तूफ़ान मचा है चारो तरफ

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तूफ़ान आयेगा,तूफ़ान आयेगा
तूफ़ान मचा है चारो तरफ
सभी पूछ रहे एक दूजे से
क्या आया वह तुम्हारी तरफ ?

बीवी डिनर के लिए तैयार हो चुकी
मैंने कहा तूफ़ान आ चूका इस तरफ
आज नहीं चलेगे डिनर पर कल चलेंगे
घर में तूफ़ान मच गया चारो तरफ 

स्कूलों की छुट्टी हो चुकी है दो दिन की
सारे बच्चे तूफ़ान मचा रहे है चारो तरफ
तूफ़ान की बात मत पूछो मेरे भैया
इसने बेडा गरख कर रक्खा है चारो तरफ

घर में इस तरह सब दुबक कर बैठे
जैसे तूफ़ान चोर बन कर आया इस तरफ
सबने अपने दरवाजे खिड़की बंद कर रखे
तूफ़ान न आ जाये हमारे घर की तरफ

बीवी बोली मियां से,घर से  निकलना मत
आंधी तूफ़ान आयगे,उनसे तुम जूझना मत
मेरे साथ घर में बैठो ओर कही जाना मत
आंधी तूफ़ान हम मचायेगे किसी कहना मत

आर के रस्तोगी 

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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