शरीयत क़ानून और सेकुलर शैतान

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-एल आर गांधी-
shariyat

मलेरकोटला के एक गांव में एक मियां ने अपनी ही बेटी को मां बना दिया… गांव वालों पता चला कि मियां जी की बड़ी बेटी जो अपनी मां की मौत के बाद अपने अब्बा के साथ रहती थी, सात माह की गर्भवती है। लड़की से जब पूछा गया तो बताया कि अब्बा मियां ही उसके होने वाले बच्चे के बाप हैं. पड़ोसियों ने मामला गांव की पंचायत के आगे रक्खा… पंचायत ने इस्लामिक कानून की शरिया के अनुसार फैसला सुनाया कि अब अब्बा मियां को इस लड़की का पति मान लिया जाए और ये दोनों मियां-बीवी गांव छोड़ कर कहीं और जा कर रहे समाचार पत्रों में खबर आने के बाद भी प्रशासन, पुलिस और समाज के सैकुलर शैतान चुप हैं… शायद शरिया से पंगा लेने की जुर्रत नहीं है किसी में भी…

सऊदी अरब में एक मौलवी ने अपनी ही पांच बरस की बेटी के साथ रेप किया, यातनाएं दीं और उसके ‘रेक्टम’ को खंडित कर दिया। मौलवी को अपनी बेटी के कौमार्य पर शक था… ज़ख्मों की ताब न सहते हुए ५ वर्षीय मासूम लामा अल घामदी अल्लाह को प्यारी हो गई… शरीयत कानून के तहत मौलवी को २ लाख रियाल का जुर्माना (ब्लड मनी) किया गया जो बच्ची की मां को दिया जाएगा… यदि लामा लड़का होती तो यह (ब्लड मनी) दुगनी अर्थात ४ लाख रियाल होती… इस्लामिक कानून में अब्बा अपने बच्चों और बीवी को ‘मार’ सकता है… सभी महिलाएं नाबालिग हैं… अब्बा लड़कियों को बाल विवाह के लिए बेच भी सकता है। बांग्लादेश में तो एक रेप पीड़ित १४ साला लड़की को ही सजा सुना दी गयी। हिना को सौ कोड़े लगाने की सजा दी गई, मगर ८० कोड़ों के बाद ही वह बेहोश हो गई और ६ दिन बाद अल्लाह को प्यारी हो गई… सचमुच अल्लाह महान ही और उसके शरियाई कानून के तहत सब को न्याय मिलता है!

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एल. आर गान्धी
अर्से से पत्रकारिता से स्वतंत्र पत्रकार के रूप में जुड़ा रहा हूँ … हिंदी व् पत्रकारिता में स्नातकोत्तर किया है । सरकारी सेवा से अवकाश के बाद अनेक वेबसाईट्स के लिए विभिन्न विषयों पर ब्लॉग लेखन … मुख्यत व्यंग ,राजनीतिक ,समाजिक , धार्मिक व् पौराणिक . बेबाक ! … जो है सो है … सत्य -तथ्य से इतर कुछ भी नहीं .... अंतर्मन की आवाज़ को निर्भीक अभिव्यक्ति सत्य पर निजी विचारों और पारम्परिक सामाजिक कुंठाओं के लिए कोई स्थान नहीं .... उस सुदूर आकाश में उड़ रहे … बाज़ … की मानिंद जो एक निश्चित ऊंचाई पर बिना पंख हिलाए … उस बुलंदी पर है …स्थितप्रज्ञ … उतिष्ठकौन्तेय

3 COMMENTS

  1. Gandhi ji aapka lekh padhne ke baad mujhe bohut der tak ye sochna pdaa ki is had tk jab koi jahaalat se bhraa lekh likhta hai to us ko kis andaaz me jawaab dena chahiye aapki tasveer se aapki aayu ka andaaza to hota hai lekin dukh ye hai ki ek lekhak hone ke baad is umr tk bhi aap kuchh seekh nahi paaye aur is tarah ke moorkhtapoorn lekh se logo ko gumraah kar rahe hai aapke lekh me koi bhi baat bina kisi refrence se kahi gyi hai jiska koi mahatvv hi nhi me ek journlist hu din raat saamaj ko apne camera ki aankh se dekhti hu agar kaashi me koi jurm hota hai to uske liye hindu dhrm doshi nhi hai agar koi hindu koi ghinouni harkat kare to uska matlab ye nahi k uske dharm me ye gunaah krna batay gya hai isi tarah jitni bhi udaaharn aapne diye hai uska islaam ya shariyat se koi mtlab nhi hai waasta hi nahi hai behter hoga aap abhi islaam ka achchhi tarah adhdhyyan kare aur uske liye mujhe lgta hai ki aapki aayu kam hai kyu ki aap ke lekh se aapke I.Q. ka khoob anumaan hota hai.

    • कान फ़िल्म उत्सव में जाइल्स जैकब को ईरानी अभिनेत्री लीला हातामी के गाल पर चुंबन लेने देने को इस्लामी धर्मगुरु धार्मिक मान्यताओं का उल्लंघन मान रहे है. अभिनेत्री लीला को शरीयत कानून के अनुसार सरेआम 50 कोड़ो की सजा दी गई.

    • all the events mentioned in the blog are stories from national news papers … you peoples are still living in the 7th century … what you say being women of 21st century about teen talaak’…halalaa’ hizaab’ halaal… crual kilings of animals…zehaad…killings of innocent people on the name of allah..zannat etc tec

  2. कृपया ध्यान दें कि “आपने कहा…” में सूचीबद्ध मेरी टिप्पणी यहाँ उपलब्ध नहीं है|

  3. यहाँ विविधा लेख “शरीयत क़ानून और सेकुलर शैतान” के उद्देश्य को समझने का प्रयत्न कर रहा हूँ| उधर टाइम्ज़ ऑफ इंडिया में महात्मा गाँधी द्वारा उनके पुत्र हरीलाल को “बेटी के बलात्कार” के संबंध में लंदन में नीलामी हेतु उनके गुजराती भाषा में लिखे पत्र का उल्लेख भारतीय पत्रकारिता की संकीर्णता और हठधर्मी को दर्शाता है| कड़ियों के स्वरूप विभिन्न भाषाओं, धर्म, संस्कृति, खान पान, भेष भूषा के होते भारतीय चरित्र एक जंजीर के समान है और जैसे जंजीर अपनी सबसे कमजोर कड़ी से अधिक मजबूत नहीं है, हमें प्रत्येक कड़ी को मजबूत बनाते कुल जंजीर को मजबूत और सुदृढ़ बनाना है| मैं आशा करता हूँ कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नए प्रशासन का मूलाधार विधि एवं व्यवस्था के अंतर्गत भारत विश्व में अन्य देशों के समान सशक्त व समृद्ध बन अपने सभी नागरिकों के लिए सुख साधन जुटाने में समर्थ होगा| सब मिल हमें जंजीर रूपी भारत को सुदृढ़ बनाना है|

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