रोबोट

1
249

manmohan
एक समय की बात है किसी देश मे एक विद्वान रहता था, उसे अर्थशास्त्र का बहुत ज्ञान था। उसी देश मे एक विदेशी देवी रहती थीं जिनके भक्तों का एक बड़ा समूह था। ये विद्वान भी उसी समूह से जुड़े थे और विदेशी देवी के भक्त थे।
एक दिन देवी ने इन विद्वान महोदय को बुलाकर कहा ‘’क्या तुम इस देश के प्रधानमंत्री बनोगे?’’
‘’मै तो इसे देवी मा का वरदान समझकर ग्रहण करूँगा।‘’ विद्वान ने उत्तर दिया।
‘’यह इतना आसान नहीं है, तुम्हे मेरी एक शर्त माननी होगी’’ देवी ने सावधान करते हुए कहा।
‘’मुझे हर शर्त मंज़ूर है’’ विद्वान ने आश्वासन दिया।
‘’तुम्हे अपनी बुद्धि पर ताला लगाकर चाबी मुझे देनी होगी,’’ देवी ने कहा।
विद्वान ने तुरन्त एक बड़ा सा ताला बुद्धि पर लगाकर चाबी देवी के चरणों मे रख दी, तभी एक चमत्कार हुआ,देवी के चरण छूते ही चाबी रिमोट बन गई और विद्वान रोबोट। इस बात को नौ साल से ऊपर हो चुके हैं , उस देश मे यह रोबोट राज कर रहा है जो कभी अर्थशास्त्री था , देश की अर्थव्यवस्था को रोबोट ने रसातल मे पंहुचा दिया है।
अब रोबोट प्रधानमंत्री रहे या न रहें, उनकी बुद्धि का ताला खुल पायेगा या वो रोबोट से इंसान बन पायेंगे इसमे संदेह है।

Previous articleमानवीय गुणों के अवतार श्रीकृष्ण
Next articleहरियाणा कांग्रेस में फूट का धुंआ
बीनू भटनागर
मनोविज्ञान में एमए की डिग्री हासिल करनेवाली व हिन्दी में रुचि रखने वाली बीनू जी ने रचनात्मक लेखन जीवन में बहुत देर से आरंभ किया, 52 वर्ष की उम्र के बाद कुछ पत्रिकाओं मे जैसे सरिता, गृहलक्ष्मी, जान्हवी और माधुरी सहित कुछ ग़ैर व्यवसायी पत्रिकाओं मे कई कवितायें और लेख प्रकाशित हो चुके हैं। लेखों के विषय सामाजिक, सांसकृतिक, मनोवैज्ञानिक, सामयिक, साहित्यिक धार्मिक, अंधविश्वास और आध्यात्मिकता से जुडे हैं।

1 COMMENT

  1. बहुत खूब बिनू जी ! एकदम सटीक टिप्पणी है ।
    – मनोज ज्वाला

Leave a Reply to मनोज ज्वाला Cancel reply

Please enter your comment!
Please enter your name here