सरकार के विरोध से विपक्ष को लाभ मिले तो अन्ना का क्या क़सूर

इक़बाल हिंदुस्तानी

जनता के दबाव में बदल रहा है बीजेपी का एजेंडा ?

अन्ना हज़ारे ने एक बार फिर जनलोकपाल बिल को लेकर हुंकार भरी है। हज़ारे का यह कहना बिल्कुल ठीक है कि उनको इस बात का विश्वास होता जा रहा है कि कांग्रेस की नीयत यह बिल पास करने की नहीं है। अन्ना ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर शीतकालीन सत्र में जनलोकपाल बिल पास नहीं होता है तो वह अब चुनावों में कांग्रेस को हराने की अपील करेंगे। उनकी इस अपील का भाजपा ने एडवांस में समर्थन किया है। उसने यह भी वायदा किया है कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो वह जनलोकपाल बिल जैसा का तैसा पास करने पर गंभीरता से विचार करेगी। इसपर अविश्वास करने पर कोर्इ विकल्प भी नहीं है।

अन्ना ने अपने उूपर लगने वाले राजनीतिक आरोप का एक बार फिर यह कहकर जवाब दिया है कि वह भाजपा के पक्ष में नहीं बलिक कांग्रेस के खिलाफ वोट देने की लोगों से अपील इसलिये करेंगे क्योंकि आज़ादी के बाद से सबसे अधिक समय तक कांग्रेस की सरकारें देश और अधिकांश राज्यों में रहीं हैं। आठ बार लोकपाल बिल संसद में आने के बावजूद अगर पास नहीं हो सका तो इसके लिये कांग्रेस की इच्छाशकित न होना ही इसका सबसे बड़ा कारण है। अन्ना ने यह भी कहा है कि अगर भाजपा वास्तव में भ्रष्टाचार के मामले में गंभीर है तो वह अपनी पार्टी द्वारा शासित राज्यों में भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस पहल करे। शायद इसी बात का असर है कि भाजपा ने न केवल उत्तराखंड और कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन किया है , बलिक उत्तराखंड के नये सीएम भुवन चंद खंडूरी ने तो बाकायदा कुछ ऐसे फैसले किये हैं जिनसे भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस पहल हो चुकी है। मिसाल के तौर पर खंडूरी ने कुर्सी संभालते ही विधनसभा में तीन ऐसे विधेयक पेश कर दिये जिनसे भ्रष्टाचार पर सीधी चोट हो रही है। इसमें भ्र्रष्टाचार के मामलों से शीघ्र निबटने के लिये विशेष न्यायालयों की स्थापना, जनता को समय पर महत्वपूर्ण सरकारी सेवायें उपलब्ध कराने के लिये सेवा आयोग और सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानांतरण के लिये एनुअल ट्रांस्फर बिल शामिल हैं। सीएम बनने के दो सप्ताह बाद ही खंडूरी ने यह काम करके अपनी उस घोषणा को सही साबित कर दिया है जिसमें उन्होंने अपना पहला काम सरकारी व्यवस्था से भ्रष्टाचार ख़त्म करना बताया था। इतना ही नहीं खंडूरी ने सरकारी सेवकों के लिये अपनी सम्पतित का अनिवार्य रूप से ब्यौरा पेश करना, आय से अधिक सम्पतित ज़ब्त कर उसका जनहित में प्रयोग करना और सिटीज़न चार्टर लागू करने में आनाकानी करने वाले सरकारी अफसरों के खिलाफ जुर्माना लगाने की व्यवस्था की है। इसके साथ ही सरकारी सेवक को एक निशिचत सेवाकाल प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में हर हाल में काटना होगा।

अगर यह कहा जाये कि भाजपा वक्त की नब्ज़ को पहचान रही है तो गलत नहीं होगा। जहां तक इस बात का सवाल है कि सब राजनीतिक दल सत्ता से बाहर रहने के दौरान ऐसे ही दावे और वादे करते हैं और सरकार बनने के बाद उनसे मुकर जाते हैं तो इसका इलाज तो राइट टू रिकाल ही हो सकता है। यह समस्या किसी एक पार्टी या राज्य और केंद्र सरकार की नहीं है बलिक यह हमारी व्यवस्था की खामी है। अगर हम कोर्इ सरकार बदलना चाहते हैं तो उसके स्थान पर किसी दूसरे दल को तो चुनना ही होगा। अन्ना ने कोर्इ राजनीतिक पार्टी न तो बनार्इ, न ही उनका ऐसा करने का इरादा है जिससे उनका यह कहना सही है कि वे सरकार का विरोध करेंगे चाहे इससे भाजपा को लाभ हो या किसी और दल को, उन्हें मतलब नहीं।

