पंजाब में भयंकर धमाके की राजनीति

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अनिल अनूप

पंजाब के अमृतसर स्थित निरंकारी भवन में 18 नवम्बर को बड़ा आतंकी हमला हुआ है. इस आतंकी वारदात में 3 लोगों की मौत हो गई है. जबकि 8 लोग घायल बताये जा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को दोपहर 12 बजे के करीब बाइक सवार तीन युवक निरंकारी भवन के गेट के पास पंहुचे. उनमें से एक ने पिस्टल निकाल कर लोगों पर तान दिया जबकि दूसरे युवक ने निरंकारी भवन के भीतर ग्रेनेड फेंक दिया. बम के फटने से कई लोग इसकी चपेट में आ गए. वारदात के वक्त निरंकारी भवन में सत्संग चल रहा था। बड़ी संख्या में लोग जुटे थे.पिछले कई दिनों से मोदी सरकार के बारे में आम लोग भी ये कहते चल रहे थे की – मोदी के शासन में पूरे भारत में 1 भी आतंकी हमले नहीं हुए, पहले मंदिर, स्टेशन इत्यादि पर हमले होते थे, 26/11 जैसे हमले होते थे, पर मोदी राज में ऐसे आतंकी हमले नहीं हुए .तो अब आप ऐसा नहीं कह सकते क्यूंकि पंजाब में एक आतंकी हमला हो चुका है , और इस हमले में मुख्य नाम आ रहा है इस्लामिक आतंकवादी जाकिर मूसा का, जो कि पाकिस्तानी जनरल बाजवा का आदमी है, और ये जनरल बाजवा पंजाब के मंत्री और अमृतसर के लोकल नेता नवजोत सिंह सिद्धू का दोस्त है.सिद्धू पिछले कई दिनों से पाकिस्तान के साथ मिलकर कई तरह की बातें करने में व्यस्त हैं, इनका पाकिस्तान आना जाना भी हो चुका है, और ये पाकिस्तान परस्ती में पूरी तरह लिप्त हो चुके हैं, और इनके ही राज्य में जहाँ ये मंत्री हैं, और इनके ही खुद के शहर में पाकिस्तानी जनरल बाजवा का आदमी जाकिर मूसा आतंकी हमले कर रहा है.पंजाब में आतंकवाद का दौर वापस लाना पाकिस्तान का एक मिशन है और पाकिस्तान इस काम में लगा हुआ है कि किसी भी तरह कश्मीर जैसा ही पंजाब बन जाये, पिछले कई दिनों से पंजाब में कश्मीरी आतंकियों की गतिविधियाँ भी बढ़ गयी है, और ये सबकुछ कांग्रेस की राज्य सरकार बन्ने के बाद से हुआ है .

आलम तो ये है की कांग्रेस के मंत्री ही पाकिस्तानी जनरल बाजवा के दोस्त है, पंजाब की यूनिवर्सिटीयों में भी कश्मीरी जिहादी सक्रिय हो चुके हैं, पूरे देश में मोदी सरकार के 4.5 साल के काम में 1 ब्लास्ट नहीं हुआ, पहला ब्लास्ट हुआ तो वो भी ऐसे जगह जहाँ कांग्रेस की सरकार है.
जब इस देश में कांग्रेस की सरकार थी तो आये दिन कहीं न कहीं ऐसे आतंकी हमले होते थे, मोदी राज में ये हमले बंद थे, पर 1 हमला हुआ तो भी कांग्रेस के राज में ये हमला भले ही पाकिस्तान ने करवाया हो या जाकिर मूसा ने, पर इस मामले को इतना आसान और सीधा नहीं लिया जा सकता, आखिर सिद्धू की पाकिस्तान से क्या दोस्ती है, बाजवा से क्या रिश्ता है, सिद्धू की गतिविधियों पर एजेंसीयों को नजर रखने की जरुरत है.पिछले दिनों ट्रेन काण्ड और अब बम ब्लास्ट, और सिद्धू जिस तरह मोदी के खिलाफ पाकिस्तान की भाषा बोल रहे है, सबकुछ काफी संदिग्ध है और चीजों की सख्त जांच की जरुरत है, कांग्रेस की सरकार जबतक पंजाब में नहीं थी तब तक ये जाकिर मूसा जैसे लोग सक्रिय नहीं थे, कांग्रेस की सरकार आने के बाद से ही सब कुछ कैसे हो रहा है?

आखिर एक आरोपी पकड़ा गया

इस मामले में पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक प्रेस वार्ता की और इस हमले के बारे में बड़े खुलासे किये. सीएम अमरिंदर सिंह ने बताया कि निरंकारी भवन  ब्लास्ट मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है . पकड़े गए आरोपी का नाम बिक्रमजीत सिंह है जबकि फरार आरोपी का नाम अवतार सिंह है और पुलिस जल्द उसे भी पकड़ लेगी .पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी ने निरंकारी भवन पर ग्रनेड फेंकने की बात को कबूल भी कर लिया है .कैप्टन ने यह भी बताया कि हमले में इस्तेमाल किया गया मोटरसाइकल भी बरामद कर लिया गया है .पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा कि “इस घटना के पीछे कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है और ये पूरी तरह आतंकवाद का मामला है. निरंकारी भवन को इसलिए निशाने पर लिया गया क्योंकि उन्हें निशाना बनाना आसान था. हमें पहले भी इस संस्थान को निशाना बनाए जाने की जानकारी मिली थी जिसके बाद हमने एहतियाती उपाय लिए थे”.बताया जा रहा है कि इस हमले के पीछे हैप्पी पीएचडी का हाथ है. हैप्पी खालिस्तानी आतंकी शबनमदीप के संपर्क में था. हैप्पी ने ही हमला करने के लिए युवकों को पैसे भेजे थे.

