पाकिस्तान को सबक सिखाना ही होगा

सुरेश हिन्दुस्थानी
पाकिस्तान ने एक बार फिर से भारत की कश्मीर घाटी में अपने चरित्र को दोहराया है। बार बार भारतीय सीमा पर हमला कर आतंक फैलाना पाकिस्तान सुधरने की दिशा में जाना ही नहीं चाहता। हालांकि पाकिस्तान इस बात को भली भांति जानता है कि भारत से मुकाबला नहीं किया जा सकता। पाकिस्तान ने भारत द्वारा किए गए सर्जीकल स्ट्राइक के दंश को भोगा है। इसके कारण पाकिस्तान में लम्बे समय तक भयावह वातावरण बना रहा। सरकार के विरोध में जनता के स्वर सुनाई देने लगे। अब फिर से समय आ गया है कि बार बार पाकिस्तान द्वारा की जा रही कायरता पर्ण कार्यवाही का उचित जवाब दिया जाए।
पाकिस्तान की इस कायराना हरकत के कारण पूरा देश गुस्से में है। साथ ही शोक में डूबा हुआ है। हर एक की जुबां पर बस यही एक सवाल है कि आखिर कब तक हम जवानों की शहादत पर आंसू बहाते रहेंगे। कभी सुकमा में हमारे जवानों को निशाना बनाया जाता है तो कभी भारत पाकिस्तान की सीमा पर देश की रक्षा करते करते हमारे जवानों को शहीद होना पड़ता है। आखिर कब सुधरेगा पाकिस्तान? कुछ इसी तरह के अनेक सवाल आज हर देशवासियों के मन में उठ रहे हैं। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान लगातार हमारे जवानों को निशाना बना रहा है, हालांकि भारतीय जवान भी किसी से कम नहीं है। वे भी पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादियों को अपना जवाब दे रहे हैं। वे अगर हमारे दो जवानों को निशाना बनाते हैं तो हमारे जवान उनके दस जवानों को मौत के घाट उतार रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या इसी तरह से सब चलता रहेगा। पाकिस्तान को सुधरना ही होगा। हालांकि पिछले दस सालों की अपेक्षा इन दो-तीन सालों में पाकिस्तान को सुधारने के लिए काफी प्रयास वर्तमान सरकार द्वारा किए गए हैं। सर्जिकल स्ट्राइक इसका बड़ा उदाहरण है। सर्जिकल स्ट्राइक के माध्यम से सरकार ने कम से कम पाकिस्तान को यह जताने का काम तो किया ही कि वह किसी से कम नहीं है, उसको भी पाकिस्तान की भाषा में जवाब देना आता है। जिसकी आज भी आवश्यकता महसूस की जाने लगी है।
भारतीय सीमा पर हमारे दो जवानों की शहादत के बाद पाकिस्तान ने जो कायराना हरकत की, उसके जवाब में भारतीय सेना तुरंत हरकत में आई और उसने पाकिस्तान के दस सैनिक को मौत के घाट उतार दिया लेकिन पाकिस्तान भविष्य में कोई हरकत न कर सके, इसके लिए हमें तैयार रहना होगा और ऐसी ठोस रणनीति तैयार करनी होगी जिससे पाकिस्तान भारत की ओर मुंह उठाकर भी न देख सके। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को घेरने की रणनीति पर भारत को एक बार फिर से कदम बढ़ाने होंगे। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को अपनी बात पुरजोर तरीके से रखना होगी ताकि दुनिया को पता चल सके कि पाकिस्तान भारत के लिए ही खतरा नहीं है बल्कि अन्य देशों के लिए भी खतरा बनता जा रहा है।
पाकिस्तान के बारे में यदि यह कहा जाए कि उसके द्वारा फैलाया जा रहा आतंकवाद आज पूरे विश्व के लिए खतरनाक बनता जा रहा है, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं कही जाएगी। हालांकि इसममें पाकिस्तान के साथ और भी कई देश शामिल हैं, लेकिन यह भी सच्चाई है कि पाकिस्तान ने अपने देश में आतंक का पर्याय बने आकाओं को सुरक्षा प्रदान की। पाकिस्तान यह बात अच्छी तरह से जानता है कि यदि उसने भारत में हिंसा करने की कोशिश की तो पाकिस्तान का अस्तित्व संकट में पड़ सकता है, उसे ध्यान रखना होगा कि 1971 में भारत के साथ टकराने का दुष्परिणाम यह हुआ कि पाकिस्तान का एक भाग बांग्लादेश के नाम से स्थापित हो गया।