पहले भाजपा ने अन्ना हज़ारे के आंदोलन को खुलकर समर्थन दिया। इसके बाद उसने टीम अन्ना के जनलोकपाल बिल को सपोर्ट किया। इसके साथ साथ उसने भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे कर्नाटक के अपनी पार्टी के सीएम येदियुरप्पा का तमाम दबाव और सरकार गिरने के ख़तरे को महसूस करने के बावजूद इस्तीफा दिलाया। बाद में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री निशंक को भी चलता कर साफ सुथरी और अधिक र्इमानदार छवि के पूर्व फौजी मेजर भुवन चंद खंडूरी को चीफ मिनिस्टर बनाकर एक अच्छा संदेश दिया। इतना ही नहीं वरिष्ठ भाजपा नेता एल के आडवाणी ने देश का बदला माहौल और जनता का मूड भांपकर भ्रष्टाचार के खिलाफ रथयात्रा का ऐलान किया तो उनके विरोधियों को रामरथयात्रा की याद दिलाकर देश का माहौल बिगड़ने का अंदेशा जताने का मौका मिल गया लेकिन धीरे धीरे भाजपा ने स्पश्ट कर दिया कि यह यात्रा पहले की तरह नहीं होगी। यह रथयात्रा न तो गुजरात के सोमनाथ मंदिर से शुरू होगी और न ही यूपी के प्रस्तावित राममंदिर के लिये अयोèया को लक्ष्य बनाकर ख़त्म होगी।

भाजपा का यह सबसे बड़ा बदलाव माना जाना चाहिये कि आडवाणी की यह यात्रा समग्र क्रांति के जनक जयप्रकाश नारायण के जन्मस्थल बिहार सिथत सिताब दियारा से शुरू होगी। साथ ही इसको हरी झंडी भी सेकुलर छवि के नीतीश कुमार दिखायेंगे। अब ख़बर आर्इ है कि जनाधार बढ़ाने के लिये भाजपा न केवल विवादास्पद मुददों से किनारा करने का मन बना रही है, बलिक राजग के साथ फिर से नये साथी जोड़ने का भी रथयात्रा को माèयम बनाया जायेगा। आरएसएस के मोदी को पीएम प्रोजेक्ट किये जाने के बावजूद भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में आडवाणी की रथयात्रा को जिस तरह से एकजुट होकर सफल बनाने के संकल्प को दोहराया गया है उससे लगता है कि भाजपा को यह कड़ुवा सच देर से ही सही समझ आ रहा है कि आवाजे़ ख़ल्क को नक्कार ए खुदा समझो।

दरअसल भाजपा यह मानकर चल रही है कि जिस तरह से टू जी स्पैक्ट्रम का घोटाला रोज़ नये आयाम ले रहा है उससे हो सकता है कि जल्दी ही ऐसी सिथति आ जाये कि पीएम मनमोहन सिंह को भी लपेटे में आने पर नैतिकता के दबाव में त्यागपत्र देना पड़े, ऐसी सिथति में ज़रूरी नहीं कि प्रणव दा या युवराज नये पीएम बनकर यूपीए सरकार का बाकी कार्यकाल पूरा करा ही दें। अगर मèयावधि चुनाव होने की नौबत आती है तो उसे दिल्ली की सत्ता हासिल करने के लिये अपनी सीटें बढा़ने के बावजूद अन्य घटकों की एक बार फिर से ज़रूरत पड़ना तय है। यह बात अब किसी से छिपी नहीं रह गयी है कि देश में अभी आगे भी गठबंधन राजनीति ही चलने जा रही है। हालांकि कांग्रेस की तरह भाजपा में भी यह अंतरविरोध सामने आ रहा है कि एक तरफ उसकी मातृसंस्था आरएसएस गुजरात के सीएम मोदी को भावी पीएम देखना चाहती है और दूसरी तरफ न केवल भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बलिक उसके पुराने घटक भी मोदी से ज़्यादा आडवाणी के नाम पर सहमत होते नज़र आ रहे हैं। दरअसल बीजेपी को यह बात दीवार पर लिखी इबारत की तरह साफ नज़र आ रही है कि राजग के दो दर्जन घटक आज उसके साथ घटकर मात्र चार रह गये हैं जिनके बिना लालकिला फतह करना दिन में सपना देखना ही होगा। इस समय भाजपा मोदी सहित उन तमाम विवादित मुददो को एक ओर रखना चाहती है जिनकी वजह से तदेपा, बीजद, रालोद, अगप और टीआरएस जैसे दल उससे दूर चले गये हैं।

