राजनीति

उम्मीद की नई किरण ‘मोदी’

modi1-300x1822002 के गुजरात दंगों से लेकर आज तक कांग्रेस का मोदी विरोध निरंतर जारी है। कांग्रेस कोई न कोई बहाना बनाकर मोदी जी का विरोध करती ही रहती है। कांग्रेस कभी मोदी जी को 2002 के साम्प्रदायिक दंगों का दोषी बताती है जबकि उसकी वास्तविक शुरूआत मुस्लिम समाज द्वारा 59  अयोध्या से लौट रहे कारसेवको को ट्रेन में जिंदा जलाने की प्रतिक्रिया के रूप में हुए थी, तो कभी 3 राज्यों का घोषित इनामी कुख्यात अपराधी सोहराबुद्दीन के एंकाउंटर में दोषी बताती है तो कभी लश्कर-ए-तैयबा की घोषित आतंकवादी इश्रत जहाँ के फर्जी एनकाउंटर में दोषी बताती है। इश्तर जहाँ को लेकर तो कांग्रेस ने सारी हदें तोड़ दी है अपने मुस्लिम वोट को बनाये रखने के लिए इसने देश की आतंरिक सुरक्षा में लगी गुप्तचर एजंेसी आईबी और अपराधों की जांच करने सीबीआई में भी परस्पर संघर्ष करा दिए है। जिसकी वजह से निराश और हताश होकर आईबी के मुख्य अधिकारियों ने देश की आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से आतंकवादियों व देशद्रोहियों के प्रति अपनी सक्रियता कम कर दी है, जिससे देश की आतंरिक सुरक्षा पर खतरा बढ़ गया है।

अभी हाल ही में नरेन्द्र मोदी जी ने एक इंटरव्यू में अपनी संवेदनाएं प्रकट करते हुए कहा था कि ‘यदि उनकी कार के पहिये के नीचे अगर एक कुत्ते का पिल्ला भी आ जाता है तो उनको बहुत दुःख होता है‘ तथा इसको लेकर कांग्रेस ने हंगामा खडा किया हुआ है। कांग्रेस के नेताओं व नकली धर्मनिरपेक्षतावादियों ने इस को गुजरात में हुए 2002 के दंगों से जोड़ दिया, इन लोगों का कहना है कि मोदी ने मुस्लिम समाज की तुलना कुत्ते के बच्चे से की है।

रविवार 14 जुलाई 2013 को पुणे की एक सभा में मोदी जी ने कहा कि जब भी कांग्रेस पर कोई संकट आता है तो वह धर्मनिरपेक्षता का बुर्का ओढकर बंकर में छुप जाती है, इसको भी कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय से जोड दिया है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस के लिए इस देश में केवल मुस्लिम ही रहते है। उसे इस देश में रहने वाले अन्य धर्म या समुदाय के लोग क्यों नहीं दिखाई देते तभी तो कांग्रेस एक ‘साम्प्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक’ लाने की तैयार कर रही है जिसके अनुसार केवल हिन्दू ही दोषी होगा मुसलमान व ईसाई कादापि नहीं चाहे अपराध मुसलमानों या ईसाईयों ने किया हो।

रविवार को पुणे में मोदी जी ने दो सभाओं को सम्बोधित किया था जिनमें उन्होनें केन्द्र सरकार की विफलताओं तथा गलत नीतियों से देश को अवगत कराया परन्तु कांग्रेस इस बारे में कुछ नहीं बोली न ही उसने कोई खंडन किया तथा न ही उनके आरोपों का कोई जवाब दिया। परन्तु कांग्रेस ने विशेष रूप से अपनी कुटिलता दिखाते हुए मोदी जी के दो में से एक भाषण में से ‘बुर्का’ शब्द को उठाकर देश का ध्यान उनकी अन्य बातों से पृथक करने का भरपूर प्रयास किया। कांग्रेस की नीति भी यह है कि अपने विरूद्ध उठे सवालों का जवाब मत दो बल्कि उसकी बातों को तरोड़-मरोड़ कर जनता का ध्यान अपने से हटाकर सवाल करने वाले पर केन्द्रित कर उसको ही अपराधी बना दो।

आज यदि देश भंयकर अंधकार में डूबता जा रहा है तो उसके लिए केवल और केवल कांग्रेस की नीतियां ही पूर्णतः जिम्मेदार है। जिसमें इसका साथ तथाकथित सेकुलर मीडि़या, मानवाधिकारवादी, व बुद्धिजीवी दे रहे है। जिनका एक मात्र ध्येय है कि भारत की मूल संस्कृति व सनातन हिन्दू धर्म को अधिक से अधिक अपमानित व प्रताडि़त करके उसका बहिष्कार किया जाए।

देश को यदि इन सब बुराइयों से बाहर निकालना है तो उसका एकमात्र विकल्प केवल कांग्रेस मुक्त भारत ही है अर्थात् कांग्रेस को देश की सत्ता से बेदखल करना होगा और ऐसा करने के लिए आज केवल गुजरात के मुख्यमंत्री ‘विकास पुरुष’ ‘नवीन सरदार पटेल’ श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ही संभव दिखाई देता है।

आर. के. गुप्ता