महिलाएं बेशक प्रत्यक्ष रूप से अपनी भावना का इजहार करने में पुरुषों की अपेक्षा अधिक सकुचाती हैं। लेकिन, संचार के नए माध्यमों के जरिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में वे पुरुषों से आगे हैं। यहां उनका वैचारिक खुलापन भी अधिक झलकता है।
तकनीकी ने महिलाओं की सोच में खुलेपन और उदारता का पुट दिया है। अमेरिका के एक विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि जब महिलाओं को किसी मेलजोल कार्यक्रम के दौरान मोबाइल के जरिए भावना का इजहार करने की छूट दी गई तो वे इस मामले में पुरुषों से आगे निकल गईं। महिलाएं दिल की गहराइयों में छिपी भावना, चाहे वह रोमांस हो या कोई और इसके लिए भाषाई अनुशासन को तोड़ने से वे परहेज नहीं करती।
शोधकर्ताओं ने पाया कि महिलाओं ने एसएमएस के जरिए अपनी भावना का खुले मन से इजहार किया, जबकि पुरुषों के एसएमएस में झिझक का पुट दिखा। इस शोधकार्य के दौरान करीब 1164 एमएमएस का अध्ययन किया गया।
शोधकर्ताओं ने बताया कि प्रत्यक्ष इजहार के मामले में महिलाएं शिष्टाचार का भरपूर ख्याल रखती हैं, लेकिन मोबाइल के जरिए भेजे गए अपने संदेश में वे रोमांस आदि मसलों पर अधिक मुखर हो जाती हैं। वे संक्षिप्त शब्दों का इस्तेमाल कर इजहार को नाटकीय और असरदार बनाने में ज्यादा दिलचस्पी लेती हैं।
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