बीजेपी भ्रष्टाचार के मुददे पर अगर चुनाव जीतकर सत्ता में आ जाती है तो वह कितनी साफ सुथरी सरकार दे पायेगी यह दावा कोर्इ नहीं कर सकता, क्योंकि बीजेपी की सरकारों का अब तक का रिकार्ड इस मामले में कोर्इ खास बेहतर नहीं रहा है। बहरहाल एक बात जो दीवार पर लिखी इबारत की तरह साफ नज़र आ रही है वह यह है कि बीजेपी यह मान चुकी है कि उसका पुराना हिंदुत्व का एजेंडा इस देश की जनता पसंद नहीं करती जिससे वह मुसिलमों द्वारा ही नहीं बलिक हिंदुओं के बहुमत के द्वारा भी बार बार ठुकरार्इ जा रही है। यह भी एक सच्चार्इ है कि आरएसएस चाहे बीजेपी से कुछ भी चाहे लेकिन बीजेपी को अगर सरकार बनानी है तो उसको वह करना होगा जो इस देश की जनता चाहती है। दरअसल धार्मिक और भावुक मुददों पर लोगों को कुछ समय के लिये ही जोड़ा जा सकता है जबकि ज़मीन से जुड़े आम जनता के मुददों को जब भी जो दल या नेता उठायेगा उसको जनता का जबरदस्त सपोर्ट और विश्वास हासिल होगा यह बात अन्ना हज़ारे ने साबित कर दी है।

होशमंदों की क़यादत में तबाही है बहुत,

रहनुमार्इ को मेरे मालिक कोर्इ पागल भेजदे।।

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इक़बाल हिंदुस्तानी
लेखक 13 वर्षों से हिंदी पाक्षिक पब्लिक ऑब्ज़र्वर का संपादन और प्रकाशन कर रहे हैं। दैनिक बिजनौर टाइम्स ग्रुप में तीन साल संपादन कर चुके हैं। विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में अब तक 1000 से अधिक रचनाओं का प्रकाशन हो चुका है। आकाशवाणी नजीबाबाद पर एक दशक से अधिक अस्थायी कम्पेयर और एनाउंसर रह चुके हैं। रेडियो जर्मनी की हिंदी सेवा में इराक युद्ध पर भारत के युवा पत्रकार के रूप में 15 मिनट के विशेष कार्यक्रम में शामिल हो चुके हैं। प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ लेखक के रूप में जानेमाने हिंदी साहित्यकार जैनेन्द्र कुमार जी द्वारा सम्मानित हो चुके हैं। हिंदी ग़ज़लकार के रूप में दुष्यंत त्यागी एवार्ड से सम्मानित किये जा चुके हैं। स्थानीय नगरपालिका और विधानसभा चुनाव में 1991 से मतगणना पूर्व चुनावी सर्वे और संभावित परिणाम सटीक साबित होते रहे हैं। साम्प्रदायिक सद्भाव और एकता के लिये होली मिलन और ईद मिलन का 1992 से संयोजन और सफल संचालन कर रहे हैं। मोबाइल न. 09412117990

1 COMMENT

  1. नरेन्द्र मोदी बेकार है चोर है?