 

वो घटनाएं, जिनकी अनदेखी की गई

14 सितंबर- जालंधर के पुलिस स्टेशन पर 4 बम फेंके गए. जांच में पता चला कि हमले के पीछे जाकिर मूसा का हाथ था.

10 अक्टूबर- जालंधर में एक कश्मीरी स्टूडेंट से एके-56 राइफल जब्त की गई, जांच में मूसा का कनेक्शन सामने आया.

16 अक्टूबर- उत्तर प्रदेश की पुलिस पर हमला करने और उनके राइफल छीनने के आरोप में 3 युवाओं को पकड़ा गया. युवाओं ने प्रकाश सिंह बादल पर हमला करने की योजना बनाई हुई थी.

1 नवंबर- खालिस्तानी गदर फोर्स का आतंकी शबनमदीप सिंह पकड़ा गया. पटियाला बस स्टैंड पर हमला करने की योजना थी.

14 नवंबर- 4 लोगों ने एक कार को लूट लिया, जिसमें हथियार रखे हुए थे.

 

ऐसा नहीं है कि राजनीति सिर्फ अमृतसर हादसे पर हो रही है. नेताओं की बयानबाजी के जरिए सेना से लेकर खुफिया एजेंसियों तक को राजनीति में घसीटा जा रहा है.केंद्र इसके लिए राज्य सरकार को दोषी ठहरा रही है तो राज्य सरकार केंद्र पर आरोप मढ़ने में लगी हुई है. बयानबाजी तो यहां तक हो गई है कि इस हमले के लिए सेना प्रमुख को भी जिम्मेदार ठहरा दिया गया है और उन पर भी राजनीति शुरू हो गई है. विपक्ष तो इसे हमला करने के एक मौके की तरह देख रहा है.शिरोमणि अकाली दल और आप ने कांग्रेस की अगुवाई वाली पंजाब सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा है कि पंजाब में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है. सुखबीर सिंह बादल ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ऐसे तत्वों को बढ़ावा दे रही है, जिसका मकसद सिर्फ पंजाब की शांति को भंग करना है.कुछ दिन पहले ही जाकिर मूसा को अमृतसर में देखा गया. आर्मी प्रमुख ने भी कहा कि आतंकी पंजाब में कोई हमला करने की योजना बना रहे हैं. इसके अलावा कई घटनाएं हुईं, जिन्होंने किसी अनहोनी की ओर इशारा किया, लेकिन समय रहते उन्हें समझ नहीं पाने की वजह से अमृतसर हादसा हो गया.पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इसे K2 साजिश का हिस्सा बताया है. उन्होंने कहा है कि काफी समय के बाद शांति भंग करने के लिए ऐसा कोई हमला किया गया है. उन्होंने इसके पीछे आईएसआई द्वारा संरक्षण पाने वाले खालिस्तानी या कश्मीरी आतंकी समूहों का हाथ होने की आशंका जताई है. मामले की जांच एनआई ने अपने हाथ में ले ली है और आईएसआई के K2 मिशन से जोड़ते हुए ही इस हमले की जांच की जा रही है.

K2 मिशन का मतलब

पाकिस्तान के K2 मिशन का सीधा सा मतलब है कश्मीर और खालिस्तान. कश्मीर के जरिए तो पाकिस्तान की ओर से भारत में आतंकी घटनाएं को अंजाम दिया ही जाता था, अब पाकिस्तान की योजना है कि पंजाब में खालिस्तानी आतंकियों को दोबारा सक्रिय किया जा सके. कश्मीर और पंजाब दोनों ही राज्य पाकिस्तान की सीमा से सटे हुए हैं, इसलिए इन्हें निशाना बनाना भी आसान है. इस तरह भारत के खिलाफ दोहरा मोर्चा बनाने की कोशिश की जा रही है. इसीलिए आईएसआई के इशारे पर काम करने वाला तहरीक-ए-आजादी संगठन 2020 तक कश्मीर के साथ-साथ खालिस्तान की ठंडी पड़ चुकी आग को भी भड़काना चाहता है. पाकिस्तान के इशारे पर पंजा साहिब की परिक्रमा के दौरान सिख चरमपंथियों द्वारा ‘सिख रेफरेंडम 2020’ के झंडे तक लहराने की घटना पहले ही सामने आ चुकी है.कश्मीर पर कब्जा करने की नीयत से लगातार पाकिस्तान की तरफ से हमले और आतंकी घुसपैठ होती रहती है, लेकिन भारतीय सेना उनका मुंहतोड़ जवाब दे रही है. कश्मीर में मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई K2 मिशन पर फोकस कर रही है. यानी कश्मीर के बाद अब खालिस्तान मूवमेंट को दोबारा भड़काने की कोशिश, ताकि भारत के खिलाफ दोहरा मोर्चा लाया जा सके. कुछ समय पहले ही आर्मी चीफ बिपिन रावत ने भी कहा था कि बाहरी ताकतों के जरिए एक बार फिर से पंजाब में आतंकवाद को जिंदा करने की साजिश रची जा रही है. रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा भी ये मान चुके हैं कि पाकिस्तान की नजर कश्मीर के साथ-साथ अब पंजाब पर भी टिकी है.

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