पाकिस्तान के बारे में यदि यह कहा जाए तो सर्वथा उचित ही होगा कि उसका जन्म नफरत के आधार पर ही हुआ। यही नहीं उसकी तुलना कुत्ते की पूंछ से की जाए तो भी सही ही होगा। पाकिस्तान की तरफ ने कई बार दोस्ती की कवायद की गई, लेकिन पाकिस्तान ने कभी दोस्ती के महत्व को नहीं समझा और न ही समझने की चेष्टा कर रहा है। वह जाने अनजाने में दोस्ती की भाषा का प्रयोग केवल अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को बताने के लिए ही करता रहा है। लेकिन वह इस बात को भी भली भांति जान चुका है कि आज विश्व पटल पर वह आतंकवादी देश के रुप में विख्यात हो चुका है। और इस छवि से वह चाहकर भी बाहर निकलने की स्थिति में नहीं है। क्योंकि पाकिस्तान में रह रहे आतंकवादी सरकार के इशारे पर नहीं, बल्कि सरकार उनके संकेत पर काम करती हुई दिखाई दे रही है।
वर्तमान में यह प्रतिदिन की बात हो गई है कि भारत-पाक सीमा पर भारतीय सैनिक देश की रक्षा के लिए शहीद हो रहे हैं। लेकिन हमारी सरकार पाक के खिलाफ कड़ा कदम नहीं उठा रही है, जबकि हम पाकिस्तान को सबक सिखाने में सक्षम हैं। हमारे ताकतवर रणबांकुरे वीरता के लिए दुनिया में अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं। हमारी सरकार को पाकिस्तान पर बड़ा हमला करना होगा। इसके बिना हमारे सैनिकों का रोज-रोज शहीद होना बंद नहीं होगा। हमारे यहां एक कहावत कही जाती है कि रोज रोज मरने से अच्छा है कि एक बार मरा जाए। पाकिस्तान की हरकत को सहन करना रोज रोज मरने जैसा है। इससे अच्छा तो यही होगा कि एक बार आर पार की कार्यवाही की जाए और पाकिस्तान की इन कायराना पूर्ण हरकतों का मुंह तोड़ जवाब दिया जाए।
भारत स्थित पाकिस्तानी दूतावास की बात की जाए तो यह बात कई बार उजागर हो चुकी है कि यहां से भारतीय संस्थानों के बारे में अति गोपनीय सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाता है। यहां से कई बार पाकिस्तानी गुप्तचरों को सूचना देते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है। इसके साथ ही हमें इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि हमारे देश में कई पाकिस्तानी गुम हो गए हैं। यह गुम हुए नागरिक क्या कर रहे हैं? यह हमारे गुप्तचर संस्थाओं को पता लगाना होगा। अगर भारत सरकार को कड़ा कदम उठाना है तो सबसे पहले पाकिस्तानी दूतावास को बंद करना होगा, नहीं तो भारत की बातें पाकिस्तान पहुंचती ही रहेंगी। और भारत में पाकिस्तान के आतंकवादियों की घुसपैठ होती रहेगी।
भारतीय सीमा पर अब आतंकवाद अति को पार करता हुआ दिखाई देने लगा है। जहां तक भारतीय जवानों पर गोली चलाने की बात थी, तो यह आमने सामने की लड़ाई में होता ही है, लेकिन जवानों के सिर काट लेना अक्षम्य अपराध है। अब भारत को आरपार की लड़ाई लड़नी होगी। इसके अलावा कोई हल नहीं दिखाई पड़ता। इसमें किसी प्रकार का नरम रवैया नहीं अपनाना होगा, क्योंकि नरम रवैया कई बार अपना चुके हैं और पाकिस्तान भारत की इसी कमजोरी का फायदा उठाता रहा है। सेना को भी बंधनमुक्त करना होगा। उसे इस बात की स्वतंत्रता देनी होगी कि अगर पाकिस्तान भारत की सीमा लांघता है तो हर हाल में सबक सिखाएं, किसी से भी पूछने की जरूरत नहीं है और न ही किसी से आर्डर लेने की जरूरत है। सेना का मनोबल हर हाल में बढ़ाना होगा ताकि वह तात्कालिक निर्णय ले सकें।

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