    ” आखिर क्यों है नरेन्द्र मोदी ख़राब इंसान ? .. क्या गुनाह है कांग्रेस का ? ये वही कांग्रेस है और वही गाँधी परिवार है जिस परिवार ने इस देश के लिए अपनी जान दी है, देश भक्ति से भरी अगर कोई पार्टी है तो सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस ही है बाकि सब पार्टी चोर पार्टी है ..एक ही पार्टी देश को अच्छी तरह से अपाहिज बना कर बैसाखी दे सकती है और चला सकती है…. ख़बरदार अगर किसी ने इस पार्टी को चोर कहा है तो | ”

    ” गुजरात को रेगिस्तान के रूप में सब जानते थे और कहते थे की यहाँ तो सिर्फ रेत ही है और गुजराती और गुजरात को मजाक बना कर रख दिया था कोई जानता नहीं था गुजरात को, क्यों की यहाँ पर कांग्रेस का राज था उस पार्टी का जिसे सिर्फ लुटना आता है और गरीबों को भी २६ रुपये में आमिर बनाना आता है वो भी कागज पर क्यों की भैया अगर हम वाकई में आमिर हो गए तो इस पार्टी को वोट कौन देगा ? .. और कितने आराम से लुट रहे है ये तो देखो ..कांग्रेस की लीला भी अपरम्पार है दोस्त | ”

    ” वही रेगिस्तान गुजरात में आज विश्व भर के सभी उद्योगपति अपनी फेक्टरी लगाना चाहते है सायद वो भी पागल ही है फिर चाहे अपने रतन टाटा , रिलायंस ,फोर्डवाले बाबु ,हेलिकोप्टर की फेक्ट्री लगानेवाले.. ऐसे तो कही उद्योगपति है सायद ये सब पागल है इनके दिमाग का इलाज करवाना पड़ेगा क्यों की ये गुजरात में आ रहे है जिस गुजरात की तरक्की सायद कांग्रेस देख नहीं सकती है ..आज पुरे भारत में सबसे ज्यादा टेक्स भी तो गुजरात से आता है और ये सब उस पागल ” नरेन्द्र मोदी” की वजह से ही हुवा है वर्ना आज भी बंजर ही रहेता गुजरात क्यों ? ..और कांग्रेस भी यही चाहती है की सब बंजर रहे ताकि उनकी वोट बैंक सलामत रहे | ”

    ” नरेन्द्र मोदी ” एक ऐसा पागल है जो तरक्की पर ले जा सकता है और उसने करके भी दिखाया सिर्फ १० साल में ..इस पागल को पता नहीं है की कांग्रेस पिछले ६५ साल से नहीं कर सकी उसने १० साल में कर दिखाया है और गुजरात में रात को बहेन ,बेटी भी सलामत घूम फिर सकती है ..भाई आखिर बहेन बेटी रात को भी घुमे आज़ादी से बिना डर के ये क्या अच्छी बात है ? …कांग्रेस ने तो डर के साथ जीना सिखाया है भाई …ये नरेन्द्र मोदी भी ना सब गलत कर रहा है …अब क्या बताये दोस्त क्या कोई कांग्रेस का मुकाबला कर सकता है ..नरेन्द्र मोदी को पता नहीं है की कांग्रेस के शाशन में हुल्लड़ होते है तो उसे दंगा नहीं कहते है फिर चाहे कांग्रेस के शाशन के वक़्त देश में १३ जगह पर ही क्यों ना हुवे हो दंगे …अरे एक दंगा तो ताज़ा ही है ” राजस्थान ” मगर उसे दंगा नहीं कहा जाता ..क्यों की वहां देश भक्त कांग्रेस का शाशन है | ‘

    ” नरेन्द्र मोदी की इतनी मजाल की उसने गुजरात को सबसे आगे ला कर खड़ा कर दिया ? और नरेन्द्र मोदी कुछ भी बोले तो गुनाह है ये नरेन्द्र मोदी को कोई बताओ ..कांग्रेस के खिलाफ चाहे कितने भी आरोप हो और सबूत हो की ये सरकार ” भ्रस्ताचारी” है और सोनिया गाँधी के निजी दौरे पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है और विदेशों में पड़े “काले धन ” की सूचि में अव्वल हो और स्वित्ज़र्लेंद की पत्रिका चाहे ” राजीव गाँधी ” की तस्वीर के साथ क्यों ना ये कहे की इनके इतने रुपये यहाँ स्विस बैंक में जमा है …फिर भी कांग्रेस ईमानदार और प्रमाणिक ही है ..क्यों की क्या चोर कभी कहेता है की मै चोर हु ? …|”

