राहुल गांधी पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखें

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समन्वय नंद

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है । उनका कहना है कि कांग्रेस में काम करने के लिए पारिवारिक पृष्ठभूमि अब मायने नहीं रखेगी। संगठन के विभिन्न पदों के लिए व्यक्तित्व और क्षमताओं के आधार पर चुनाव होगा। कांग्रेस में भाई-भतीजावाद के लिए भी कोई स्थान नहीं है। जो कार्यकर्ता संगठन के लिए काम करेगा उसे ही पार्टी में उचित पद दिया जाएगा।

यह एक निर्विवादित सत्य है कि आज राजनीति में परिवारवाद का बोलबाला है । परिवारवाद व भाई भतीजा वाद अपने चरम पर है और यही कारण है कि सामान्य व्यक्ति जिसकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है, कडी मेहनत करने पर भी राजनीति में आगे नहीं आ पा रहा है । उसे हमेशा पीछे ढकेल दिया जाता है । यह एक दुखद पहलु है । इस दृष्टि से देखें तो राहुल गांधी ने काफी अच्छी बात कही है ।

राहुल गांधी का यह बयान काफी महत्व रखता है । राहुल गांधी कांग्रेस के महासचिव ही नहीं हैं बल्कि कांग्रेस की ओर से भारत के भावी प्रधानमंत्री भी हैं । इस कारण उनके बयान का महत्व और बढ जाता है । राहुल गांधी कांग्रेस के बडे पद पर हैं । इस पद पर बैठ कर वह उपदेश प्रदान कर रहे हैं । यहां ध्यान देना होगा कि राहुल गांधी के पास ऐसी क्या योग्यता है जिसके बल पर वह कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के पद पर आसीन हैं । केवल इतना ही नहीं वह वर्तमान के केन्द्र सरकार के कर्ता धर्ता हैं । उनके कहने के अनुसार सरकार चलती है । वह जब ओडिशा के नियमगिरि में आ कर कह देते हैं कि वह डोंगरिया कंधों के दिल्ली में सिपाही हैं, तो अगले ही दिन दिल्ली में पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश वेदांत परियोजना को बंद करने की घोषणा करते हैं । इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह कितने शक्तिशाली हैं । अब एक प्रश्न खडा होता है राहुल गांधी आज जिस पद पर बैठे हैं, उसे हासिल करने के लिए उन्होंने क्या- क्या किया है । उन्होंने इतने बडे ओहदे पर जाने के लिए संगठन में कितना काम किया है । उन्होंने कांग्रेस के नगर- प्रखंड- जिला स्तर पर कौन कौन सी जिम्मेदारियां संभाली हैं और उसमें उनका प्रदर्शन कैसा रहा है इसका विश्लेषण किया जाना चाहिए । उन्होंने कभी नीचले स्तर पर काम ही नहीं किया है । बल्कि उन्हें बडी जिम्मेदारी सीधे ही प्रदान की गई है । राजीव गांधी के परिवार में जन्म लेने के अलावा और क्या-क्या कारण हैं और उनकी और क्या योग्यता है जिसके कारण वह कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव का पद प्राप्त हुआ हो । अगर इस बारे में सर्वे कराया जाए और देश के आम लोगों से प्रश्न किया जाए तो अधिकांश लोग यही कहेंगे कि गांधी परिवार में जन्म लेने के अलावा उनकी कोई दुसरी योग्यता नहीं है जिसके आधार पर वह इतने बडे पद पर पहुंचे हों ।

यही बात उनकी माता सोनिया गांधी पर भी लागू होती है । वह काग्रेस की अध्यक्षा है । राज परिवार में शादी होने के अलावा उनकी कांग्रेस अध्यक्ष बनने की और कोई योग्यता नहीं है । कांग्रेस ने हाल ही में अपने संविधान में परिवर्तन कर कांग्रेस अध्य़क्ष के कार्यकाल को बढाने की घोषणा की है । कांग्रेस चाहे तो सोनिया गांधी को आजीवन इस पद पर बैठा सकती है । इस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है । लेकिन लोगों को जो उपदेश देने से पहले उपदेश करने वाले को उसी तरह का आचरण करना चाहिए । जो शब्द कोई व्यक्ति कह रहा हो उसमें कोई महत्व महत्व नहीं होता । शब्द बोलने वाले व्यक्ति का आचरण कैसा है यह सबसे महत्वपूर्ण है । अगर कोई व्यक्ति उपदेश दे रहा है तो उन उपदेशों को वह अपने जीवन में उतार रहा है कि नहीं यह देखना बडा जरुरी है । अगर व्यक्ति अच्छी अच्छी उपदेश देता है और खूद ही उपदेश के अनुरूप आचरण नहीं करता तो उसे लोग पाखंडी कहेंगे । इसके लिए कई उदाहरण दिये जा सकते हैं । गांव में एक शराबी है और वह हर समय शराब के नशे में धूत रहता है । लेकिन वह लोगों से शराब व अन्य मादक द्रव्य सेवन न करने के लिए उपदेश देता है । कोई भ्रष्ट राजनेता या अधिकारी किसी विद्यालय में मुख्य अतिथि नाते आ कर बच्चों को इमानदारी का पाठ पढाता है । ऐसे में उसके बारे में लोग क्या सोचेंगे और उसके उपदेशों को कितनी गंभीरता से लेंगे । इस तरह के व्यक्ति के उपदेश को लोग पाखंड समझेंगे । इसी तरह कोई साधु यदि शराब न पीने का उपदेश देगा व इमानदार बनने की बात कहेगा तो उसे लोग गंभीरता से लेंगे ।

