विश्ववार्ता

आतंक के प्यादे और वजीर

hedlyएल आर गाँधी

प्यादे को फांसी और वजीर को महज़ 35 साल और वह भी अमेरिकन जेल में , बहुत बेइंसाफी है ….हमारे खुर्शीद मियां ने तो साफ़ कर दिया की हेडली भारत का गुनेहगार है …मुंबई के 26/11 आतंकी हमले में अमेरिकन 6 मरे और भारतीय 160 . हम डेविड कोलमैन हेडली उर्फ़ दाउद गिलानी को कसाब से कमतर सजा कभी मंज़ूर नहीं करने वाले …हम उसे सजा देते तो फांसी ही देते ..अमेरिका से हम हेडली को मांगते रहेंगे … यह भी कोई बात हुई …एक मेहमान को पकड़ा और सजा का फरमान सुना डाला .. न कोई मेहमाननवाज़ी – न आव भगत , न नखरे उठाए और न बिरियानी खिलाई …

अतिथि देवोभव …अमेरिका क्या जाने .. अतिथि की कैसे सेवा की जाती है , तो कोई हम से सीखे …कसाब मियां पर आठ आठ बावर्ची लगा रखे थे हमने .. चाहे हम अपने घर में भूखे सोते हों मगर महमान पर 55 करोड़ यूँ लुटा दिए जैसे ढोंगी बाबा की लंगोटी …

 

राजकुमार के प्रवक्ता अल्वी मीयां ने भी लगभग भीख मांगने के अंदाज़ में हेडली जी की मांग अमेरिका से कर डाली है …यूँ तो हम अपने पडोसी पाक से भी अपने दाऊद साहेब और सईद साहेब को मांगते चले आ रहे हैं, मगर हमारा पडोसी खुद ही भिखारी जो ठहरा , हमें क्या देगा ….जब मांगते हैं बहाने बना देता है कभी कहता है …हैं ही नहीं ..ढूंढ लो ! हम तो खुद आतंक् पीड़ित हैं .. वगैरा वगैरा …अब हेडली मियाँ हमारे यहाँ पांच बार आये और हमारे राहुल जी की मेहमान नवाजी से भी नवाजे गए …अब आप ‘राहुल’ से राजकुमार का मुगालता न पाल बैठना .. ये आर एस एस और भाजपा के भगवा आतंकी पहले ही राजकुमार पर हमले की फिराक में बैठे हैं। हमारा इशारा मशहूर मियां महेश भट्ट के सहेबजादे राहुल भट्ट की और है। हैडली जी राहुल भट्ट के मेहमान रहे …मेहमां जो हमारा होता है वो जान से प्यारा होता है ..सो हेडली जी आए .. एक नहीं .. दो नहीं ..पूरे पांच बार आये और चले गए और हम आए मेहमान के मंसूबों को पहचानने में चूक गए .. अब अमेरिका ने पकड़ कर अपने ‘मेहमानखाने’ में डाल दिया तो लगे मांगने … जिन अपनों ने इस मेहमान की खातिरदारी की उनका क्या किया ? कुछ नहीं …अतिथि देवो भव् ..संस्कार जो ठहरे।

 

जब शिंदे जी से हमने पूछा ..मियां हेडली का क्या आचार डालोगे ..पहले जिनको फांसी पर लटकाने के फरमान सुनाए हैं पहले उनसे तो निपट लो , बेचारे अफज़ल मियां एक दशक से ‘जन्नत के दरवाजे पर दस्तक को बेताब बैठे हैं . शिंदे जी ने झट से फ़रमाया भई हम तो अभी अभी ग्रह मंत्री बने हैं , कसाब को लटका दिया और जैसे ही अफज़ल मिया की फ़ाइल् मेरे पास आएगी उन्हें भी लटका दूंगा …फिलहाल तो लगता है ..फाईल ..लटक गई। फिर अपने और पराए आतंकियों को कोई एक आँख से कैसे देख सकता है .. अपने ….अपने जो ठहरे ..

 

लगता है अमेरिकन जज इस्लामिक आतंकियों को और उनके जेहादी मंसूबों को हमसे पहले समझ गए हैं …तभी तो हेडली को 35 साल की सजा सुनाते हुए जज ने बहुत ही गंभीर टिप्पणी की !!

……….’उनके लिए कितनी भी गंभीर सजा देने के बाद भी आतंकियों की फितरत नहीं बदलेगी ‘ .. शायद अमेरिका ने शरियत की जेहादी इबारत पढ़ भी ली और समझ भी ली ..और हम पढ़ कर भी उसे समझने के बहाने ढूंढ रहे हैं …..’तुमरे रब ने हेडली के आखिरत में तय्यार कर दी है . जन्नत में 72 लौंडियाँ और मोती जैसे गिल्मे और वे अंगूर के बाग़ में गद्दे जहाँ नहरें रवां होती हैं ..(सूरा . 45.12) फिर कोई इमाम …किसी कोच्ची की मस्जिद में आतंक के वजीर डेविड कोलमैन हेडली उर्फ़ दाऊद गिलानी के लिए नमाज़ पढ़ेगा …प्यादे के लिए भी पढ़ी थी …और हमारे सेकुलर शैतान इसे एक ‘मज़हबी ‘ मामला कह कर रफा दफा कर देंगे …..