    ” नरेन्द्र मोदी तो सटिया गया है ..जिस पर एक भूत सवार है की बस तरक्की करो ..अरे पिछले ६५ साल से कांग्रेस ने बनाया अधोगति ,भूख,भ्रस्ताचार ,और डर का नियम क्यों तोड़ रहे हो नरेन्द्र मोदी ..तुम्हारा दिमाग ठीक से काम नहीं कर रहा है क्या जो तरक्की पर तरक्की कर रहे हो …? रेगिस्तान से भरे कच्छ को ..पवन चक्की से भर दिया है ..और फेक्टरियाँ क्यों खुलवा रहे हो ..भाई रेगिस्तान को रेगिस्तान ही रहने दो ..कांग्रेस को अच्छा नहीं लगता है ये सब और हाँ आपके साथ साथ गुजरात की जनता का भी चेकअप करवा लेना वो भी आपको बार बार भरी बहुमति से चुनाव जीत कर देती है जो |”

    ” सुभाष चन्द्र बोसे , भगत सिंह ,सरदार पटेल , चन्द्र शेखर आज़ाद ये सब थोड़े ही देश भक्त थे …अरे देश भक्त तो सिर्फ कांग्रेस का गाँधी परिवार ही है ..हर जगह गाँधी परिवार के पुतले तुम देख सकते हो ..मगर बहुत ही थोड़ी जगह है जहाँ भगत सिंह को देख सकते है ,नेताजी को देख सकते है ..मगर बोफोर्स घोटाले करनेवाले के पुतले जरूर देख सकते है ..भाई ये कांग्रेस है जो तरक्की करनेवाले और सच्ची सेवा करनेवाले का पुतला नहीं बनाती है मगर देशवासीयों को लुट कर स्विस बैंक में अपना अकाउंट जो मजबूत कर सकते है उसका पुतला बनाती है ..क्या बात है ..भाई ?

    ” कपिल सिम्बल , दिग्विजय ,चिदंबरम ,प्रणब ,राजा, कलमाड़ी ,कनिमोजी ..ऐसे धुरंधारोँ से भरी कांग्रेस पार्टी ह देश को चला सकती है अब आप खुद ही देख लो कितने होनहार है ये सब ये लिस्ट तो लम्बी है अगर पूरी लिखूंगा तो जगह कम पड़ेगी और इन प्रमाणिक धुरंधारोँ के सामने टकराने चला है “नरेन्द्र मोदी “..सरफिरा है नरेन्द्र, क्यों ? इन सब के जैसी प्रमाणिकता नरेन्द्र मोदी में नहीं है फिर भी टकराव ..इसे अब कौन समजाये की नरेन्द्र मोदी तेरी हर बात गलत है कांग्रेस की नजर से क्यों की कांग्रेस करे वो लीला होती है और तू करे वो गुनाह ..कांग्रेस कालाधन वापस लाओ कहनेवालों पर लाठिया चला सकती है मगर मोदी किसी पुलिशवाले को गिरफ्तार करे वो सत्ता का दुरुपयोग साबित हो जाता है …कमाल है |”

