहाँ आसान होती है
किसी की भी……
पहाड़ों को काटकर
रस्ते बनाने पड़ते हैं।
आसानी से जो मिल जाय उसकी
कद्र ही नहीं……
मेंहनत से कमाई हर चीज़
अनमोल होती है।
सोने को भी
आग का दरिया पार करना पड़ता़ है
तभी तैयार होता है
जेवर बनके निखरता है।
बिन तराशे हुए हीरे में
हीरे सी चमक ही कहाँ
तराशे जाने पर ही वो
अनमोल  बनता है।
जब किसी की गायिकी पर
वाह निकलती है
सालों का रियाज़ और मेंहनत भी
दिखती है।
कोई लक्ष्य एक दिन में नहीं मिलता
श्रम और समय की पूंजी लगती है।