लगता है कि राहुल गांधी भी उपदेश देने की इस मुद्रा में आ गये हैं । वह लोगों को बता रहे हैं कि परिवारवाद अच्छा नहीं है । परिवारवाद होने के कारण योग्य लोग पिछड रहे हैं । इसे पार पाने के लिए वह आगे आ चुके हैं और आगामी दिनों में परिवारवाद के स्थान पर योग्यता को तरजीह देंगे । लेकिन राहुल गांधी को यह बात भलीभांति समझ लेनी चाहिए कि वह स्वयं भी परिवारवाद के कारण ही कांग्रेस के कर्ता धर्ता बने हैं । वह इस तरह की बात कर न सिर्फ पाखंड कर रहे हैं बल्कि आम लोगों की दृष्टि में हंसी का पात्र बन रहे हैं ।

राहुल गांधी को चाहिए वह अपना आचरण कथनी के अनुरूप बनाएं ताकि उनके शब्दों में शक्ति का संचार हो सके । यदि वह स्वयं तो राजपुत्र होने का सुख भोगते रहेंगे और इसी योग्यता के आधार पर प्रधानमंत्री बनने का सपना पालते रहेंगे तो उनके शब्द व उपदेश हास्यरस ही पैदा करेंगे न कि किसी गंभीर बहस की शुरुआत कर पाएंगे ।

3 COMMENTS

  1. >कांग्रेस चाहे तो सोनिया गांधी को आजीवन इस पद पर बैठा सकती है । इस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है ।

    इस पर भी आपत्ति है… एक लोकतान्त्रिक दल होने का दावा करने वाला दल कैसे इतना अलोकतांत्रिक व्यवहार कर सकता है…हमें इस पर भी आपत्ति है!

  2. प्रवक्ता समुह इस राहुल को क्यो इतना महत्व दे रहा है. राहुल उपेक्षा योग्य है.

  3. MAMA QAVATROCHI JALDI AJAO, BAHUT KAM NIKAL RAHA HAI & I WILL BE AT HIGHEST SEAT WITHIN FEW MONTHS , HOPE THAT THERE RESIDENSE YOU CAMED WITHOUT ANY PERMISSIONED IN PAST , MAMA I WILL BE AT THAT SEAT IN VERY COMING TIME THAN YOU WILL BE FREE AS YOU WAS IN PAST ! MAMU, ABKI BAR, KAI SO GUNA MILAGE, APP KO MALUM HAI KI ……………………IS INDIA……………………. MAI KITNI PROGRESS HO RAHI HAHI ? MAMA, ABKI BAR BANK MAI $ MAT LAI JANA, AB KI BAR TO HUM APKO BAHUT “JAMIN” BHI DAI DENGAI ……………………… JISME AP ARAM SAI Q&G DEVLOPERS (P) LTD KI KAI HAJAR COLONIES KAT SAKTE HAI, MAMU VO HUM SWITERLAND KI TARAH KAREGAI, APP KO TO SAB PATA HAI, SIRF APP KI GUIDNESS CHAIHYE, THAN MONEY DEPOSITED IN SWISS IN COME TO Q/G’S A/C , B/COZ WE KNOW THE DESPOSITORS NAMES, THE DEPOSITORS WILL COME TO US , BOLO MAMA KESE RAHI ! AB JALDI AJO & EK GORI/CHITI BHI DILA DO , MAMU PL ITS VERY URGENT, IF TIME WILL GOAWAY THAN HOW WILL COME OUR’S NEW REPRESENTATIVE , IF OUR’S RPSATVE NT COME IN TIME THAN HOW WE CAN MAKE THEM FOOLISH, MAMA BE HURRY AS U HAD EXPERT & DONE IN PAST …………

    MAMA, ABKE BAR AKELE MAT ANA, NEW GENERATIONS KE 100/200 ADMI LANA TAKI MALL ARAM SAI THIKANE LAGAYA JAI SAKE ?????????
    BUS MAM UNGLIYA THAK GAI , JALDI AJAO ………………

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