    ” देश को खुल्ले आम लूटना , बेगुनाह पर लाठियां चलाना ,झूठे वादे करना ,आतंकी को बचाना ,तरक्की के सिर्फ सपने ही दिखाना ,तेलंगाना कहके आन्ध्र प्रदेश की प्रगति को रोकना ,महारास्त्र में बिजली भी ठीक से नहीं देना ,महारास्ट्र में सबसे ज्यादा किशान की आत्महत्या भले ही हो ,कोमनवेल्थ ,२ जी ,बोफोर्स और पूरी बरक्षारी घोटाले की ख़त्म करना ,सी बी आई का गलत इस्तेमाल करना , महेंगाई बढ़ाना …क्या ये सब नरेन्द्र मोदी को आता है …ये सिर्फ और सिर्फ ..प्रमाणिक ,देश भक्त और देश की भलाई चाहनेवाली कांग्रेस ही कर सकती है ..नरेन्द्र मोदी को क्या आता है ..रेगिस्तान गुजरात को विश्व में मशहूर करके तरक्की की राह दिखाना …और गुजरात में बहु बेटियों को सलामती देना ..अरे ये सब काम से देखो कांग्रेस के काम कितने महत्व पूर्ण है …जिसमे तरक्की तो होती है ..मगर किसकी ? …स्विस बैंक में रहे अकाउंट वालों की और तरक्की होती है भारत में गरीबों की और ये काम पूरी लगन और निष्ठां से पिछले ६५ साल से कांग्रेस करती आ रही है क्या ये कम है कितना मुश्किल काम होता है लोगों को गुमराह करना ,चुसना ,गरीबी बढ़ाना ,महेंगाई बढ़ाना भाई ये सब करने के लिए दिमाग चाहिए जो नरेन्द्र मोदी के पास नहीं है |”

    ” नरेन्द्र भाई बेकार की प्रगति करना छोड़ो और कांग्रेस की तरह मजबूत प्रगति करना सीखो ताकि दिग्विजय और बहुत सारे कांग्रेस के नेताओं को तसल्ली मिले ..कुछ सीखो कांग्रेस से की तरक्की किसे कहते है भाई कांग्रेस ना ही आतंकी हमले रोक सकती है और ना ही आतंकी को फांसी दे सकती है देखो कैसे दामाद बनाकर बिठाया है ” कसाब “को और तुम फालतू में किसी आतंकी का एनकाउंटर करते हो तुम्हे पता है एक आतंकी के मरने से कांग्रेस को कितनी तकलीफ होती है भाई आतंकी मरना नहीं चाहिए फिर चाहे जितने भी मासूम देशवासी क्यों न मरे और तुम तो उल्टा कर रहे हो आतंकी को मारकर देशवासियों को जो बचा रहे हो फिर भी कांग्रेस की नजर में तुम ही गुनेहगार हो फिर चाहे कांग्रेस की सरकार ने ही उन आतंकी को मोस्ट वांटेड घोषित क्यों ना किया हो ? ..तुम हर वक़्त कांग्रेस का बना बनाया खेल मत बिगाड़ो एक तो बोलते कम हो और जब भी बोलते हो तो पता है ..कांग्रेस को कितनी तकलीफ होती है और कितनी तकलीफ देश भक्त परिवार को होती है..तुम मौन व्रत ले लो ,जनता तो तुम्हारे साथ ही है |”

    “लोकायुक्त का गलत इस्तेमाल करना और कमला जी जैसे भ्रस्ट इंसान को लोकायुक्त बनाना भी कांग्रेस से सिख लो ..फिर चाहे कोर्ट में कांग्रेस की बोलती बंध क्यों ना हो मगर गलत आयुक्ति तो की उन्होंने ..बोफोर्स घोटाले के आरोपी के जन दिन पर अबजोँ रुपयों का सरकारी धन बर्बाद करना ये सही है मगर तुम्हारी सदभावना पर करोड़ों का धन कहाँ से आया भाई ..ये भी कांग्रेस से सीखो की देश को लुटनेवाले पर देश का धन बिगाड़ना ,खर्च करना अपराध नहीं है ये बात अच्छी तरह से समज लो कसाब पर जो धन खर्च हो रहा है उसकी परवाह सरकार नहीं है ,अफज़ल पर खर्च हो रहे धन की परवाह सरकार को नहीं है मगर तुम्हारे सदभावना पर खर्चा ..इस की परवाह है सरकार को | ”

    ” पहले कांग्रेस की सरकार की तरह लुटना सीखो …१३+१ जगह पर उनकी सरकार होते हुवे भी कौमी दंगे हुवे फिर भी कोई जगह उनका नाम नहीं है ये करना सीखो ,महेंगाई बढ़ाना सीखो ..तरक्की के पीछे दौड़ो मगर स्विस बैंक के अकाउंट की तरक्की के पीछे दौड़ो ..जनता और राज्य की तरक्की के पीछे मत दौड़ो भाई ..कांग्रेस बुरा मान जाएगी …..और कहेगी की ” नरेन्द्र मोदी बेकार है चोर है |”

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