मेंढक‌ मामा

क्यों न सच्ची बात बताते|

मेंढक मामा क्यों टर्राते|

डबरों में पानी कम है तो,

बादल को क्यों नहीं बुलाते?

यदि नहीं बरसा पानी तो

नगर पालिका क्यों न जाते

एक टेंकर पानी भरकर,

क्यों अपने घर नहीं ले आते?

 

[2]

फ्राग‌

फ्राग ,फ्राग व्हाई आर यू क्राइंग|

टू साल्व युवर प्राबलम, वी आर ट्राइंग|

यू आर जंपिंग सो मच हाई|

व्हाई डोन्ट यू टच दी स्काई?

 

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प्रभुदयाल श्रीवास्तव
लेखन विगत दो दशकों से अधिक समय से कहानी,कवितायें व्यंग्य ,लघु कथाएं लेख, बुंदेली लोकगीत,बुंदेली लघु कथाए,बुंदेली गज़लों का लेखन प्रकाशन लोकमत समाचार नागपुर में तीन वर्षों तक व्यंग्य स्तंभ तीर तुक्का, रंग बेरंग में प्रकाशन,दैनिक भास्कर ,नवभारत,अमृत संदेश, जबलपुर एक्सप्रेस,पंजाब केसरी,एवं देश के लगभग सभी हिंदी समाचार पत्रों में व्यंग्योँ का प्रकाशन, कविताएं बालगीतों क्षणिकांओं का भी प्रकाशन हुआ|पत्रिकाओं हम सब साथ साथ दिल्ली,शुभ तारिका अंबाला,न्यामती फरीदाबाद ,कादंबिनी दिल्ली बाईसा उज्जैन मसी कागद इत्यादि में कई रचनाएं प्रकाशित|

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