विविधा

अब देशभर में पैदा होंगे 3 इडियट

कपिल सिब्बल का नया मंत्र- मार्क्स के पीछे मत भागो, काबिल बनो, कामयाबी अपने आप मिलेगी

साल की सुपरहिट फिल्म 3 इडियट में आमिर खान ने युवाओं को नया मंत्र दिया- कामयाबी के पीछे मत भागो, काबिल बनो, कामयाबी अपने आप मिलेगी। जाहिर है, 100 में 99 अंक लाने का जबरदस्त तनाव झेल रहे विद्यार्थियों के बीच आमिर खान खुशनुमा संत बनकर आए। उनका मंत्र सीधे युवाओं और बच्चों के दिल में उतरा और फिल्म सुपरहिट हो गई। अब यही मंत्र केंद्र सरकार देश के दो करोड़ युवा विद्यार्थियों को देने जा रही है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने आज नई दिल्ली में 20 बोर्ड अध्यक्षों के सामने इस संबंध में एक प्रस्ताव रखा, जिस पर सभी बोर्ड अध्यक्षों ने अपनी सहमति दे दी है। यह नियम वर्ष 2013 से लागू होगा। इस प्रस्ताव ने भारत में एक नया अध्याय का सूत्रपात किया है।

अब तक भारत में प्रवेश का जो भी सिस्टम था, वह मार्क्स के आधार पर था। 12 वीं बोर्ड में जिसका अधिक अंक आया, मनपसंद कालेज और मनपसंद फैकल्टी चुनने का अधिकार उसी विद्यार्थी को होता था। यही वजह है कि देशभर में हर साल दो दर्जन से अधिक विद्यार्थी मार्क्स के तनाव में आत्महत्या करने लगे थे। उम्मीद है कि नए नियम लागू होने से विद्यार्थी मार्क्स के पीछे नहीं, बल्कि काबिल बनने में अपनी ऊर्जा खर्च करेंगे। वहीं देशभर में एक ही सिलेबस होने से प्रांत, भाषा और क्षेत्र को लेकर भेदभाव नहीं होगा।

नए प्रस्ताव के तहत छत्तीसगढ़ के बचेली या दंतेवाड़ा या सुरजपुर जैसे सुदूर इलाकों में 12 वीं पास विद्यार्थी भी अब एक प्रवेश परीक्षा पास कर दिल्ली या मुंबई के किसी बड़े कालेज में दाखिला ले सकता है। वहीं अब 12 वीं बोर्ड परीक्षा में मार्क्स बढ़ाने के लिए रात दिन तनाव में नहीं रहना होगा, न ही कम नंबर आने पर खुदकुशी जैसे घातक कदम उठाने की जरूरत पड़ेगी। केवल पास भी हो गए तो भी चलेगा। कालेज में एडमिशन के लिए देशभर के विद्यार्थियों को एक साथ, एक ही सिलेबस पर प्रवेश परीक्षा देनी होगी। इसी आधार पर देशभर के कालेजों में भर्ती होगी। यह परीक्षा वही विद्यार्थी पास कर सकेगा, जिसने वास्तव में पढ़ाई किया है और उसका कांसेप्ट क्लीयर है। छत्तीसगढ़ के चांपा-जांजगीर जैसे क्षेत्रों में बड़ी संख्या में होने वाले नकल भी अपने आप रूक जाएंगे। नकल करके आप 12 वीं तो पास हो सकते हैं, पर प्रवेश परीक्षा नहीं।

नए नियम से देश के विद्यार्थी काबिल और व्यवहारिक नागरिक बनेंगे, जो देश को तरक्की के मार्ग पर ले जाने में सक्षम होंगे। वहीं भ्रष्ट तरीके से होने वाले एडमिशन पर भी विराम लगेगा।

-दानसिंह देवांगन