प्रधान मंत्री मोदी जी की दिनचर्या

3
136

modi
डॉ. मधुसूदन

एक गुजराती -भाषी मित्र ने, मोदीजी की दिनचर्या भेजी। सोचा, प्रवक्ता के पाठकों को भी रूचि हो। उसका हिन्दी अनुवाद प्रस्तुत है।

प्रधान मंत्री की दिनचर्या।

सबेरे ४:४५ जागना:
–आपका सोने का समय जो कुछ भी हो, पर जागने का समय निश्चित ४:४५ है।
—प्रति दिन सबेरे आप ३० मिनट शौच-स्नान इत्यादि में लगाते हैं।
साथ साथ प्रमुख समाचारों को भी देख लेते हैं।
—पश्चात ३० मिनट ( योगासन ) व्यायाम करते हैं।
—–एवं गत दिवस के संसार के समाचारों का चयन, और भारत के और भा ज प के  समाचारों की (चयनित ) ध्वनि मुद्रिका  (रिकार्डिंग) सुनते हैं।
—–उपरान्त  मंदिर में बैठ १० मिनट ध्यान करते हैं।
—–फिर एक कप चाय लेते हैं। साथ कोई अल्पाहार (नाश्ता) नहीं लेते।
—–६:१५ बजे एक शासकीय विभाग आप के बैठक कक्ष में प्रस्तुति के लिए सज्ज रहता है। उनकी प्रस्तुति होती है।

—–७ से ९ आई हुयी सारी  संचिकाएँ  (फाइलों) देख लेते हैं।
——और आप की माता जी से दूरभाष (फोन)पर बात होती है। कुशल- क्षेम -स्वास्थ्य समाचार पूछते हैं।
{लेखक: भारत का प्रधान मंत्री अपनी माँ के लिए समय निकालता है। क्या, हम भी ऐसा समय निकाल पाते हैं? या हम प्रधान मंत्री जी से अधिक व्यस्त हैं?}

अल्पाहार:
—-९ बजे गाजर और अन्य शाक-फल इत्यादि का अल्पाहार होता है।
साथ निम्न विधि से बना हुआ पंचामृत  (पेय) पीते हैं। {पंचामृत विधि: २० मिलिलिटर मधु, १० मिलिलिटर देशी गौ का घी,  पुदिना, तुलसी, और नीम की कोमल पत्तियों का रस )

कार्यालय
—–९:१५ पर कार्यालय पहुंच कर महत्वपूर्ण बैठकें करते हैं।

भोजन
—-दुपहर भोजन में पाँच वस्तुएं होती है। (गुजराती रोटी, शाक, दाल, सलाद, छाछ)
—–संध्या को चार बजे बिना दूध की नीबू वाली चाय पीते हैं।
—–और  ६ बजे खिचडी और दूध का भोजन.
—–रात्रि के ९ बजे देशी गौ का दूध एक गिलास, सोंठ (अद्रक का चूर्ण) डालकर।
—–मुखवास में, नीबू, काली मिर्च, और भूँजी हुयी अजवाइन (जिससे वायु नही होता) का मिश्रण।
घूमना:
—–९ से  ९:३० घूमना, साथ एक विषय के जानकार, चर्चा करते हुए  साथ घूमते हैं।
—–९:३० से १०:०० सामाजिक  संचार माध्यम (Social Media), साथ  साथ चुने हुए पत्रों के उत्तर देते हैं।

विशेष:
नरेंद्र भाई ने जीवन में कभी बना बनाया, पूर्वपक्व आहार  (Fast Food), नहीं खाया, न बना बनाया पेय(soft drink) पिया है।
—–भारत के ४०० जिलाओं का प्रवास आप ने किया हुआ है।
—–जब गुजरात से दिल्ली गए, तो दो ही वस्तुएँ साथ ले गए। कपडे और पुस्तकें। (लेखक की जानकारी है, कि,उन्हें  स्वभावतः कपडों की विशेष  रूचि है।)वें एक  कपडों भरी, और ६ पुस्तकों भरी (अलमारियाँ)धानियाँ,  ले गए।
——सतत  प्रवास में आप रात को किसी संत के साथ आश्रम में,  या किसी छोटे कार्यकर्ता के घर रूकते थे। होटल में कभी नहीं।
—–वडनगर वाचनालय की सारी पुस्तकें आप ने पढी  थी।
—–किसी प्रसंग विशेष पर आप निजी उपहार में, पुस्तक ही देते थे। गत एक दशक में नव विवाहितों को “सिंह पुरुष” पुस्तक उपहार में देते थे। अब भारत के प्रधान मंत्री के नाते “भगवद्‍गीता उपहार में देते है।
—–वे ब्रश से नहीं पर करंज  का दातुन करते हैं।
—–आप की रसोई में नमक नहीं, पर सैंधव नमक का प्रयोग होता है।
—–प्रवास के समयावधि में  संचिकाएँ (फाइलें), और चर्चा करने वाले मंत्री साथ होते हैं।
—–६४ वर्ष की आयु में आप सीढी पर कठडे़ का आश्रय नहीं  लेते।
—–एक दिन में आपने, १९ तक, सभाएँ  की है।
—–आँख त्रिफला के पानी  से धोते हैं।( त्रिफला: हरडे, आँवला, बेहडा-रात को भीगा कर सबेरे उस का पानी)
—–गुजरात में मुख्य मंत्री थे तब, एक बार स्वाईन फ्लू और एक बार दाढ की पीडा के समय आप को डाक्टर की आवश्यकता पडी थी।
—–प्रधान मंत्री पद पर आने के पश्चात गुजरात के भाजप के कार्यकर्ताओं को दुःखद प्रसंग पर सांत्वना देने, अवश्य दूर भाष करते हैं।(बडे बनने पर भूले नहीं है)
—–आप की निजी सेवा में नियुक्त सभी कर्मचारियों की संतानों की शिक्षा एवं विशेष प्रवृत्तियों के विषय में आप जानकारी रखते हैं। और पूछ ताछ करते रहते हैं।

3 COMMENTS

  1. मोदी जी के विषय में कहने सुनने में आनन्द आता है ! सोच नहीं पा रहा हूँ, कि मेरे अभी तक के जीवनकाल में ऐसा आनन्द क्या पहले भी कभी आया था ?

    लेखक को बहुत बहुत धन्यवाद ।

  2. प्रधान मंत्री की दिनचर्या वास्तव में अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायी है ,यह एक बहुत आदर्श जीवनशैली है विरोधी चाहे कितने भी आरोप लगा लें लेकिन उन में कोई तथ्य नहीं है
    , काश उनकी टीम के अन्य लोगों की भी ऐसी ही जीवनशैली होती व कार्य करने की क्षमता भी

Leave a Reply to mahendra gupta Cancel reply

Please enter your comment!
Please enter your name here