कविता साहित्य अधूरी है आज़ादी August 15, 2016 by नरेश भारतीय | Leave a Comment नरेश भारतीय अधूरी क्यों है अभी भी यह आज़ादी? विभाजन को स्वीकार करने की मजबूरी क्या थी? जो कट कर अलग हुए क्या ख़ुश रहे? जो मारकाट से आहत हुए किसके दुश्मन थे? साम्प्रदायिक हत्याओं की भेंट चढ़ती गई आज़ादी सरहद के उस पार जो आज होता दिख रहा विध्वंस और विनाश के कगार पर […] Read more » Featured poem on Independence Day अधूरी है आज़ादी आजादी